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बालिका वधू की आनंदी फेम प्रत्युषा बनर्जी की आत्महत्या और न्यूज़ चैनल्स !

6 अप्रैल 2016

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बालिका वधू की आनंदी फेम प्रत्युषा बनर्जी की आत्महत्या को लेकर इन दिनों इलेक्ट्रानिक मीडिया विशेष कर न्यूज़  चैनल्स पर जरुरत से ज्यादा हाइप क्रिएट करने या इस पर राष्ट्रीय बहस को क्या आप उनकी टीआरपी बढ़ाने की कोशिश मानते हैं या समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ??? यही न्यूज़ चैनल्स बुंदेलखंड विदर्भ में पानी की कमी से किसानों की आत्महत्या पर राष्ट्रीय बहस क्यों नहीं करते ???

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

<p>इस घटना से अलग, तमाम न्यूज़ के पीछे बात डिमांड और सप्लाई की है. मीडिया को भी उसी पर फोकस करना होता है जो लोग देखना और जानना चाहते हैं. इसके उलट अगर दूरदर्शन और आकाशवाणी समाचार पर ध्यान दें तो लोगों का एक ख़ास तबका ही इन चैनल्स पर मिलेगा क्योंकि इनमें चटपटा जैसा कुछ नहीं होगा. सबका अपना-अपना पैटर्न है और उसी पर काम हो रहा है. वास्तव में इसका कोई पैमाना नहीं है कि किस न्यूज़ को कितना कवरेज और कितने समय तक देना है. संचार क्रांति के इस युग में हर तीसरा व्यक्ति अपने आप में एक न्यूज़ चैनल है, इसलिए समाज के प्रति इसी अनुपात में प्रतिबद्धता भी दिखाई देनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है. तो फिर कहना यही होगा कि टीआरपी का कोई न कोई रूप इस धारा के पीछे ज़रूर है. वास्तव में होना ये चाहिए कि घटनाएं दर्शाने पर कम और संक्षिप्त तथा उनसे बचने के तरीकों और इनसे मिलने वाली सीख पर अधिक ज़ोर हो I</p>

6 अप्रैल 2016

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रचनाएँ
premchand
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महान कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की कुछ मशहूर कहानियों का संकलन...
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कहानी : ईदगाह / प्रेमचंद

15 फरवरी 2016
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रमजानके पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षोंपर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछअजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आजका सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, यानी संसार को ईद की बधाई दे रहाहै। गॉंव में कितनी हलचल है। ई

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जीवन परिचय / प्रेमचंद

15 फरवरी 2016
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महानसाहित्यकार प्रेमचन्द जी का जन्म ३१ जुलाई सन् १८८० को बनारस शहर से चार मील दूर लमहीगाँव में हुआ था। आपके पिता का नाम अजायब राय था। वह डाकखाने में मामूली नौकर केतौर पर काम करते थे। प्रेमचन्द जी के बचपन का नाम धनपतराय था| धनपतराय की उम्र जबकेवल आठ साल की थी तो माता के स्वर्गवास हो जाने के बाद से अप

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कहानी : अंधेर / प्रेमचंद

15 फरवरी 2016
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नागपंचमीआई। साठे के जिन्दादिल नौजवानों ने रंग-बिरंगे जांघिये बनवाये। अखाड़े में ढोल कीमर्दाना सदायें गूँजने लगीं। आसपास के पहलवान इकट्ठे हुए और अखाड़े पर तम्बोलियोंने अपनी दुकानें सजायीं क्योंकि आज कुश्ती और दोस्ताना मुकाबले का दिन है। औरतोंने गोबर से अपने आँगन लीपे और गाती-बजाती कटोरों में दूध-चावल

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कहानी : अनाथ लड़की / प्रेमचंद

15 फरवरी 2016
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सेठपुरुषोत्तमदास पूना की सरस्वती पाठशाला का मुआयना करने के बाद बाहर निकले तो एकलड़की ने दौड़कर उनका दामन पकड़ लिया। सेठ जी रुक गये और मुहब्बत से उसकीतरफ देखकर पूछा—क्या नाम है? लड़की ने जवाब दिया—रोहिणी। सेठ जी ने उसे गोद में उठा लिया और बोले—तुम्हें कुछ इनाम मिला? लड़की ने उनकी तरफ बच्चों जैसी गंभी

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कहानी : पूस की रात / प्रेमचंद

15 फरवरी 2016
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हल्कूने आकर स्त्री से कहा-- सहना आया है । लाओं, जो रुपये रखे हैं,उसे दे दूँ, किसी तरह गला तो छूटे । मुन्नी झाड़ू लगा रही थी।पीछे फिरकर बोली-तीन ही रुपये हैं, दे दोगे तो कम्मल कहॉँ से आवेगा? माघ-पूस की रात हार में कैसे कटेगी ? उससे कह दो, फसल पर दे देंगें। अभी नहीं । हल्कूएक क्षण अनिशिचत दशा में खड़ा

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कहानी : दो बैलों की कथा / प्रेमचंद

