*सनातन धर्म की मान्यतायें एवं परम्परायें आदिकाल से दिव्य रही हैं | हमारे पूर्वजों ने जो नियम बनाए थे उसमें मानव का हित समाहित था | मानव जीवन में अनेक प्रकार की पुण्य धर्म करने का वर्णन मिलता है इन्हीं में दान को बहुत बड़ा महत्व दिया गया है | दान करके मनुष्य अपनी जाने अनजाने कर्मों से छुटकारा तो पाता
*जब परमात्मा ने इस सृष्टि की रचना की तो सबसे पहले नर - नारी के जोड़े को उत्पन्न किया | नर - नारी की सृष्टि करने के बाद मैथुनी सृष्टि की आधारशिला रखते हुए परमात्मा ने सृष्टि को गतिमान किया | पुरुष को पिता एवं नारी का माँ की संज्ञा दी गयी | जब प्रथम जीव उस माँ के गर्भ में आया तब उसने ईश्वर से प्रार्थन