2 जून 2015
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हमारे हाथ में है जो कलम वो सच ही लिखेगी , कलम के कातिलों से इस तरह करी बगावत है !D
कौन है जो शब्दाहार यूँ बनाता है...अति सुन्दर रचना !
10 जून 2015
अति सुन्दर !
3 जून 2015
शिखा जी, अति सुन्दर रचना...शब्दों के ये मोती यूं ही शब्दाहार बनकर सुशोभित होते रहें...हमारी कामना है...आभार !
3 जून 2015
सही कहा आपने " सन्देश-प्रेषित कर रहा वो अदृश्य कौन ? " बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति शिखा जी ,,साभार धन्यवाद
2 जून 2015
bahut sundar bhavon se saji abhivyakti .aabhar
2 जून 2015