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प्रेम की पराकाष्ठा

30 जुलाई 2022

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हैलो... दोस्तों !

आप सब कैसे हैं ।

मुझे मालूम है सब ख़ैरियत से हैं । तो चलिए... इसी ख़ैरियत में हम आप सभी को एक लवस्टोरी सुना देते हैं । क्या आप सभी तैयार हैं ? अगर हां...तो मुझे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया जरूर बताएं ।

ये उन दिनों की बात है, जब हम अपने स्कूलों के हायर कक्षाओं यानि 9 वीं कक्षा में क़दम रखे थे । मैं अपने गांव से लगभग 8 किमी. दूर एक शिशु मंदिर में आगे की पढ़ाई करने गया । और ये जो मेरी स्टोरी है.... नहीं नहीं.... उनकी जो स्टोरी है वो कक्षा 10 वीं से शुरू हुई । लड़के का पूरा बचपन तो उसी स्कूल में बीता पर वो लड़की तो यहां लगभग 12 किमी. दूर से आई थी । पर वो यहां कैसे आई वो बहुत ही हंसी से भरपूर और मजेदार है, जो इस कहानी में एक टर्निंग प्वाइंट है ।

तो कहानी की शुरुआत में है, कि लड़की का जो भाई था उस स्कूल का टापर था, और उनकी बहन यानि ये जो मैडम थी वो मिडिल क्लास । अब इनके जो परिवार वाले थे, वो इसे वहीं भेजने की ज़िद में अड़ गए कि तुम सिर्फ़ वहीं पढ़ोगी और कहीं नहीं पर मैडम ने भी ज़िद पकड़ ली थी कि मैं वहां पढुंगी ही नहीं चाहे आप लोग कुछ भी कर लो । अब इसने घर वालों को बोला- कि ना तो मैं खाऊंगी ना पीऊंगी और ना ही वहां पढुंगी । पर घर वाले मानने ही वाले नहीं थे । अब फैमिली वालों ने एक ही स्वर में कहा दिया- बेटा ! तू खाना छोड़ या पीना छोड़, जाएगी तो वहीं ही😂🤣😆। अब मजबूर इंसान क्या करें.... आख़िर यहीं आकर पढ़ना पड़ा ।

अब शुरू होती है लवस्टोरी...

अब 10 वीं में प्रवेश हुआ । कुछ समय बीता और नज़रों में मुलाक़ातें शुरू हो गयी । लड़का ठहरा कामर्स का बंदा और मैडम ठहरी साइंस...अब कार्निया से मैनेजमेंट शुरू हुआ । लड़का साइंस के क्लास में आकर बैठता और बार-बार उस लड़की को देखता । वो एकदम परेशान हो गई थी और अपने सहेलियों से आखिर पूछ लिया- वो कुत्ता मुझे ऐसा क्यों देखता है । जवाब मिला- उसकी तो नज़रें ही वैसी है । एक उसकी सहेली ने बताया कि उसकी एक GF भी है, फिर तो उसके शक्ल में 12 बज गए थे ( कहते हैं कामर्स वाले अक्सर चाकलेटी होते हैं )  अब होना था दोनों का प्रपोजल । इसके लिए एक दिन दोनों स्कूल के तीसरे मंज़िल के छत पर गए । अब दोनों समझ नहीं रहे थे कि किसको क्या बोलें, एकदम से, बोलना तो चाहते थे पर बोल नहीं पा रहे थे क्योंकि छत पर और बहुत से लैला-मजनू और बहुत लोग मौज़ूद थे  । पर लड़की ने फ़र्स्ट इंप्रेशन में प्रपोज💓🌷🥰किया । और.... लड़का एकदम शर्मा ही गया, उसके मुंह से कुछ निकला ही नहीं... रहा था ।

अब आगे की कहानी...

