shabd-logo

बेटा,हमसे हमारा "जीवन" ना छीनो ....

13 मई 2015

443 बार देखा गया 443
featured image मैं एक बात पिछले कई दिनों से नोटिस कर रहा था......, हर सुबह जब मैं जॉगिंग के जाता,तो एक अंकल-आंटी को पार्क के कोने पर पड़ी एक बेंच पर गुमसुम बैठे देखता. मन में कई बार आता की मैं कुछ देर उनके साथ बैठकर बात करूँ. लेकिन १-२ दिन तो सोचते हुए ही निकल गए. एक दिन मैं उनके पास बेंच पर जा बैठा. देखने में दोनों अच्छे परिवार से लगते थे,साफ़-सुथरे कपडे...,आँखों पर चश्मे....,उम्र लगभग दोनों की ६५ से ७० साल के बीच होगी. बात सुबह की सैर से होने वाले फायदे से शुरू हुई. बातों-बातों में परिचय हुआ,तो पता चला की उनका एक बेटा है,जो दूर किसी दूसरे शहर में रहता है और अंकल-आंटी का खर्चा भेजता रहता है. अंकल भी किसी सरकारी नौकरी से रिटायर हैं, उनकी पेंशन आती है,सो गुजर- बसर अच्छे से हो जाता है. कुछ देर बाद मैं उठकर चलने लगा, तो आंटी बोलीं- बेटा...., मेरा एक काम कर दोगे.....??? मैंने गर्दन हिलाते हुए कहा- हाँ हाँ आंटी,क्यों नहीं. कुछ देर बाद आंटी बोलीं- बेटा, मोबाइल तो तेरे अंकल ने ला दिया है,लेकिन हमें फेसबुक अपलोड करना नहीं आता ,तुम कर दो न प्लीज .../ और हाँ एक सुन्दर सी किसी हीरोइन की तस्वीर भी ड़ाल देना, जिसको आजकल के लड़के ज्यादा पसंद करते हैं. मैं अचरज में पड़ गया की आंटी कैसी बात कर रही हैं. खैर मैंने फेसबुक डावनलोड कर सोनम कपूर की फोटो अपलोड कर दी . फिर कुछ झिझकते हुए उनसे पूछा - आपने जो तस्वीर और नाम अपलोड करवाये हैं,उनका आप करोगी क्या .... ??? आंटी बोलीं- बेटा, पैसे तो बेटा हर महीने भेज देता है,पर पोते -पोती को देखे कई कई महीने बीत जाते हैं. सुना है फेसबुक पर बीबी -बच्चों के फोटो लोग डालते रहते हैं. हम लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट तो वह स्वीकार करेगा नहीं,इसलिए फोटो और नाम दूसरा डलवाया है, ताकि हम माँ -बाप बनकर न सही , उसके मित्र बनकर ही उसको और उसके बच्चों को बड़ा होते देख सकें . उसके बाद आंटी के शब्द सुने न गए ...,दिमाग सुन्न रह गया .

डा० सचिन शर्मा की अन्य किताबें

डा० सचिन शर्मा

डा० सचिन शर्मा

शब्दनगरी कोटि-कोटि धन्यवाद...; रचना को सम्मान देने के लिये.

15 मई 2015

शब्दनगरी संगठन

शब्दनगरी संगठन

प्रिय मित्र , आपकी इस उत्क्रष्ट रचना को शब्दनगरी के फ़ेसबुक , ट्विट्टर एवं गूगल प्लस पेज पर भी प्रकाशित किया गया है । नीचे दिये लिंक्स मे आप अपने पोस्ट देख सकते है - https://plus.google.com/+ShabdanagariIn/posts https://www.facebook.com/shabdanagari https://twitter.com/shabdanagari - प्रियंका शब्दनगरी संगठन

15 मई 2015

शब्दनगरी संगठन

शब्दनगरी संगठन

सचिन जी, जीवन की सच्चाई है जिसे आपने सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है...आशा करते हैं लोग इनसे सीख लेंगे...आभार !

14 मई 2015

डॉ. शिखा कौशिक

डॉ. शिखा कौशिक

bujurgion ko bhi apni aisi nalayak auladon ka moh chod dena hoga .behtar hota ve gareeb bachchon ke liye kuchh karte n ki facebook par nalayak auladon ko dekhne ke liye lalayit rahte .

