कहानी : ईदगाह / प्रेमचंद
रमजानके पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षोंपर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछअजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आजका सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, यानी संसार को ईद की बधाई दे रहाहै। गॉंव में कितनी हलचल है। ई