17 फरवरी 2016
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जानवरोंमें गधा सबसे ज्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को पल्ले दरजे काबेवकूफ कहना चाहता है तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवकूफ हैं, या उसके सीधेपन,उसकी मिरापद सहिष्णुता ने उसे यहपदवी दे दी हैं, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता ।गायें सींग मारती हैं, ब्याही हुई गाय तो अनायास हीसिंहनी का र

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कहानी : ठाकुर का कुआँ / प्रेमचंद

17 फरवरी 2016
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जोखूने लोटा मुंह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आई। गंगी से बोला-यह कैसा पानी है? मारे बास के पिया नहीं जाता। गला सूखा जा रहा है और तू सडापानी पिलाए देती है ! गंगी प्रतिदिन शाम पानी भर लिया करती थी । कुआं दूरथा, बार-बार जाना मुश्किल था । कल वहपानी लायी, तो उसमें बू बिलकुल न थी, आज पानी में बदबू कैसी

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कहानी : शतरंज के खिलाड़ी / प्रेमचंद

17 फरवरी 2016
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वाजिदअलीशाह का समय था। लखनऊ विलासिता के रंग में डूबा हुआ था। छोटे-बड़े, अमीर-गरीब, सभी विलासिता में डूबे हुए थे। कोईनृत्य और गान की मजलिस सजाता था , तो कोई अफीम की पीनक ही के मजेलेता था। जीवन के प्रत्येक विभाग में आमोद-प्रमोद को प्राधान्य था। शासन विभाग में, साहित्य क्षेत्र में, सामाजिक व्यवस्था में

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कहानी : वरदान / प्रेमचंद

17 फरवरी 2016
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विंध्याचलपर्वत मध्यरात्रि के निविड़ अन्धकार में काल देव की भांति खड़ा था। उस पर उगे हुएछोटे-छोटे वृक्ष इस प्रकार दष्टिगोचर होते थे, मानो ये उसकी जटाएँ है और अष्टभुजा देवी का मन्दिर, जिसके कलश पर श्वेत पताकाएँ वायु की मन्द-मन्द तरंगों मेंलहरा रही थीं, उस देव का मस्तक है। मंदिर में एकझिलमिलाता हुआ दीप

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कहानी : पंच परमेश्वर / प्रेमचंद

20 फरवरी 2016
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जुम्मनशेख अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी। साझे में खेती होती थी। कुछ लेन-देन में भीसाझा था। एक को दूसरे पर अटल विश्वास था। जुम्मन जब हज करने गये थे, तब अपना घर अलगू को सौंप गये थे, और अलगू जब कभी बाहर जाते, तो जुम्मन पर अपना घर छोड़ देते थे। उनमें न खाना-पाना काव्यवहार था, न धर्म का नाता; केवल विचा

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वर्तमान राजनीति का क्या कोई ईमान धर्म नहीं ?

21 मार्च 2016
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कहते हैं मोहब्बत और जंग में सब जायज है | वर्तमान राजनीति भी अब इसमें शामिल हो गई है | उत्तराखंड में ताजा राजनीतिक उठापटक हो या फिर कोई राज्य हर जगह बस सत्ता ही सर्वोपरि है जिसके कारण आज किसी भी पार्टी में कोई नीति धर्म ईमान नहीं दिखता | आपको क्या लगता है ???

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विराट का कहना कि हर बात में अनुष्का को घसीट कर मजाक किया जाना अत्यंत शर्म की बात है, पर आपका क्या कहना है ?

29 मार्च 2016
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भारत के विस्फोटक बल्लेबाज और इन दिनों क्रिकेट के भगवान के तौर पर देखे जाने वाले विराट कोहली ने उनकी जीत हार और जीवन को लेकर उनकी कथित प्रेमिका अनुष्का शर्मा को लेकर सोशल मीडिया में बने मजाक लतीफों को शर्म की बात कहा है | साथ ही ऐसा करने वालों के लिए यह भी कहा  कि अगर यही उनके जीवन से जुड़ी किसी भी मह

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बालिका वधू की आनंदी फेम प्रत्युषा बनर्जी की आत्महत्या और न्यूज़ चैनल्स !

6 अप्रैल 2016
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बालिका वधू की आनंदी फेम प्रत्युषा बनर्जी की आत्महत्या को लेकर इन दिनों इलेक्ट्रानिक मीडिया विशेष कर न्यूज़  चैनल्स पर जरुरत से ज्यादा हाइप क्रिएट करने या इस पर राष्ट्रीय बहस को क्या आप उनकी टीआरपी बढ़ाने की कोशिश मानते हैं या समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ??? यही न्यूज़ चैनल्स बुंदेलखंड विदर्भ में पान

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आइपीएल मैच या पानी ???

7 अप्रैल 2016
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जिस तरह से सूखा प्रदेशों की संख्या १० तक हो चुकी है उस पर माननीय कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को जनता को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए फटकार लगाने से क्या सरकार चेत जायेगी ? जिस मराठवाड़ा  में लाखों लोगों को पानी के लिए अपने घरों से पलायन करना पड़ रहा है | वहां आइपीएल मैच  के लिए स्टेडियम तैयार करने म

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