ये देख रहे हो। सब अकेले से है। और उनकी प्रतिबद्धता इतनी दूर है । कि ये समझ पाना मुश्किल सी है। और किसकी नही। बहुत दूर है । सबपर एक परछाई ने सबको एक बना दिया। अंधेरा सा हल्का हल्का सा सब और दिख रहा है। फिर भी परछाई के प्रतिबंध से हर और रोशनी सी झलक रही है । कुछ ऐसे ही जीवन है । सब कुछ दूर होकर भी हमेशा एक रहते हैं। और अंधेरे में भी साथ होते हैं। पल हर कोई अपनी परछाई को अपने से ही दूर समझ जाते हैं। नही जानते अपनो की परछाई का मतलब