13 मई 2015

1

त्योहारों से जुड़े कारोबार में अपार संभावनाएं

13 अप्रैल 2015
0
1
2

दुनियां की कुल आबादी के १७.५ % हिस्सेवाला पृथ्वी पर ऐसा कौन सा देश होगा,जहां ७०० से ज्यादा त्यौहार करोड़ों लोगों द्वारा मनाये जाते हैं. भारत के अलावा दूसरे किसी देश की ये खासियत नहीं है. लेकिन इसके बाबजूद हम इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं. चीनी लोगों को ये बात समझ आ गयी है और वे हमारे बाजार

2

बिक्री बढ़ानी है तो सीधे ग्राहक से जुड़िये

14 अप्रैल 2015
0
3
1

पीटर ड्रकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मार्केटिंग गुरु माने जाते हैं. उन्होंने एक मंत्र दिया - "बिक्री बढ़ानी है तो सीधे ग्राहक से जुड़िये." कैडबरी इंडिया ने इस मंत्र को पूरी तरह अपनाया. वह अपने ग्राहकों से सीधे जुडी,उनके ख़ुशी के पलों को उनके साथ मिलकर सेलिब्रेट किया,लोगों के दिल में जगह बनायीं... और

3

बेटा,हमसे हमारा "जीवन" ना छीनो ....

13 मई 2015
0
2
4

मैं एक बात पिछले कई दिनों से नोटिस कर रहा था......, हर सुबह जब मैं जॉगिंग के जाता,तो एक अंकल-आंटी को पार्क के कोने पर पड़ी एक बेंच पर गुमसुम बैठे देखता. मन में कई बार आता की मैं कुछ देर उनके साथ बैठकर बात करूँ. लेकिन १-२ दिन तो सोचते हुए ही निकल गए. एक दिन मैं उनके पास बेंच पर जा बैठा. देखने में

4

जानिए कैसे पता करें सिलेंडर की एक्सपायरी डेट, कैसे मिलेगा बीमा

10 जुलाई 2015
0
4
6

आप के घर में इस्तेमाल होने वाले सिलेंडर की एक्सपायरी डेट क्या है? आप की रसोई में लगे गैस सिलेंडर से हादसा हो जाने पर आपको कितना बीमा मिलता है? ये ऐसे सबाल हैं जिनके जबाव सिलेंडर इस्तेमाल करने वाले शायद 1 फीसद उपभोक्ता भी नहीं जानते होंगे। जागरुकता कम होने के कारण ज्यादातर लोग सिलेंडर बिना एक्सपाय

5

स्वाभिमान

10 जुलाई 2015
0
3
4

महाराणा प्रताप ने जंगलों में अपार कष्टों को झलते हुए एक बार मन की कमज़ोरी का अहसास हुआ . वन में बच्चों को बनायीं हुई घास की रोटी भी कोई जानवर उठा ले गया तो वे मानसिक रूप से टूट गए . उस समय उन्होंने खुद को दयनीय स्थिति में पाकर अकबर से संधि कर लेनी चाही. उनके एक भक्त सेवक चारण को इस बात का प

6

R.T.I. डालने हेतु पत्र तैयार करने का तरीका - (उदाहरणार्थ - अस्पताल में दवाइयों की कमी)

2 अगस्त 2015
0
1
1

सेवा में, जन सूचना अधिकारी, विषय- ..................... महोदय, ........स्थित .......अस्पताल के सम्बंध में निम्न सूचनायें उपलब्ध करायें- 1. दिनॉक ......से ........के बीच अस्पताल के लिये कुल कितनी रकम की दवाईयॉ खरीदी गयीं ? दवाईयों के खरीदने व उन्हें अस्पताल / चिकित्सा केन्द्र के स्टॉक में रखे

7

तुलसी का महत्व क्या है.....???

