दुर्गे मां की बंदना--भक्ति गीत
मैया तू मेरी चित चोर
तेरे सिवाय न कोई और
मैं पतंग तेरे हाथ में मेरी ड़ोर।।
जय जगदम्बे मैया जय जय जगदम्बे मैया।।
तू ममता भी प्रेम की मूरत
हर दुखिया को तेरी जरुरत
फिर क्यों ना निहारो मेरी ओर।
जय जगदम्बे मैया जय जय जगदम्बे मैया।।------१
मन मोहिनी तेरा रुप निराला
कर में खप्पर नयन विशाला
तुम दुष्टों को ललकारती पुरजोर।
जय जगदम्बे मैया जय जय जगदम्बे मैया।।--------२
स्वरचित। ---दुर्गे मां की बंदना---भक्ति गीत रामसेवक गुप्ता ✍️
आगरा यूपी