24 जून 2015
12 फ़ॉलोअर्स
हमारे हाथ में है जो कलम वो सच ही लिखेगी , कलम के कातिलों से इस तरह करी बगावत है !D
बहुत सही
23 सितम्बर 2015
bahut hi sarthak abhivyakti .badhai
25 जून 2015
हज़ारो में एक रचना .... बहुत ही खूब
25 जून 2015
बहुत खूब- महिलाओं के बारे में अहम के मोह से बाहर निकलना पुरुषों के लिए बहुत कठिन है और तुलसी काल में तो अति कठिन था
25 जून 2015