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प्रेम--मेरी रुवाइयां

12 मार्च 2022

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मेरी रुवाइयां----
किस मोड़ पर मुलाकात हो रही है हमनशीं से।
इस उम्र में हाथों की मेंहदी बालों में लगाई जा रही है।।
दोस्ती का नूर भी बेनूर होने को आतुर है कबसे।
सुर्ख लवों से अश्क आंखों से नाली बनके बहे जा रहे हैं।।

स्वरचित---मेरी रुवाईयां
रामसेवक गुप्ता ✍️✍️
  • आगरा यूपी

Ram Sewak gupta की अन्य किताबें

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अध्यात्मिक गणेश बंदना

21 फरवरी 2022
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नमामि संकट नाशनम् शंकर पुत्र गणेशाय।।गौरी पुत्र विनायकम् तेरी आया हूं शरणाय।।वक्र तुण्डं एक दंतम् गजाननम् लंबोदराय।।काज सिद्ध करो अहम से बाल चंद्र विघ्नहराय।।स्वरचित मुक्तक--रामसेवक गुप्ता ✍️✍️आगरा यू

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प्रेम चाहत --मुक्तक

21 फरवरी 2022
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नज़----चलो हम और तुम फिर से गुमशुदा हो जाएं तो अच्छा।तेरे संग जो कि ये वादे अगर टूटें।तो इसमें क्या खता मेरी।।चलो हम और तुम--------------।।१भुलाकर मेरे अहसानों को बड़े मगरुर रहते हैं।जुवान खामोश है उन

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रुवाइयां

23 फरवरी 2022
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हमसे बेखबर भी रहते हैं और हमारी खबर भी रखते हैं।।कभी सुकून से बात भी नहीं करते हैंऔर कभी बात करने हेतु बेताब रहते हैं।।हमने तो आपको अपना समझ लिया कबसेमगर आप हमको अपना कब मुसल्लम समझते हैं।।समझ मे

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प्रेरक प्रसंग---गजल---सिफारिश

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सिफारिश----गजल--------काश मेरी एक सिफारिश मंजूर हो जाती।तो सरकारी महकमें में नौकरी मिल जाती।।डिग्रियां कालेज की लेकर घूमता हूं दफ्तरों मेंजूते घिसने के सिवाय चेष्टा नाकाम हो जाती।।तो सरकारी-----------

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अंतरराष्ट्रीय

27 फरवरी 2022
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रूस और यूक्रेन में छिड़ा भयंकर युद्धभारी बमबारी से कई रास्ते हुए अवरुद्धरास्ते हुए अवरुद्ध खौफ में जनता जीएकई शहर पर कब्जा कर पुतिन खुश हुएसेवक*मंहगा तेल भले मरे न भोली जनतायुद्ध बंद की पहल हो खुले शा

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राजनीति

27 फरवरी 2022
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गीत---धरना प्रदर्शन न कोई वबाल होगा।हर हाल में मेरा यूपी खुशहाल होगालोगों में जागरूकता अब बढ़ने लगी हैसुनहरे भविष्य की आशा जगने लगी हैभय भ्रष्टाचार का न कोई सवाल होगा।।हर हाल में----------------------

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आध्यात्मिक शिव बंदना

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शिव बंदना----तात विनायक हे गिरजापतीनमामि शंकर हे कैलाश पतीसदाशिव त्रिपुरारी त्रिनेत्र धारीसबका करो हित कल्याण कारीपूजहिं सुरनरि तुम्हें चंद्र शेखरअभय भक्ति देउ मोहि रामेश्वरसेवक* पुकारत महादेव पुरारीह

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अध्यात्मिक शिव आराधना

1 मार्च 2022
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महापवित्र है महाशिवरात्रिनमः शिवाय शुभ फल दात्रीमोक्ष दायिनी है यह शुभ रात्रीसंकट नाशिनी यह काल रात्रीपातक हारिणी है यह नव रात्रीप्राज्ञा दायिनी है यह दिव्य रात्रीहे ज्योतिर्लिंग शिव कृपा दायित्रीप्रस

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प्रेम

2 मार्च 2022
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शायरी----१---उसके ❤️ दिल में मैंने ठहरने की थोड़ी सी जगह मांगी थी।उसने तन्हाइयों का वीरान सा बंगला मेरे सुपर्द कर दिया।।२---नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं है रात भर।कसूर तो उनकी मुस्कुराहट का है जो सो

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परिवार---मुक्तक

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प्रेम---मुक्तक

7 मार्च 2022
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मेरी रुवाइयां----मैं कलम हूं तुम स्याही की दवात हो।मैं कागज हूं तुम मजमून की लिखावट हो।।मैं लफ्ज़ हूं तुम ग़ज़ल का मधुर अहसास हो।मैं इश्क हूं मुकम्मल तुम हुस्न का रंगीन शबाब हो।।स्वरचित मुक्तक--रामसेव

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women day specialगजल----मैं औरत हूं सम्मान और सुखी परिवार चाहिए।जीने के लिए कुछ नहीं थोड़ा सा प्यार चाहिए।।दौलत न शौहरत की कभी भूख सताती है मुझेअपनापन दिल को चेंन मिले वो घर द्वार चाहिए।जीने के लिए---

