अस्मत
शीतल ,स्वच्छ ,निर्मल,अदभुत था उसका आँचलअब उस आँचलमें दाग लग गये ,भेडियो की टोली थीवो एकदम अकेली थीजब तक थी हिम्मत वो लडती रहीअपवित्र न हो तन , संघर्ष करती रहीहार गयी हैवानो सेबिगड़े हुए इंसानों सेलुटी हुई अस्मत, पर संघर्ष जारी थाबलात्कारी लड़की का साहस इज्जतदारो पर भारी थाप्रेमी जो कहता था तुम हो चाँद