पानी से मत पूछो
प्यासे से पूछो
प्यास क्या होती है.........
यदि पानी को
ज्ञान हो जाये
प्यासे की प्यास का
तो शायद वो
बहना छोड़ दे
रुक जाये , थम जाये
और कही तालाब बन
कर दूषित हो जाये
जब से इंसान को
अपना ज्ञान हो गया है
तभी से वो तालाब
की तरह दूषित
हो गया है .................
गाँव में गोरी खाली गागर और मन में सागर लेकर लेकर पानी भरने पनघट पर जाती है तो वहाँ चार सखिया मिलती है उनसे मन की बात कहती भी है उनके मन की बात सुनती भी है . गागर में पानी और मन में हँसती मुस्कराती ज़िंदगानी लेकर आती है कुछ ऐसा ही ये पनघट है जहाँ कविता के माध्यम से हम अपने अंदर की दुनिया आपसे शेयर कर रहे है . ये पनघट भी हमारी भावनाओ आप तक और आपकी भावनाओ को हम तक पहुचायेगा .