कविता---+
संस्कार बता देते हैं परिवार कैसा है।
संवाद जता देता है इंसान कैसा है।।
बहस बता देती है विवेक कैसा है।
निगाहें जता देती हैं चरित्र कैसा है।।
ठोकरें बता देतीं हैं ध्यान कैसा है।
तकलीफें जता देतीं हैं हौसला कैसा है।
विनय बता देती है तालीम कैसी है।
स्पर्श जता देती है नीयत कैसी है।।
स्वरचित--कविता---रामसेवक गुप्ता ✍️✍️
आगरा यूपी