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upendranathashq

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प्रख्यात साहित्यकार उपेन्द्रनाथ 'अश्क़' जी की कुछ चयनित रचनाएँ ... 

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पुस्तक के भाग

1

उपेन्द्र नाथ ‘अश्क’/ जीवन परिचय

12 अप्रैल 2016
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उपेन्द्र नाथ अश्क जी का जन्म पंजाब प्रान्त के जालंधर नामक नगर में 14 दिसम्बर, 1910 को एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। अश्क जी छ: भाइयों में दूसरे हैं। इनके पिता पण्डित माधोराम स्टेशन मास्टर थे। जालंधर से मैट्रिक और फिर वहीं से डी. ए. वी. कॉलेज से इन्होंने 1931 में बी.ए. की परीक्षा पास की।

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कहानी “चारा काटने की मशीन” / उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’

12 अप्रैल 2016
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रेल की लाइनों के पार, इस्लामाबाद की नयी आबादी के मुसलमान जब सामान का मोह छोड ,जान का मोह लेकर भागने लगे तो हमारे पड़ोसी लहनासिंह की पत्नी चेती। तुम हाथ पर हाथ धरे नामर्दों की भाँति बैठे रहोगे, सरदारनी ने कहा, और लोग एक से एक बढ़िया घर पर कब्जा कर लेंगे। सरदार लहनासिंह और चाहे जो सुन लें, परन्तु औरत

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कहानी : डाची / उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’

12 अप्रैल 2016
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काट (काट - दस-बीस सिरकियों के खैमों का छोटा-सा गाँव) 'पी सिकंदर' के मुसलमान जाट बाकर को अपने माल की ओर लालचभरी निगाहों से तकते देख कर चौधरी नंदू वृक्ष की छाँह में बैठे-बैठे अपनी ऊँची घरघराती आवाज में ललकार उठा, 'रे-रे अठे के करे है (अरे तू यहाँ क्या कर रहा है?)?' और उस की छह फुट लंबी सुगठित देह, जो

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कहानी : पहेली / उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’

12 अप्रैल 2016
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रामदयाल पूरा बहुरूपिया था। भेस और आवाज बदलने में उसे कमाल हासिल था। कॉलेज मे पढ़ता था तो वहाँ उसके अभिनय की धूम मची रहती थी; अब सिनेमा की दुनिया में आ गया था तो यहाँ उसकी चर्चा थी। कॉलेज से डिग्री लेते ही उसे बम्बई की एक फिल्म-कम्पनी में अच्छी जगह मिल गयी थी और अल्प-काल ही में उसकी गणना भारत के श्रे

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