सरहद के इस पार
सरहद के उस पार
पर
सरहदों से दूर
वो लड़ रहे है
लड़ लड़ कर
छुप रहे है
छुप छुप कर
लड़ रहे है
नहीं उन्हें मौत का
खौफ
उनकी जगह
कोई और
मर रहे है
वे बेख़ौफ़
घूम रहे है
सरहद के इधर
सरहद के उधर ( रहने वाले )
लड़ नहीं रहे
फिर भी मर रहे है……..
कभी खौफ से
कभी गोली से
ये सरहद से
अपनी
खता पूछ रहे है.