प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना* (primeminister Vishvakarma yojna plan)
विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को 'पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र' और आईडी कार्ड के माध्यम से पहचान प्रदान की जाएगी. योजना के तहत उन लोगों को 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। आपको बता दें कि पीएम मोदी द्वारा विश्वकर्मा योजना 2023 की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य देश में छोटे व्यापारियों के उद्योगों को बढ़ावा देना है। अर्थव्यवस्था को और भी ऊंचाइयों पर ले जाना हैं।
सबसे पहले आपको विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा या फिर आप दिए गए लिंक https://diupmsme.upsdc.gov.in/login/registration_login पर भी क्लिक कर सकते है। इसके होम पेज पर आपको विश्वकर्मा श्रम सम्मान स्कीम 2023 का विकल्प दिखेगा, जिस पर आपको क्लिक कर लेना है। योजना का नाम उत्तर प्रदेश विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना
आरम्भ की गई श्रम मंत्रालय के द्वारा
वर्ष 2023
लाभार्थी राज्य के श्रमिक
आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में आवेदन करने के लिए सरकार की वेबसाइट diupmsme.updsc.gov.in को ओपन करना होगा इसके बाद login के विकल्प को चुनना है फिर आवेदक लॉगिन के ऑप्शन को सेलेक्ट करे इसके बाद नवीन उपयोगकर्ता पंजीयन के ऑप्शन को सेलेक्ट करने पर आवेदन फॉर्म खुल जायेगा जिसमे पूँछे गए सभी जानकारी को भरकर submit कर देना है।
मोदी सरकार की कैबिनेट ने विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है. 15 अगस्त को 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए PM नरेंद्र मोदी ने इस योजना का जिक्र किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि इसी साल सितंबर महीने से विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojna 2023) शुरू हो जाएगी. इसके बाद 16 अगस्त को ही खबर आई कि केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में योजना को हरी झंडी दे दी गई है। साल 2023 के आम बजट में इस योजना को शामिल किया गया था. इसका पूरा नाम 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना' या ‘PM VIKAS योजना’ है. बजट जारी होने के बाद एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा।
सोने के आभूषण, लोहे के औजार, हेयर ड्रेसर, राजमिस्त्री और कपड़ों की धुलाई वगैरह के कामों को पारंपरिक व्यवसाय या कौशल माना जाता है. विश्वकर्मा योजना के जरिए पारंपरिक
काम करने वालों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाएगा. साथ ही ट्रेनिंग, मॉडर्न तकनीकों की जानकारी, अपने व्यवसाय के प्रचार और मार्केटिंग के प्रावधान किए जाएंगे. सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस योजना से छोटे कामगारों, कारीगरों, काश्तकारों को ग्लोबल मार्किट से जुड़ने में मदद मिलेग। आजतक से जुड़ी पॉलमी की खबर के मुताबिक, ट्रेनिंग इस योजना का एक पहलू है और आर्थिक मदद दूसरा. योजना के तहत स्किल डेवेलपमेंट यानी कौशल विकास के लिए बेसिक और एडवांस्ड प्रोग्राम चलाए जाएंगे. इस दौरान ट्रेनिंग लेने वालों को 500 रुपए मिलेंगे. साथ ही औजार खरीदने के लिए एक हजार पांच सौ रुपए मिलेंगे. इसके अलावा योजना के लाभार्थियों को 5 प्रतिशत की ब्याज दर पर पहली किस्त में एक लाख रुपए तक और दूसरी किस्त में दो लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाता है।