5 मई 2015
12 फ़ॉलोअर्स
हमारे हाथ में है जो कलम वो सच ही लिखेगी , कलम के कातिलों से इस तरह करी बगावत है !D
अच्छी पंक्तिया .....
10 मई 2015
मिट रहा 'नूतन' सुरूर आपसी यक़ीन का , हो बाज़ार या मिज़ाज़ पड़ गए ये सर्द हैं...उत्कृष्ट अभिव्यक्ति, आभार !
6 मई 2015
abhivyakti dard kee unchaiyan chhu rahi hai .bahut bhavpoorn abhivyakti .aabhar
5 मई 2015
बहुत ही उत्तम विचार हैं दंगाईयों को हत्तोत्साहित करने के लिए
5 मई 2015