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अपने सपने -(भाग -17)

22 मार्च 2022

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शीर्षक -"वो एक कविता"

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वो एक कविता ही तो होती है,
जो हमेशा साथ चलती है,
जो हमेशा पास रहती है,
वो एक कविता ही तो होती है।

जो किसी की पहचान होती है,
जो किसी की सम्मान होती है,
वो एक कविता ही तो होती है।

जो हमें जिंदा रखती है,
खुद को पन्नों में कैद हो कर,
वो एक कविता ही तो होती है।

जो हमारी आवाज होती है,
जो बेजुवाँ हो कर भी बोल जाती है,
वो एक कविता ही तो होती है।

जो अजनबियों के दिल में भी,
अपनी खुद की पनाह बना लेती है,
वो एक कविता ही तो होती है।

जो मिटाने से भी न मिटाती है,

वो पन्नों में उतर कर रह जाती है,
वो एक कविता ही तो होती है।

जब दुनिया छोड़ जाओगे तो,
तुम्हरी लिखी हुई कविता ही तो,
तुम्हारी याद हमेशा हमेशा दिला जाएगी,
वो एक कविता ही तो होती है।

जो धड़कने बंद हो जाने पर भी,
जमाने भर में कविता बन कर,
धड़का करेगी,
वो एक कविता ही तो होती है,
जो हमेशा साथ चलती है।
181


7 अप्रैल 2022

7 अप्रैल 2022

27
रचनाएँ
अपने सपने
5.0
ये किताब कविता शायरी संग्रह है आप सब सोच रहे होंगे की अपने सपने नाम आखिर क्यों रखा गया है। तो जिंदगी में कभी कभी अपनी जिम्मेदारीयों की वजह से हम सब के दिल में कुछ न कुछ सपने अधूरे रह जाते हैं तो हमारे सपने को नाम दे कर उन्हें हमने अपने सपने लिख दिया है ❤❤
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6 मार्च 2022
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7 मार्च 2022
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शीर्षक -अनकही बातें कुछ यादें अनकही रह जाती है,कुछ वादे अनकही रह जाती है।प्यार के कुछ किस्से,कुछ बातें अनकही रह जाती है।कुछ यादें कुछ बातें कुछ पल,कुछ प्यार कुछ किस्से,कभी कभी अनकही रह जाती है।जो

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अपने सपने -(भाग -3)

8 मार्च 2022
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अपने सपने -(भाग -4)

9 मार्च 2022
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अपने सपने--(भाग -5)

10 मार्च 2022
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शीर्षक -एकउम्मीदएक उम्मीद ही तो,बची है जिंदगी में,एक बार तो तुमसे,मिलूंगा और पूछूंगा।की अब भी मुझे याद,करते हो अब भी मुझे,प्यार करते हो,अब भी मेरा इंतजार,करते हो।अब भी तुम मुझपेतुम मरते

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अपने सपने --(भाग -6)

11 मार्च 2022
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शीर्षक -मनमन इतना विचलित क्यूँ होता है।मन तू इतना चिंतित क्यों होता है,हर वक्त तू डरा और सहमा सा क्यों रहता है।हर वक्त तू बुझा बुझा छुपा छुपा क्यों रहता है,मुश्

7

अपने सपने -(भाग -7)

12 मार्च 2022
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शीर्षक --(अँखियाँ )अँखियों के झरोखे में,आपके इस कदर खोये हम की, की हर लम्हा खूबसूरत,बन गया।हर पल अनमोल बन गया,इन आँखों में तेरे सिवा कोई,फिर आया ही नही।तुम्हारे सिवा अँखियों के झरोखे में,तुम ही अ

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14 मार्च 2022
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शीर्षक -बचपन की वो शैतानीबचपन की कहानियाँ,बचपन की शैतानीयाँ,हमें आज भी बहुत याद आती है।बचपन की वो शैतानीयाँ,दादी और नानी की कहानियाँ,हमें आज भी बहुत याद आती है,बचपन की वो शतानीयाँ। &nbsp

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अपने सपने --( भाग -9 )

15 मार्च 2022
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शीर्षक -बड़े प्यारे होतुम बड़े प्यारे लगते हो, चाँद से भी न्यारे लगते हो।चांदनी रातों

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16 मार्च 2022
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शीर्षक- "आप हो तो हम हैं "माँ बाबा आप हो तो हम हैं,साथ हैं तो दम है,आपके बिना तो हमसब कम हैं।हर मुश्किल से लड़ना सीखलाया है,हर गम में मुस्कुराना सिखालाया है।आप हमेशा रहना संग,चाहे आये जिंदगी में कोई रं