12 नवम्बर 2015
0
3
0

तुलसी का पौधा बता देगा, आप पर कोई मुसीबत आने वाली है।सभी मित्रों के लिए महत्वपूर्ण है ।क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया कि आपके घर, परिवार या आप पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो उसका असर सबसे पहले आपके घर में स्थित तुलसी के पौधे पर होता है। आप उस पौधे का कितना भी ध्यान रखें धीरे-धीरे वो पौधा सूखन

8

ये गंदगी तो महल वालो ने फैलाई है “साहिब”

14 नवम्बर 2015
0
3
0

ये गंदगी तो महल वालो ने फैलाई है “साहिब”वरना गरीब तो सङको से थैलीयाँ तक उठा लेते है ! -------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------“समुद्र बड़ा होकर भी,अपनी हद में रहता है,जबकि इन्सान छोटा होकर

9

ये गंदगी तो महल वालो ने फैलाई है “साहिब”

23 नवम्बर 2015
0
5
3

ये गंदगी तो महल वालो ने फैलाई है “साहिब”वरना गरीब तो सङको से थैलीयाँ तक उठा लेते है ! -------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------“समुद्र बड़ा होकर भी,अपनी हद में रहता है,जबकि इन्सान छोटा होकर

10

यही है अपना प्यारा डिजिटल इंडिया

24 नवम्बर 2015
0
9
0

मैं स्वप्न-लोक में एक के बाद एक, कई-कई जगहों के कई-कई दृश्य देख रहा था। पहला दृश्य: झमाझम बरसात, न कम और न ज्यादा। दूसरा: हरे-भरे खेत पूर्ण यौवन पर। तीसरा: बालियों से लदे धान के खेत झूमते हुए।सरकारी विज्ञापनों में दिखाया जाने वाला रंगीन पगड़ीधारी किसान नए-नवेले ट्रैक्टर के बगल में खड़ा मुस्कराता हुआ

11

आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या है ....???

5 दिसम्बर 2015
0
4
0

मेरी मोहब्बत मेरे दिल की गफलत थीमैं बेसबब ही उम्र भर तुझे कोसता रहा…..आखिर ये बेवफाई और वफ़ा क्या हैतेरे जाने के बाद देर तक सोचता रहा……मैं इसे किस्मत कहूँ या बदकिस्मती अपनीतुझे पाने के बाद भी तुझे खोजता रहा….सुना था वो मेरे दर्द मे ही छुपा है कहींउसे ढूँढने को मैं अपने ज़ख्म नोचता रहा…

12

ओशो के दस विचार, जो लोगों में आत्मविश्वास भरते हैं :-

15 दिसम्बर 2015
0
6
1

प्रसिद्ध धर्म गुरु रजनीश ओशो का 11 दिसंबर को जन्मदिन है। रजनीश मूल रूप से फिलॉसफी के टीचर थे। धर्म और दर्शन की स्थापित मान्यताओं से अलग व्याख्या कर वह विवादित हो गए थे। बहुत कम लोग जानते हैं कि ओशो ने अपने शिक्षण करियर की शुरुआत रायपुर के संस्कृत कॉलेज से की थी, जहां उन्होंने डेढ़ साल साल अपनी सेवाएं

13

दम तोड़ती संवेदनाएं …

18 दिसम्बर 2015
1
0
0

     बारिश का मौसम था, गली में पानी भरा था, सरकारी स्कूलों की छुट्टी हुई थी . गली में कुछ बच्चे हुर्दंग मचाते एक -दूसरे पर पानी के छींटे मारते जा रहे थे . मैं अपने छोटे से बेटे के साथ घर की बालकनी पर खड़ा ये नज़ारा देख रहा था . तभी मैंने एक अजीब सा हाद्सा देखा . खेलते- खेलते एक बच्चा अचानक बेसुध सा हो

14

भगवान कृष्ण से सीखें ये 10 सक्‍सेस मंत्र :-

21 दिसम्बर 2015
0
6
2

श्रीकृष्ण की सिखाई गई बातें युवाओं के लिए इस युग में भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं, जितनी अर्जुन के लिए रहीं. इस बार शि‍क्षक दिवस और जन्माष्टमी एक ही दिन हैं तो जानिए कि उनके दिए व्यवहारिक ज्ञान का सार कैसे आज के प्रतियोगी युग में भी सफलता की गारंटी देता है :-1. कृष्ण हर मोर्चे पर क्रांतिकारी विचारों के

15

सुबह गुनगुने पानी में शहद डालकर पीने के लाभ :-

21 दिसम्बर 2015
0
8
4

       इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा होता है। शहद को गर्म पानी के साथ लेने से वजन कम होता है। और इसके नियमित सेवन से सेहत से जुड़ी कई समस्याओंसे हमेशा के लिए निजात मिल सकती है। 1. पाचन सुधारे :-अच्छे पाचन के लिए

16

जब देश में एक चपरासी के लिए योग्यता तय है , तो नेताओं के लिए योग्यता निर्धारित होनी चाहिए या नहीं …?