मैडम के पास वही... पुराना मैक्रो मैक्स का कीपैड मोबाइल था जो कि उनके पापा जी का था । घर वालों ने स्मार्टफोन के लिए मना कर दिये और बोल दिए कि- "लईका हा बिगड़ जाही "। अब नज़रें और धड़कने तेजी से मिलने लगे । धीरे-धीरे ये स्टोरी पूरी आग की तरह स्कूल में फ़ैल गई और स्कूल के सारे टीचर और मैनेजमेंट को मालूम हो गया कि इन लोगों का चक्कर चल रहा है । ( आपको दूं कि जिस स्कूल में हम दोनों पढ़ें हैं, वो बहुत ही स्ट्रीक्ट और अनुशासन से भरपूर है ) । अब इन दोनों को मैंनेजमेंट और टीचर के सामने बुलाया गया और खरी-खोटी सुन्नी पड़ी कि ये स्कूल में तुम दोनों के बीच क्या चल रहा है, तुम दोनों हमारे स्कूल के इज्ज़त की धज्जियां उड़ा रहे हो । अब इन दोनों का जवाब देखो- ये बोल रहे थे कि, नहीं कुछ नहीं चल रहा । बहुत कुछ खिट-पिट के बाद मैनेजमेंट ने आशिक के पिताजी और उनके सबूर जी को बुलाया 😆🤣😂 उनको बताया गया कि- देखिए आपके लाडले साहब आपके बहू को गोलगप्पे खिला रहा है, अब आप बताइए इनका क्या करना है । अब लड़के के पिता जी का जवाब सुनि- अब क्या करें मैम ! बच्चे हैं, अक्ल के कच्चे हैं । वक़्त आने पर ख़ुद ही समझ जाएंगे ।

अब जनाब चुपचाप अपने घर गए और खाए-पिए सो गए ।

अब फिर अगली सुबह जनाब मस्त टाई-बेल्ट पहनकर तैयार स्कूल के लिए तैयार हुए हो रहे थे,  अपनी मम्मी से कुछ पैसे मांगे । और अचानक पीछे से आवाज आई- देदो देदो ! लाडले साहब को पैसे देदो । बहू रानी को गोलगप्पे खिलाएगा ।

अब जनाब हंसते-हंसते स्कूल आया और उनकी लवस्टोरी का किस्सा पूरी पूरे स्कूल के पीपी-1 से लेकर सारे लोगों को उनकी भाभी का पता चल गया 😂😂😂 ।

ये सिलसिला लगभग 2 साल यानि 12 वीं तक चला । अब शुरू होती है कालेज तक की लवस्टोरी...

1st Yr - अब दोनों अलग-अलग हो गये । मतलब दोनों का कालेज और एडमिशन अलग-अलग हो गया । लड़का पढ़ने के लिए रायपुर चला गया और मैडम हमारे ही साथ है । अब इन दोनों का मिलना हफ्तों में हुआ, हफ्तों से महीनों में, महीनों से साल में होने लगा ।

2nd Yr - अब आती है कालेज की दूसरी दुनिया । जहां कोरोना का आगमन हो चुका था । जिस तरह ये दोनों कभी-कभी मिलते थे ठीक उसी तरह मंदिरों के कपाट भी कभी-कभी खुलते थे । ये दौर उन दोनों के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा था । दोनों एक-दूसरे से बातचीत नहीं करने के कारण डिप्रेशन में आ गए थे 😲 अब दोनों के बीच झगड़े , खींचातानी शुरू हो गए । अब लड़के ने तंग आकर  उसको बोल दिया- क्यूं न...इस रिश्ते को यहीं खत्म कर दें !!!

