बीएसएफ के जवान तेज बहादुर का वीडियो वायरल होनें के बाद लगातार इस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं। इसी फेहरिस्त में मध्य प्रदेश के खरगौन के सीआईएसएफ के रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में तैनात जवान अमरदीप का नाम भी जुड़ गया है। सीआईएसएफ जवान की पत्नी स्नेहलता यादव ने आरोप लगाया है कि जब उनके पति मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात थे तभी वहां से गुजर रहे एक अधिकारी ने उन्हें जोर से चांटा मारा जिससे उनके कान से खून बहने लगा। पत्नी के मुताबिक जब उनके पति ने इसका विरोध किया तो इसके बाद से उनका लगातार शोषण हो रहा है।
स्नेहलता के पति अमरदीप यादव सीआईएसएफ में एएसआई हैं। स्नेहलता अपने पति के लिये फोर्स के अधिकारियों के खिलाफ कमर कसकर खड़ी हुई हैं। स्नेहलता नें सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट एसपी खिलोरे के खिलाफ उनके पति को पीटने और फिर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। स्नेहलता की मानें तो उनके पति को डिप्टी कमांडेंट ने ड्यूटी के दौरान ही इतनी जोर से थप्पड़ खींचकर मारा कि उनके कान से खून बहने लग गया। इतना ही नहीं इसकी शिकायत करने पर पूरे परिवार पर मानो वज्रपात हो गया।
स्नेहलता ने बताया कि मैरे पति मुंबई एयरपोर्ट पर ड्यूटी कर रहे थे। चारों तरफ से एसी की गर्म हवा आ रही थी, सांस लेना मुश्किल था। उनकी तबियत खराब होने लगी तो वो पास रखी कुर्सी पर बैठ गये। इस पर वहां से गुजर रहे डिप्टी कमांडेंट एसपी खिलोरे ने उन्हें जोर से चांटा खींचकर मार दिया। जिससे उनके कान से खून बहने लगा।
स्नेहलता नें उनके पति को मारे गये थप्पड का सीसीटीवी फुटेज भी न्यूज 18 को उपलब्ध करवाया है। उत्तर प्रदेश के इटावा के रहने वाले अमरदीप की सन 2000 में सीआईएसएफ में नौकरी लगी। 2013 जुलाई में उनकी ड्यूटी मुंबई के छत्रपति शिवाजी एअरपोर्ट पर लगा दी गई। स्नेहलता के मुताबिक उनके पति पूरी निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी को अंजाम देते थे। मगर 1 मई 2016 को ड्यूटी पर उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद वो कुछ देर के लिये कुर्सी पर बैठ गये थे। जिसके लिये उनकी पिटाई की गई। इसकी शिकायत करने वे तत्काल एडीजी के पास गये। मगर बीच में ही उन्हे पकड़कर बैरक में बंद कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि मेरे पति एडीजी से शिकायत करनें जानें लगे तो उन्हे बैरक में बंद कर दिया गया। उन्होंने इसकी लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों से कर दी। जिसके बाद उन्हें पागल करार देने की कोशिश की जानें लगी। अधिकारी उन्हे मुंबई में मनोचिकित्सक के पास अस्पताल में भर्ती करवाने ले गये। मगर डॉक्टर ने उन्हे स्वस्थ घोषित करके घर भेज दिया।
स्नेहलता की मानें तो उनके पति को पागल करार करवा देनें तक की साजिश रची गई। दो बार रूल 37 के तहत 5-5 दिन का वेतन काटा गया। मगर उन्होनें शिकायत करना जारी रखा। इस पर रूल 36 के तहत अनुशासनहीनता का केस दर्ज कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई। जिसके बाद वे मुंबई पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने भी गये। मगर पुलिस नें आवेदन लेकर उन्हें भगा दिया।
स्नेहलता के मुताबिक उनके पति को अधिकारी रूल 37 में बार बार सजा देते रहे। पुलिस के पास गये मगर पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की। पुलिस में जाने का पता चलते ही अधिकारियों नें परेशान करना शुरू कर दिया। मुंबई से बडवाह में में ट्रांसफर कर दिया गया। बच्चों की पढ़ाई बीच सेशन में उन्हे यहां लाना पड़ा। अब उनके ऊपर विभागीय जांच चल रही है। जिसको लेकर हमारा पूरा परिवार तबाह हो गया है। इस तनाव में मेरा गर्भपात हो गया। प्रधानमंत्री तक शिकायत कर चुके हैं। हम चाहते हैं हमें न्याय मिले। सिर्फ मेरे ही पति नहीं बल्कि सभी जवानों के साथ अधिकारी ऐसा ही बर्ताव करते हैं। उनसे घर का काम करवाया जाता है।
इस पूरी लडाई में सारी शिकायतें अमरदीप ने ही की हैं। मगर इस पूरे मामले में उनकी पत्नी इस मुद्दे को लेकर बाहर आई हैं। स्नेहलता का तो यहां तक कहना है कि बड़े अधिकारियों का छोटे कर्मचारियों के साथ यही रवैया रहता है। मगर उनकी शिकायतों पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता। और कोई इस तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसको लगातार प्रताड़ित किया जाता है। अब स्नेहलता प्रधानमंत्री से न्याय के लिये गुहार लगा रही हैं।