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18 मार्च 2022
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शीर्षक --होली1.गौरा महादेव के संग रहे,होली के इस पावन त्यौहार में,हर किसी के जीवन हर्षों उल्लास रहे,खुशियों की बाहर रहे।2.राधा का रंग हो,कान्हा का प्यार हो,सबको मुबारक होली का त्योहार हो।

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शीर्षक- होली विशेषहोली का नाम सुनकर,याद आ गया रंगों का त्यौहार,मन में छा गई,खुशियों की बौछार।आओ सब मिल कर खेलें होली,आई आई रंगों की टोली,सब हिल मिल कर,संग संग खेलेंगे होली।गलियों में बजे ढ़ोल मंजिरे,सब

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20 मार्च 2022
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शीर्षक -खोमोशीयाँखामोशियाँ भी अब तो बातें करने लगी है,वो तो अब चुप रहने लगे हैं।महफिल में छाई है तन्हाईयाँ,अब तो उनकी ख़ामोशीयाँ भीबातें करने लगी।कैसे पूछूँ कैसे बताऊँ अपनी मज़बूरीयाँ,अब तो खामोशि

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20 मार्च 2022
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21 मार्च 2022
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शीर्षक --कविता 141हर कविता वो छोटी हो या बड़ी,हमें उससे कुछ न कुछ सीख ही मिलता है।कविता तो कविता होता है,जो अल्फाजों से सजकर,आँखों को भाता है।कविता जो पन्नों पर कलम,के साथ मिलकर मन के भावों,के साथ

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22 मार्च 2022
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शीर्षक -"वो एक कविता"वो एक कविता ही तो होती है,जो हमेशा साथ चलती है,जो हमेशा पास रहती है,वो एक कविता ही तो होती है।जो किसी की पहचान होती है,जो किसी की सम्मान होती है,वो एक कविता ही तो होती है।जो हमें

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अपने सपने --(भाग -20)

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अपने सपने --(भाग -21)

24 मार्च 2022
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शीर्षक -आखिर वो आखिर वो कैसे इतना सबकुछ कैसे कर लेतीं हैंअपनों की ख़ुशी के लिए अपने ख़ुशी उनकेलिए उनकी जिंदगी में कोई मायने नहीरखती है बसअपनों की खुशियोंके लिएवो हमेशा खुश हो क

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अपने सपने --(भाग -22)

25 मार्च 2022
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शीर्षक --खामोशी का दर्द जब किसी की मोहब्बत जुदाहोती है तो लव खामोश खुद ब खुदहो जाते हैंख़ामोशी की चादर में खुद कोलपेट लेते हैं ख़ामोशी के दर्दको खुद सहते हैं उफ़ भी न करते हैंउस जुदा मोहब्बत क

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अपने सपने --(भाग -23)

27 मार्च 2022
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शीर्षक-----"माँ का आँचल"मेरी माँ के आँचल में बीता मेरा बचपन,वो भगवान तो नही है पर मेरे लिए है भगवान।मेरी माँ मेरे लिए इस जहाँ में,मेरे मन के मंदिर में भगवान से कम नही है।माँ सुनती है मेरे दिल की धड़कन,

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अपने सपने --(भाग -24)

27 मार्च 2022
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शीर्षक ---बचपन की बातेबचपन की बीती बातें,यादों को ताज़ा कर गई।आज भी याद आ जाती,बीती बातें बचपन की,जिसे याद करके दिल,गुदगुदा जाता है।अपने बचपन की बीती बातें,याद करके दिल उदास तो,नही होता है बस मुस

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अपने सपने --(भाग --25)

27 मार्च 2022
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शीर्षक --"ये जीवन है "ये जीवन क्षणभंगूर है,ये रूप भी क्षणभंगूर है,ये काया भी क्षणभंगूर है,ये माया भी क्षणभंगूर है,फिर सब इसको पाने के,लिए व्याकुल होते फिरते हैं।बस ये जीवन साँसो का,ताना बाना है।जिंदगी

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अपने सपने -(भाग --26)

30 मार्च 2022
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शीर्षक --क्षणभंगूर ये जीवन क्षणभंगूर हैये रूप भी क्षणभंगूर हैये काया भी क्षणभंगूर हैये माया भी क्षणभंगूर हैफिर सब इसको पाने केलिए व्याकुल होते फिरते हैंबस ये जीवन साँसो काताना बाना हैजिंदगी का बस

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अपने सपने --(भाग -27)

30 मार्च 2022
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शीर्षक --बेटियांबेटियाँ घर की मान हैबेटियां घर की महेमान हैजिनके यहाँ होती है बेटियां उनके घर की होती पहचान है बेटियां सम्मान होती है&nbsp

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