23 दिसम्बर 2015
0
1
6

17

sachin sharma's Knowledge Tonic

25 दिसम्बर 2015
0
0
0

18

सिर्फ पढ़े - लिखे ही बनें जनप्रतिनिधि

26 दिसम्बर 2015
0
5
1

      अधिकतर गैर-बीजेपी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय की कटु आलोचना की है, जिसमें उसने पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता निर्धारित वाले हरियाणा सरकार के कानून को वाजिब करार दिया है। न्यायालय ने कहा कि ‘यह सिर्फ शिक्षा है जो मनुष्य को सही-गलत, अच्छे-बुरे में भेद करने का सामर्थ्य

19

इन सबको खाने से भला कौन रोक सकता है :-

26 दिसम्बर 2015
0
2
0

    हे वत्स ! सब नेताओं की नीति एक है। भले ही इनकी पार्टी अलग-अलग है। भले ही इनके झंडे अलग-अलग हैं। भले ही इनकी टोपियां अलग-अलग हैं। भले ही इनके चुनाव चिन्ह भी अलग हैं। तू इनका झंडा, इनकी टोपी, इनका चिन्ह और इनके नाना प्रकार के रंग देखकर भ्रम‌ित मत हो। ये मन कर्म और वचन से एक ही हैं। तू इन्हें बुद्ध

20

वयस्क हैं तो अपने स्मार्टफोन में जरूर रखें ये 5 ऐप

28 दिसम्बर 2015
0
3
1

       ये ऐप उन लोगों के लिए सेहत की चाबी साबित हो सकता है जो अक्सर पानी पीना भूल जाते हैं। कितना और कब पानी पिएं, इस बात की चिंता इस ऐप पर छोड़ दीजिए। प्लांट नैनी एक ऐप है जो आपको आपकी जरूरत के अनुसार पानी पीने के लिए रिमाइंडर देता है। इस ऐप के जरिए एक छोटा प्लांट बडी आपके फोन स्क्रीन पर पानी का रि

21

बोर्ड एग्‍जाम में कम नंबर लाने वाले बेटे के नाम पिता का खुला खत

29 दिसम्बर 2015
0
6
3

    बोर्ड एग्‍जाम में कम नंबर आने से अक्‍सर हम निराशा हो जाते हैं, लेकिन अगर पेरेंट्स बच्‍चे का साथ दें तो मुश्किल आसान हो जाती है. एग्‍जाम में कम नंबर लाने वाले ऐसे ही एक बेटे का नाम पिता का खत :-  मेरे प्रिय बेटे,   आज तुम्‍हारे फोन का इंतजार कर रहा था. हर रोज की तरह तुम मुझसे पूछते हो कि पापा ऑफि

22

स्मार्टफोन, कंप्यूटर और फेसबुक के साइड इफेक्ट

30 दिसम्बर 2015
0
3
1

 शायद तकनीक को ज्यादा इस्तेमाल करने वाले दंपति ऐसा महसूस कर रहे होंगे कि व्हाट्सऐप और फेसबुक ने उनके बीच दूरियां बढ़ा दी है। अपने अपने नेटवर्क में व्यस्त रहना और आपस में संवाद कम करना ही तकनीक का सबसे बड़ा नुकसान है। आजकल कपल्स के बीच तकनीक के चलते जो दूरी आ गई है वो आने वाले दिनों में बढ़ने वाली है

23

"बेटियाँ मंदिर की घंटियाँ होती हैं"

1 जनवरी 2016
0
6
3

बेटियाँ रिश्तों-सी पाक होती हैंजो बुनती हैं एक शालअपने संबंधों के धागे से।बेटियाँ धान-सी होती हैंपक जाने पर जिन्हेंकट जाना होता है, जड़ से अपनीफिर रोप दिया जाता है जिन्हेंनई ज़मीन में।बेटियाँ मंदिर की घंटियाँ होती हैं,जो बजा करती हैंकभी पीहर तो कभी ससुराल में।बेटियाँ पतंगें होती हैंजो कट जाया करती ह