फिर लड़की एकदम उदास हो गई और उनसे कई मिन्नतें भी की, पर इससे कोई फायदा नहीं हुआ । कुछ पल के लिए तैयार तो हुआ था, पर उसके मन में उदासी सी थी । अब लड़की ने सोचा- कि नहीं यार.. मैं उसके साथ गलत कर रही हूं...जो मान ही नहीं रहा है, उसे मनाने से क्या मतलब, ये ज़बरदस्ती मैं उसके साथ नहीं कर सकती ??? अब मैडम ने फाइनली उसे काल कर सहमें हुए लहज़े में कहा- अब तुम आज़ाद हो ! अगर कभी मन या मेरी याद आए तो काल कर लेना..... । अचानक से लड़के ने काल कट दिया ।

अब 2,3.... जैसे-तैसे 6 महीने बीत गए, ना मैसेज, ना काल और ना ही कुछ बात....। जैसे-तैसे लड़की की ज़िंदगी ख़त्म होने जा रही थी ।

अब इसके बाद लड़की के गांव में 30 लोग कोरोना पाज़ीटिव हो गए और इनके घर में भी 2 सदस्यों को कोरोना हो गया था । इसके कारण लड़की बहुत ही डिप्रेश हो गई थी, मन-ही-मन सोंच रही थी मानों मैं ख़त्म ही हो रही हूं । फिर....उनकी दीदी ने उसे कहा- अगर तुम्हें प्यार है तो उसे एक बार काल करले..., क्या पता कोरोना में तेरी ज़िंदगी रहे या ना रहे ।

अब उसने उसे काल किया....पर उसने रिसीव ही नहीं किया । अब मैडम पूरी तरह से उदास व टूट चुकी थी, कि मैं अब क्या करूं ।

फिर अचानक उसका काल आया......मैडम ने उठायी और एकदम से ग़मग़ीन आंखों और कराहते गले से रो पड़ीं....पर वो आंसू उसके लिए ख़ुशी के आंसू थे 🙂 क्योंकि इतने लंबे इंतजार के बाद आपका कोई प्रिय हो, तो स्वाभाविक है आंखों में आंसू आना ।

अब दोनों ने मस्त आराम से बात किए....और एक-दूसरे का केवल एक अच्छे दोस्त बनें रहने की एक नई शुरुआत की ।

3rd Yr - क्यूं मजा आया न...! अब इस दुनिया में दोनों केवल एक अच्छे दोस्त ही है और अपनी-अपनी ज़िंदगी और पढ़ाई खुशहाली से कह रहे हैं....और दोनों बहुत ही खुश और खुबसूरत 😇😊 भी हैं ।

तो ये रही मेरी आज की लवस्टोरी..... नहीं नहीं...मेरी लवस्टोरी नहीं, बल्कि एक अच्छे दोस्त कि । ये दोनों.. मेरे बहुत ही अच्छे दोस्त हैं ।

मैंने सीखा- "प्यार अंधा होता है" ये तो आप सबने सुना ही होगा । और यह तर्कसंगत भी है क्योंकि लोग प्यार में बेवकूफी भी करते हैं । परंतु इस कहानी में बिल्कुल भी ऐसा नहीं है । हां..ये बात सही है कि प्यार में उम्र की कोई सीमा नहीं होती, इस उम्र में प्यार का होना बहुत ही स्वाभाविक है ।

यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है जिसमें नायिका एक अदम्य साहस का परिचय बखूबी निभाती है और वास्तविक जीवन में ऐसा होना भी चाहिए । लोग जवानी के जोश में अक्सर ग़लत फैसले ले लेते हैं जो कि उनके और उनके परिवार के लिए घातक साबित हो सकता है । अगर प्यार में या आपकी ज़िंदगी के किसी भी मोड़ पर सफलता न मिलें तो जरूर तो नहीं कि आप‌ कोई ग़लत कदम या ग़लत फैसले ले लें उठा लें । दोस्त..... ज़िंदगी बहुत बड़ी है आप अपनी ज़िंदगी को एक सीमित तक ना रखें बल्कि अपने प्यार व कर्म के क्षेत्रफल को इतना बड़ा बनाएं कि लोग आपकी मिशाल दें.... मुझे लगता है कि इन दोनों के बीच इनकी लवस्टोरी का हैप्पी एंडिंग हुआ वो वास्तविक जीवन में होना चाहिए और ग़लत फैसले और ग़लत सोंच से बचना चाहिए । मुझे पता है आप सब मुझे अपना बेहतर से बेहतर कमेंट जरुर बताएंगे ।

