मैं एक बात पिछले कई दिनों से नोटिस कर रहा था......, हर सुबह जब मैं जॉगिंग के जाता,तो एक अंकल-आंटी को पार्क के कोने पर पड़ी एक बेंच पर गुमसुम बैठे देखता. मन में कई बार आता की मैं कुछ देर उनके साथ बैठकर बात करूँ. लेकिन १-२ दिन तो सोचते हुए ही निकल गए. एक दिन मैं उनके पास बेंच पर जा बैठा. देखने में दोनों अच्छे परिवार से लगते थे,साफ़-सुथरे कपडे...,आँखों पर चश्मे....,उम्र लगभग दोनों की ६५ से ७० साल के बीच होगी.
बात सुबह की सैर से होने वाले फायदे से शुरू हुई. बातों-बातों में परिचय हुआ,तो पता चला की उनका एक बेटा है,जो दूर किसी दूसरे शहर में रहता है और अंकल-आंटी का खर्चा भेजता रहता है. अंकल भी किसी सरकारी नौकरी से रिटायर हैं, उनकी पेंशन आती है,सो गुजर- बसर अच्छे से हो जाता है. कुछ देर बाद मैं उठकर चलने लगा, तो आंटी बोलीं- बेटा...., मेरा एक काम कर दोगे.....??? मैंने गर्दन हिलाते हुए कहा- हाँ हाँ आंटी,क्यों नहीं. कुछ देर बाद आंटी बोलीं- बेटा, मोबाइल तो तेरे अंकल ने ला दिया है,लेकिन हमें फेसबुक अपलोड करना नहीं आता ,तुम कर दो न प्लीज .../ और हाँ एक सुन्दर सी किसी हीरोइन की तस्वीर भी ड़ाल देना, जिसको आजकल के लड़के ज्यादा पसंद करते हैं.
मैं अचरज में पड़ गया की आंटी कैसी बात कर रही हैं. खैर मैंने फेसबुक डावनलोड कर सोनम कपूर की फोटो अपलोड कर दी . फिर कुछ झिझकते हुए उनसे पूछा - आपने जो तस्वीर और नाम अपलोड करवाये हैं,उनका आप करोगी क्या .... ??? आंटी बोलीं- बेटा, पैसे तो बेटा हर महीने भेज देता है,पर पोते -पोती को देखे कई कई महीने बीत जाते हैं. सुना है फेसबुक पर बीबी -बच्चों के फोटो लोग डालते रहते हैं. हम लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट तो वह स्वीकार करेगा नहीं,इसलिए फोटो और नाम दूसरा डलवाया है, ताकि हम माँ -बाप बनकर न सही , उसके मित्र बनकर ही उसको और उसके बच्चों को बड़ा होते देख सकें . उसके बाद आंटी के शब्द सुने न गए ...,दिमाग सुन्न रह गया .