17 जून 2015
12 फ़ॉलोअर्स
हमारे हाथ में है जो कलम वो सच ही लिखेगी , कलम के कातिलों से इस तरह करी बगावत है !D
बहुत अच्छी रचना लगी
21 जून 2015
लाखों में एक रचना आपकी .... बहुत ही बढ़िया ...
20 जून 2015
hamesha se purush apni satta se harta hi raha hai ram bhi hare .vicharniy abhivyakti .
17 जून 2015
नारी को उपयुक्त स्थान के उपलक्ष्य में एक उत्कृष्ट रचना
17 जून 2015
अति सुन्दर सृजन डॉ. शिखा जी ! बधाई !
17 जून 2015