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प्रेरक प्रसंग---कविता

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प्रेम--मेरी रुवाइयां

12 मार्च 2022
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मेरी रुवाइयां----किस मोड़ पर मुलाकात हो रही है हमनशीं से।इस उम्र में हाथों की मेंहदी बालों में लगाई जा रही है।।दोस्ती का नूर भी बेनूर होने को आतुर है कबसे।सुर्ख लवों से अश्क आंखों से नाली बनके बहे जा

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प्रेम---रुवाइयां

13 मार्च 2022
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मेरी रुवाइयां----पलकों पर खुशियों के डेरे और आंखों में सुरुर।लवों पर मंद मंद मुस्कान चेहरा जैसे कोई नूर।।ये जिगर वाकई आपकी सादगी पर फिदा हुआ।बस आपकी हाजिर जवाबी चाहिए मुझे हुजूर।।स्वरचित---रुवाइयां---

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लाइफस्टाइल परिवार

16 मार्च 2022
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रिश्तों से बड़ चाहत क्या होगी।दोस्ती से बड़ इबादत क्या होगी।।आप जैसा अगर मित्र मिल जाएउसे जिंदगी से क्या शिकायत होगी।।स्वरचित मुक्तक--रामसेवक गुप्ता ✍️✍️आगरा यूपी

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अध्यात्मिक

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विनय पद----कांन्हां होली खेलत सखियां संग।देखो देखो आज ब्रज में कैसौ मचौ है हुड़दंग।।सारी सखियां जुड़ मिल आंईं हाथौ में लिए रंग।अबीर गुलाल उडावत चाली ज्यों नभ में उड़े चंग।।लाल रंग से भर पिचकारी भर भर

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अपराध---मुक्तक

20 मार्च 2022
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प्रेम---रुवाइयां

22 मार्च 2022
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रुवाइयां-----जब से तुमको देखा है दिल ने ख्वाब सजाए हैं।हुस्न ए मुजस्सिम हो पलकों पर तुमको बिठाए हैं।।मेरी बेनूर जिंदगी में तुम आईं हो चांदनी की तरह।मुहब्बत की मिठास घोल रही हो मिश्री की तरह।।हाथ पकड़ा

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मुक्तक---ठोकरें खाकर मजा पाने का अंदाज निराला है।सिसक कर मुस्कराने का अंदाज भी निराला है।।शिकस्त तो जीवन का अहम हिस्सा है साथियों।विफलता के बाद सफलता का अंदाज निराला है।।स्वरचित मुक्तक--रामसेवक गुप्ता

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29 मार्च 2022
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प्रेम---शायरी

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शायरी----तेरी सुर्ख लवों की लाली ने क्या गजब ढाया।मेरा नशेमन ए चाहत, बेनूर से नूरानी हो गया।।स्वरचित --शेर --रामसेवक गुप्ता ✍️आगरा यूपी

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आध्यात्मिक--बंदना

30 मार्च 2022
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श्री कृष्ण महिमा---बंदनासूर्य हैं श्री कृष्ण धूप हैं श्री राधेचंद्र हैं श्री कृष्ण चांदनी श्री राधेदिन हैं श्री कृष्ण निशा श्री राधेसंसार हैं श्री कृष्ण साथ श्री राधेअम्रत श्री कृष्ण अमरता श्री राधेनस

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2 अप्रैल 2022
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अध्यात्मिक--मुक्तक

4 अप्रैल 2022
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मुक्तक----मां तू है अनमोल खुशियों का खजानातेरा स्वभाव है बच्चों पर तरह खानामैं विपदाओं में उलझा हुआ लाचार हूंतू तो ममतामई है मुझको भूल न जाना।।स्वरचित मुक्तक--रामसेवक गुप्ता ✍️आगरा यूपी

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अध्यात्मिक ---मुक्तक

6 अप्रैल 2022
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मुक्तक-----हे जगदम्बे मैया हमारी आपसे गुजारिशसबके दिलों पर करदो रहमतों की बारिशहर शख्स है दुःखी मुशीवतों का दौर है।आसरा तेरा लिया फिर जाना न कहीं और है।।स्वरचित मुक्तक--रामसेवक गुप्ता ✍️आगरा यूपी

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अध्यात्मिक---मुक्तक

7 अप्रैल 2022
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मुक्तक----मां अनाचार बढ़ रहा देश में आप रौद्र रूप धारों।अब शैतानों का गला खींचकर धर-धर दे मारो।।अबलाओं पर ज़ुल्म बढ़ रहे कोन उनको बचाये।चण्डी का साहस दो माता फिर ना कोई सताये।।स्वरचित मुक्तक--रामसेवक

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शायरी---प्रेम

13 अप्रैल 2022
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परिवार

15 अप्रैल 2022
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मेरी रुवाइयां----पिता के बिना जिंदगी बीरान है।सफर तन्हा मगर राह सूनसान है।।वहीं मेरे जमीन वहीं मेरे आसमां है।वहीं मेरे लिए खुदा और वहीं भगवान हैं।।स्वरचित--रुवाइयां--रामसेवक गुप्ता ✍️✍️आगरा यूपी

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कुण्डली---दिल्ली में दंगाइयों ने ऐसा मचाया उत्पात।धार्मिक जुलूस पर की पत्थरों से बरसातपत्थरों से बरसात कई जख्मी लोग, पुलिस वालेविधर्मियों ने किये कई वाहन आग के हवालेसेवक*वक्त बड़ा बेढंगा रामभक्त

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