यह उन कविताओं का संग्रह है जिनमें जितना आनन्द का अमृत है, उतना ही वेदना का विष। कवि चाहे अमृत दे, चाहे विष, इनके स्रोत इसी धरती में हों तो उसकी कविता अमर है। … जैसे 'उड़ि जहाज को पंछी फिरि जहाज पर आवै', निराला की कविता आकाश में चक्कर काटने के बाद इसी
बुआ जी के घर रहते हुए जीवन के विभिन्न रूप दिखे. गांव के लोगों का निश्छल जीवन था तब और आज की तरह वो राजनीती के शिकार नहीं हुए थे.
यह किताब हमें जीवन मूल्यों का असीम ज्ञान प्रदान करता है। मुश्किलों का निष्कर्ष भी देता है।हमारे जीवन प्रश्नों का जवाब भी इसमे मिलता है।यह धर्म और अध्यात्म के बारे मै भी बताता है।यह किताब किसी का भी जीवनशैली को बदलने और बेहतर बनाने मे कारगार है। #एक
ये कहानी है उस दौर के एक प्रेमी जोड़े की जब फ़ोन , इंटरनेट जैसी कोई सुविधा नहीं थी । ये वो दौर था जहाँ कागज़ ही अपने दिल का हाल बयान करने का एकमात्र साधन था । बेहरोज़ हॉस्टल से पढाई पूरी कर के अपने घर लौटता है । अचानक उसकी मुलाकात अपने ही इलाके की नाज़ से
नमस्कार वाचकों , मैंने अपनी किताब में अपने अनुभवों के लफ़्ज़ों से जज़्बात के हर पहलू को दर्शाया हैं , मैं इन कविताओं के माध्यम से आप वाचकों को ज़िंदगी कि सैर करवाऊंगी , मुझे उम्मीद है यह सफ़र आपका दिल छू लेगा.……
किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।
कविताओं का संग्रह है - चंद कविताएं जीवन से जुड़ी |
ये किताब संग्रह होगा यूंही मेरे और आपके मन में आया विचारो का, को कोई लफ्ज़ या चीज़ देखकर आते है, आपको पसंद आएगा, मैंने कोशिश की है आप ज्यादा से ज्यादा पढ़ना पर पढ़ने के लिए जरूर इसे अपने पुस्तकालय में खरीदकर रखे।
इस पुस्तक के माध्यम से स्वरचित कविता,गीत ,ग़ज़ल और शेरों का संगम होगा जो समाज में होने वाली दैनिक घटनाओं और समाज में होने वाले परिवर्तन पर आधारित होगा।
डायरी मेरे जीवन के विभिन्न पहलुओं का स्वरूप है।
विश्वधरोहर विश्वधरोहर यूं ही नहीं कहलाता कोई खजुराहो । जो स्थल है महत्वपूर्ण धरा का यूं ही नहीं महत्वपूर्ण कहलाता है । जब आप व्यतीत करेंगे कोई एक सांझ धरा के इस भूभाग में । स्वच्छंद स्वतंत्र निर्विकार आप प्रत्यक्ष अनुभव कर सकेंगे अनुभूतियां
All rights reserved to ©Shruti saw. साजिश या आत्मा... किसका है ये खेल? क्या है इस हवेली का राज़?
ये किताब एक ऐसी नारी की कहानी कहती है जो अपने मानस और सलाहियत की पतवार लेकर जीवन भंवर में उतर जाती है और फिर शुरू होता है आसमान में घूमते नक्षत्रों की चाल के साथ उसका केटवॉक। एक संपन्न परिवार में कई भाई बहनों के बीच जन्म लेकर भी उसे अपने साथ नक्षत्रो
स्त्री ,पुरुष, बच्चे को सर्पदंश या सांप के काटने पर (बाबा) तेजाजी महाराज के नाम की उतरी(दागां) बांधा जाता है। जिससे जहर का असर नहीं होता। और 12 माह में एक बार मेला लगने पर बाबा के यहां मंदिर या चबूतरे पर उतरी( तातं) काट दी जाती।
🌺 भारतीय युवक🌺 ऐसा कुछ कर दिखाओ वीरों भारतीय युवक तुम कहलाओ। जननी - अपनी जन्मभूमि है इसका कर्ज अदा करते जाओ। जीवन क्षण मात्र है, इस गप्पे-सप्पो मैं ने अब तुम बिताओ। आओ युवकों को मिलजुलकर देश को नया तुम बनाओ। जाति धर्म
।।ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।। मधुरा-मन्दोदरी खण्ड काव्य स्त्री चरित्र पर प्रकाश डालने का एक प्रयास है।मन्दोदरी के सम्पूर्ण जीवन की झलक के माध्यम से उपेक्षित महिलाओं की महत्ता प्रतिपादित किया गया है साथ ही साथ मन्दोदरी के सम्बंध में
इस कहानी और पात्र में किसी नारी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है ।अपितु उनके ऊपर हो रहे।अमानवीय व्यवहार (बाल विवाह ,दहेज प्रथा, लड़का- लड़की में अंतर आदि) का विरोध बे स्वयं नारी को सही निर्णय लेने का अधिकार इसके लिए स्वयं को आगे आना होगा। " कामयाबी
इस कविता का सारांश यह है कि , एक पुष्प जिसका प्राकृतिक इस्तेमाल , सुन्दर स्त्रियों पर सुशोभित होना , प्रेमिकाओं के गले की माला बनना , भगवानों की मूर्तियों पर चढ़ाया जाना और सम्राटों के शव पर डाला जाना है। वह पुष्प इस सब को छोड़ कर अपने आप को देश पर ब
यह पुस्तक कविताओं का संकलन जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाती है। इस पुस्तक में मेरी स्वरचित मौलिक रचनाएं है।