17 अप्रैल 2015
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हमारे हाथ में है जो कलम वो सच ही लिखेगी , कलम के कातिलों से इस तरह करी बगावत है !D
बहुत बड़ा यथार्थ लिख दिया शिखा जी .मिलती हैं ऐसी लड़कियां बसो में आते-जाते लगता ही नहीं कि कॉलेज जा रही हैं ऐसा ही लगता है जैसे फैशन परेड में शामिल होने जा रही हैं .
17 अप्रैल 2015