26 सितम्बर 2015
49 फ़ॉलोअर्स
लफ़्ज़ों और रंगो से अपने अहसासों को बिखेर देती हूँ . मैं अर्चना हर बूँद में अक्स अपना देख लेती हूँ ।D
ओम प्रकाश जी ।...vartika जी ।....कुछ पल आप लोगो ने कविता के साथ बिताये ।.पसंद किया .बहुत धन्यवाद
26 सितम्बर 2015
"आओ मिलकर बैठे कुछ बांटे आधा आधा कुछ गाये आधा आधा … खुशियों का गीत है, जब कभी मन उदास हो तो गाया जा सकता है ! बहुत सुन्दर !
26 सितम्बर 2015