कहानी “चारा काटने की मशीन” / उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’
रेल की लाइनों के पार, इस्लामाबाद की नयी आबादी के मुसलमान जब सामान का मोह छोड ,जान का मोह लेकर भागने लगे तो हमारे पड़ोसी लहनासिंह की पत्नी चेती। तुम हाथ पर हाथ धरे नामर्दों की भाँति बैठे रहोगे, सरदारनी ने कहा, और लोग एक से एक बढ़िया घर पर कब्जा कर लेंगे। सरदार लहनासिंह और चाहे जो सुन लें, परन्तु औरत