15 सितम्बर 2015
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लफ़्ज़ों और रंगो से अपने अहसासों को बिखेर देती हूँ . मैं अर्चना हर बूँद में अक्स अपना देख लेती हूँ ।D
om prakash ji dhnyawad rachna par pratikriya dene ke liye
15 सितम्बर 2015
पानी से मत पूछो प्यासे से पूछो प्यास क्या होती है.........बेशकीमती एहसास !
15 सितम्बर 2015
सुक्र्रिया संतोष जी
15 सितम्बर 2015