24

ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तक : कुँअर बेचैन

3 जनवरी 2016
0
4
1

ज़िंदगी यूँ भी जली, यूँ भी जली मीलों तक,चाँदनी चार क‍़दम, धूप चली मीलों तक /प्यार का गाँव अजब गाँव है जिसमें अक्सर,ख़त्म होती ही नहीं दुख की गली मीलों तक /प्यार में कैसी थकन कहके ये घर से निकली,कृष्ण की खोज में वृषभानु-लली मीलों तक /घर से निकला तो चली साथ में बिटिया की हँसी,ख़ुशबुएँ देती रही नन्हीं

25

वर्ना रो पड़ोगे :-

4 जनवरी 2016
0
5
0

बंद होंठों में छुपा लोये हँसी के फूलवर्ना रो पड़ोगे।हैं हवा के पासअनगिन आरियाँकटखने तूफान कीतैयारियाँकर न देना आँधियों कोरोकने की भूलवर्ना रो पड़ोगे।हर नदी परअब प्रलय के खेल हैंहर लहर के ढंग भीबेमेल हैंफेंक मत देना नदी परनिज व्यथा की धूलवर्ना रो पड़ोगे।बंद होंठों में छुपा लोये हँसी के फूलवर्ना रो पड

26

मोदी जी , आपको अपने घर में लगी आग बुझाने का ख़याल नहीं आता ?

5 जनवरी 2016
0
1
1

'बेकसूर लोग मारे गए और राजनेता तुच्छ बयानबाजी में उलझे रहे.' 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद एक अंग्रेजी अखबार ने इन्हीं शब्दों में देश के हालात बयां किए थे. साल बदले, सत्ता बदली लेकिन हालात बिल्कुल वैसे ही हैं. देश में आतंकी हमला होता है. जवान शहीद होते हैं. घायल होते हैं. उनका परिवार बिलखता है. देश

27

"तनावमुक्ति के उपाय"

7 जनवरी 2016
0
2
1

   आधुनिक जीवन में तनाव न हो यह संभव नहीं है. जीवन मिला है तो रोजमर्रा की परेशानियां भी मिली हैं. गरीब, मध्यवर्गीय, धनी, धनकुबेर – सभी किसी-न-किसी कारण से चिंतित रहते हैं और तनाव उनके शरीर को खोखला करता रहता है. समस्याओं की प्रतिक्रिया करने से तनाव उपजता है. तनाव जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है. हांला

28

10 विचार जो आपको देंगे हर हालत में जीतने का जज्बा

10 जनवरी 2016
0
1
0

मंजिल पर पहुंचने से पहले का रास्ता थकाने और हिम्मत तोड़ने वाला होता है. ऐसे में कोई भी हार कर बैठ सकता है. लेकिन जो अपने जज्बे को बनाए रखते हैं, वे बाद में किस्मत के धनी कहलाते हैं. अगर आप भी इस श्रेणी में आना चाहते हैं तो दुनिया की कुछ बड़ी हस्तियों की इन 10 बातों को जरूर याद रखें -1. सत्य से बड़ा

29

रामजन्मभूमि मुद्दे पर सेमिनार के आयोजन को लेकर "दिल्ली विश्वविद्यालय" सियासी अखाड़े में बदल गया है. क्या एक शैक्षिक संस्थान को विवादों में लाना उचित है ?

10 जनवरी 2016
0
0
3

30

मनुबेन की डायरी के अंश: दुनिया जो कहती है वह कहती रहे....

11 जनवरी 2016
0
2
0

महात्मा गांधी की अंतरंग सहयात्री की हाल ही में मिली डायरी बताती है कि ब्रह्मचर्य को लेकर किए गए उनके प्रयोग ने मनुबेन के जीवन को कैसे बदल डाला. वह भारतीय इतिहास का एक जाना-पहचाना चेहरा है जो आखिरी दो साल में ‘सहारा’ बनकर साये की तरह महात्मा गांधी के साथ रही. फिर भी यह चेहरा लोगों के लिए एक पहेली है.

31

आज के दौर में….

14 जनवरी 2016
0
4
2

ऊँची इमारतों से मकान मेरा घिर गया,कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए।गिन गिन के सिक्के हाथ मेरा खुरदरा हुआजाती रही वो स्पर्श की नरमी,बुरा हुआ।कौन सा शेर सुनाऊँ मैं तुम्हे, सोचता हूँ,नया उलझा है बहुत, और पुराना मुश्किल।सब का ख़ुशी से फासला एक कदम है,हर घर में बस एक ही कमरा कम है।अपनी वज्हे-बर्बादी स

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए