प्रसिद्ध धर्म गुरु रजनीश ओशो का 11 दिसंबर को जन्मदिन है। रजनीश मूल रूप से फिलॉसफी के टीचर थे। धर्म और दर्शन की स्थापित मान्यताओं से अलग व्याख्या कर वह विवादित हो गए थे। बहुत कम लोग जानते हैं कि ओशो ने अपने शिक्षण करियर की शुरुआत रायपुर के संस्कृत कॉलेज से की थी, जहां उन्होंने डेढ़ साल साल अपनी सेवाएं दी। यहां प्राचार्य को लगा कि वे अपनी बातों से स्टूडेंट्स को बिगाड़ देंगे, इस डर से उन्होंने ओशो को जॉब छोड़ने को कह दिया था। ओशो के जन्मदिन के अवसर पर हम प्रस्तुत कर रहे हैं ओशो के दस विचार, जो लोगों में आत्मविश्वास भरते हैं।
1- किसी के साथ किसी भी प्रतियोगिता की कोई जरूरत नहीं है, तुम जैसे हो वैसे ही हो सकते हो, और वैसे ही सबसे अच्छे हो.. खुद को स्वीकार करो।
2- उस रास्ते पर मत चलो जहां तुम्हे डर ले जाए,
उस रास्ते पर चलो जहां तुमे प्यार ले जाये,
उस रास्ते पर चलो जिसमें तुम्हे ख़ुशी मिले।
3- आप जितने लोगों से चाहो प्यार कर सकते हो, प्यार के मामले में आप कभी दिवालिया नहीं हो सकते, जितने लोगों से प्रेम करोगे उतना प्यार बढ़ेगा, आपको कभी कहना नहीं पड़ेगा कि अब मेरे पास प्यार नहीं बचा।
4- यहां कोई आपके सपने पूरा करने के लिए नहीं बैठा है। हर कोई अपने सपने पूरे करना चाहता है और अपनी ही सच्चाई में जीता है।
5- जिंदगी में आप जो करना चाहते हैं करिए, ये मत सोचिए कि लोग क्या कहेंगे। क्योंकि लोग तो तब भी कुछ कहेंगे जब आप कुछ नहीं करेंगे।
6- असल सवाल ये नहीं कि मौत के बाद जीवन है कि नहीं, सवाल ये है कि मौत से पहले भी हम ज़िंदा नहीं या नहीं।
7- यदि आप तकलीफ में हैं तो उसकी वजह आप हैं, यदि आप खुश हैं तो उसकी वजह भी सिर्फ आप हैं। कोई और आपकी किसी भी चीज के लिए रेस्पोंसिबल नहीं है, सिर्फ आप हैं। आप ही अपना नर्क हैं और आप ही स्वर्ग हैं।
8- खुद को स्वीकार करो, खुद से प्रेम करो, खुद की पूजा करो... अपने होने को सेलिब्रेट करो।
9- जिंदगी कुछ नहीं है, वह प्यार के पनपने के लिए केवल एक मौक़ा है।
10- मैं तुम्हें सेल्फिश होने को कहता हूं, खुद से प्यार करने के लिए प्रेरित करता हूं। क्योंकि मैं मानता हूं कि जो व्यक्ति खुद से प्यार करता है वह दूसरों से प्यार करता है।