So love you All ❤️

तो बताइए आपको आज की यह स्टोरी कैसी लगी । अगर अच्छा लगे तो मुझे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें ताकि और अच्छी-अच्छी कहानियां आप सबके समक्ष रख सकूं ।

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गोलगप्पे - द अनटोल्ड लवस्टोरी (भाग-१)
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ये उन दिनों की बात है, जब हम अपने स्कूलों के हायर कक्षाओं यानि 9 वीं कक्षा में क़दम रखे थे । मैं अपने गांव से लगभग 8 किमी. दूर एक शिशु मंदिर में आगे की पढ़ाई करने गया । और ये जो मेरी स्टोरी है.... नहीं नहीं.... उनकी जो स्टोरी है वो कक्षा 10 वीं से शुरू हुई । लड़के का पूरा बचपन तो उसी स्कूल में बीता पर वो लड़की तो यहां लगभग 12 किमी. दूर से आई थी । पर वो यहां कैसे आई वो बहुत ही हंसी से भरपूर और मजेदार है, जो इस कहानी में एक टर्निंग प्वाइंट है । तो कहानी की शुरुआत में है, कि लड़की का जो भाई था उस स्कूल का टापर था, और उनकी बहन यानि ये जो मैडम थी वो मिडिल क्लास । अब इनके जो परिवार वाले थे, वो इसे वहीं भेजने की ज़िद में अड़ गए कि तुम सिर्फ़ वहीं पढ़ोगी और कहीं नहीं पर मैडम ने भी ज़िद पकड़ ली थी कि मैं वहां पढुंगी ही नहीं चाहे आप लोग कुछ भी कर लो । अब इसने घर वालों को बोला- कि ना तो मैं खाऊंगी ना पीऊंगी और ना ही वहां पढुंगी । पर घर वाले मानने ही वाले नहीं थे । अब फैमिली वालों ने एक ही स्वर में कहा दिया- बेटा ! तू खाना छोड़ या पीना छोड़, जाएगी तो वहीं ही😂🤣😆। अब मजबूर इंसान क्या करें.... आख़िर यहीं आकर पढ़ना पड़ा । अब शुरू होती है लवस्टोरी... अब 10 वीं में प्रवेश हुआ । कुछ समय बीता और नज़रों में मुलाक़ातें शुरू हो गयी । लड़का ठहरा कामर्स का बंदा और मैडम ठहरी साइंस...अब कार्निया से मैनेजमेंट शुरू हुआ । लड़का साइंस के क्लास में आकर बैठता और बार-बार उस लड़की को देखता । वो एकदम परेशान हो गई थी और अपने सहेलियों से आखिर पूछ लिया- वो कुत्ता मुझे ऐसा क्यों देखता है । जवाब मिला- उसकी तो नज़रें ही वैसी है । एक उसकी सहेली ने बताया कि उसकी एक GF भी है, फिर तो उसके शक्ल में 12 बज गए थे ( कहते हैं कामर्स वाले अक्सर चाकलेटी होते हैं ) अब होना था दोनों का प्रपोजल । इसके लिए एक दिन दोनों स्कूल के तीसरे मंज़िल के छत पर गए । अब दोनों समझ नहीं रहे थे कि किसको क्या बोलें, एकदम से, बोलना तो चाहते थे पर बोल नहीं पा रहे थे क्योंकि छत पर और बहुत से लैला-मजनू और बहुत लोग मौज़ूद थे । पर लड़की ने फ़र्स्ट इंप्रेशन में प्रपोज💓🌷🥰किया । और.... लड़का एकदम शर्मा ही गया, उसके मुंह से कुछ निकल ही नहीं रहा था ।

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