नीरा -अपनी मां से कहती है और बताइए आपकी तबीयत कैसी है ....
वह बोली - मेरी तबीयत ठीक है तुम बताओ और तुम्हारे साथी कैसे हैं ....
नीरा बोली -वह लोग ठीक है पर वह लोग आपस में लड़ते बहुत है जब भी साथ होंगे लड़ना शुरू हो जाएंगे ....
वह बोली -लड़ाई ही तो प्यार की पहली मंजिल होती है पहले लड़ाई होती है फिर प्यार होता है देखना उन दोनों में भी जरूर कुछ ना कुछ होगा ....
नीरा - मुझे तो नहीं लगता है ऐसा कुछ कि दोनों के बीच कुछ है ....
वह बोली -तुम को नहीं दिखाई देगा उन लोगों को ही पता होगा वह लोग खुद इस बात को जानते हैं पर इनकार करते हैं इसीलिए तो जब भी सामने आते हैं तो लड़ाई शुरू कर देते हैं ....
नीरा - अच्छा मां आपको कैसे पता कि पहले प्यार में लड़ाई होती है और फिर प्यार होता है क्या आप और पापा ऐसे ही मिले थे ....
वह बोली -चल हट पगली.... इसके बाद नीरा कहती है अच्छा अब मुझे चलना चाहिए क्योंकि सुबह उठते ही मुझे वहां पर कॉलेज जाना होगा ....
वह बोली- थोड़ी देर और रुक लेती कितने दिनों बाद आई हो ....
नीरा - रुकने का तो मन मेरा भी है पर आप तो जानते ही हैं अगर मैं यहां रुकी और वहां पर कुछ उल्टा सीधा हो गया ना और वैसे भी वो लोग जब साथ में होंगे तो मुसीबत में भी आपस में ही लड़ेगे जिससे और मुसीबत खड़ी कर लेंगे और यह कहकर वह उनसे अलविदा कहती है.....
वह बोली - ठीक है जाओ पर जल्दी आना ठीक है....इसके बाद नीरा आइसलैंड से पृथ्वी लोक पर वापस लौट आती है जब वह पृथ्वी पर आती है तो सुबह होने ही वाली होती है सुबह होती है आकांक्षी नीरा को देखकर बोली-तुम लौट आई क्या रात में ही लौट आई थी ....
. नीरा - नहीं मैं अभी थोड़ी देर पहले ही आई हूं ....
आकांक्षी - अच्छा और कैसा रहा सब कुछ ठीक है आइसलैड में....
नीरा बोली - हां वहां पर तो सब कुछ ठीक है अच्छा युवी नहीं उठा....
आकांक्षी - मुझे नहीं पता मैं तो उठकर सीधा नीचे चली आई सोचा शायद तुम लेट आऊंगी तो मैं नाश्ता बना लूं तुम तो पहले ही आ गई....
नीरा - मैंने नाश्ता बना लिया है बस तुम फ्रेश होकर आओ तब तो मैं भी फ्रेश हो आती हूं ....
आकांक्षी- ठीक है वह दोनों अपने रूम में तैयार होने के लिए चली जाती हैं थोड़ी देर बाद आकांक्षी तथानीरा नीचे आ जाते हैं .....
नीरा -युवी अभी तक नही आया क्या बात है उसकी तबीयत तो ठीक है ....
आकांक्षी - हां रात को तो अच्छे से सोया था तुम गई वैसे ही वह अपने रूम में चला गया था पर पता नहीं अभी तक आया क्यो नही मैं देखकर आती हूं....
नीरा ठीक है तुम जाओ तब तो मैं नाश्ता लगा लेती हूं.... आकांक्षी यूवी को जगाने के लिए उसके रूम में चली जाती है जब वह उसके रूम में पहुंचती है तो देखती है यूवी आराम से सो रहा होता है वह युवी को जगाती है पर युवी उठता नहीं है वह उसे दो तीन बार जगाती है पर फिर भी वह नहीं जगता है वह उसको टच करके देखती है कि शायद उसको बुखार तो नहीं पर वह बिल्कुल नॉर्मल होता है इसके बाद वह उसके मुंह पर पानी का गिलास उठा कर मार देती है जिससे युवी हड़बड़ा कर उठ जाता हैऔर कहता है कौन है ,कौन है जब अपने सामने आकांक्षी को देखता है तो उससे बोलता है तुम तुमको बस इसी तरह जगाना आता है और कोई तरीका नहीं है....
आकांक्षी - इतनी देर से जगा रही हूं पर तुम जगने को तैयार ही नहीं थे तो मैं क्या करती इसीलिए मैंने पानी डाल दिया अब जल्दी से तैयार होकर नीचे आ जाओ ठीक है मैं जा रही हूं और यह कहकर वह नीचे चली जाती है ....
आकांक्षी नीचे आ जाती है आकांक्षी से नीरा पूछती है - क्या हुआ युवी उठ गया ....
आकांक्षी - हां उठ गए जनाब बड़ी मुश्किल हुई इतनी गहरी नींद में सोता है की जगता ही नही तो फिर मैं क्या करूं मैंने भी मार दिया पानी मुंह पर वैसे ही उठ गए और ही बोले तुम्हे किसी और तरीके से जगाना नही आता है तब तक युवी नीचे उतरकर आ जाता है और नीचे आते ही नीरा से कहता है नीरा तुम भी तो मुझे जगाने आ सकती थी इसे क्यों भेजा इसको जगाना तो आता नहीं है बस पानी फेंकना है पूरा बिस्तर गिला कराइए आज मैं इसी के बिस्तर पर सोऊंगा मुझे कुछ नहीं पता और यह कहकर वह नाश्ता करने लगता है....
आकांक्षी - क्यों मेरे बिस्तर पर क्यों सो गए अपने बिस्तर पर सो ना ....
यूवी- वह तो गिला करने से पहले सोचना था अब तुम उसी बिस्तर पर लेटोगी मुझे कुछ नहीं पता ....
नीरा -अच्छा ठीक है अब आराम से नाश्ता कर लो और कॉलेज चलते हैं क्योंकि कॉलेज के लिए लेट हो रहे हैं कॉलेज से आने के बाद डिसाइड करेंगे कौन कहां पर सोयेगा .....
आकांक्षी बोली - ठीक है पर मुझे कुछ नहीं पता मैं तो अपने कमरे में ही सोयूंगी इसके बाद सभी लोग कॉलेज के लिए निकल जाते हैं।