युवी- तो खाना खाने के लिए कोई ऐसी जगाता है जैसे तुमने जगाया है तुम्हें मै छोडूंगा नहीं और यह कहकर वह आकांक्षी को पकड़ने के लिए उठता है पर आकांक्षी वहां से भागने लगती है युवी उसे पकड़ कर वहीं गिरा देता है और कहता है अब तुम्हें बताता हूं कि कैसे जगाया जाता है .....
तभी नीरा कहती है तुम लोग फिर झगड़ने लगे मैंने तुम्हें खाना खाने के लिए बुलाया था ना झगड़ने के लिए तुम लोग जब भी साथ में होते हो तभी झगड़ने लगते हो .....
युवी बोला- पूछो इससे इसने क्या किया....
नीरा - क्या हुआ आकांक्षी तुमने क्या किया ....
आकांक्षी - मैंने क्या किया कुछ भी नहीं यह जग नही रहा था इसलिए मैंने बस इसे जगा दिया पानी डालकर ....
नीरा - यह तो गलत बात है मैं तुमसे कहा था कि युवी को जगा देना यह नही कहा था कि पानी डाल देना यह तो तुमने गलत किया ....
आकांक्षी- तो खुद ही जगा लेती ना ,मैंने तुमसे कहा था ना मैं तो ऐसे ही जगा पाती हूं ....
नीरा - अच्छा कोई बात नहीं युवी तुम कपड़े बदल लो मैं खाना लगा देती हूं ....
युवी बोला - ठीक है और यह कहकर वह अपने कमरे में कपड़े बदलने के लिए चला जाता है तब तक नीरा और आकांक्षी खाना लगा लेती है युवी नीचे उतरकर आता है और खाना खाने के लिए कुर्सी पर बैठ जाता है और सभी खाना खाने लगते हैं सभी लोग खाना खाने के बाद नीरा - कल मेरा रिजल्ट है तो हम सब लोग कल कॉलेज चलेंगे और वहां पर अपना रिजल्ट लेकर तुम लोग अपना वहां पर एडमिशन करा लेना .....
आकांक्षी - यह तो अच्छी बात है ....
नीरा - अच्छा तो अब तुम लोग अपने अपने कमरे में जाओ मैं भी अपने कमरे में जाती हूं ठीक है ....
यूवी - ठीक है और यह कह कर यूवी अपने कमरे में चला जाता है और आकांक्षी भी अपने कमरे में चली जाती है नीरा सामान को रसोई में रखकर कुछ देर के लिए खिड़की से बाहर जाकर देखने लगती है तभी अचानक एक विशालकाय परछाई पर उसकी नजर पड़ती है वह समझ नहीं पाती है यह क्या चीज है वह बड़ी गौर से देखती है पर उसे समझ में नहीं आ रहा होता है कि यह किस चीज की परछाई है ....
नीरा बाहर निकल कर आती है तो सोचती है कि इतनी बड़ी परछाई है किस चीज की पर जब वह देखती है विशालकाय जीव सड़क पर खड़ा हुआ है और वह अपने पैरों से सड़कों को तोड़ रहा है और एक अजीब सी दहाड़ लगा रहा है नीरा उसे देखती है और समझने की कोशिश करती है कि यह कौन सा जीव है पर अंधेरा होने के कारण उसे समझ में नहीं आता है यह कौन सा जीव है जो इतना विशालकाय है और उत्पात मचा रहा है वह अपने असली रूप में आती है और उसे रोकती है और कहती है - तुम कौन हो और यह उत्पात क्यों मचा रहे हो वह जीव उसे देखकर पीछे की तरफ होने लगता है ....
नीरा - ठहरो कहां पर जा रहे हो .... पर वह जीव उसकी बात ना सुनकर धीरे-धीरे पीछे बढ़कर मानो एकदम ओझल हो जाता है वह समझ नहीं पाती कि अभी तो यह यही था इतनी जल्दी कहां पर ओझल हो गया ....
नीरा इधर उधर देती है पर वह जीव उसे कहीं भी नजर नहीं आता है वह इसके बाद अपने घर में आ जाती है घर में आने के बाद आकांक्षी बोली - तुम कहां पर थी तुम बाहर क्यों गई थी मैंने एक विशालकाय परछाई देखी वह किस चीज की थी तुम्हे पता ....
नीरा बोली- हां मैं उसे देखने गई थी पता नहीं वह क्या था मैं जब उसके सामने गई तो वह पीछे होने लगा और एकदम मेरे सामने से ओझल हो गया और वह फिर मुझे मिला नहीं....
आकांक्षी - कोई बात नहीं उसने तुम पर हमला तो नहीं किया...
नीरा - नहीं वह तो मुझे देखकर घबरा रहा था ....
आकांक्षी - अच्छा चलो सो जाते हैं कल सुबह देखते हैं क्या होता है....
नीरा - ठीक है और इसके बाद दोनों अपने अपने कमरे में सोने के लिए चली जाती हैं.....
नीरा अपने कमरे में बिस्तर पर लेट जाती है पर उसे नींद नहीं आ रही है वह उसी के बारे में सोच रही थी कि वह कौन था इतना विशालकाय और मुझे देख कर यूं पीछे क्यों हट रहा था अगर कोई दानव होता तो मुझ पर हमला जरूर करता या औरासुर का भेजा हुआ कोई असुर होता तो भी मुझ पर हमला करता है पर यह तो मुझे देखकर घबरा रहा था आखिर कौन था मुझे इसका पता लगाना ही होगा क्योंकि अब जब तक मैं इसका पता नहीं लगा लेती तब तक मुझे चैन नहीं आएगा और यह सोचते- सोचते वह सो जाती है....
अगली सुबह जब सभी उठते हैं और नाश्ता करने के लिए टेबल पर बैठते हैं नीरा से आकाक्षी कहती है अच्छा तुम
तैयार हो रिजल्ट लेने के लिए जाना है....
नीरा - जी हां मुझे याद है ....
आकाक्षी- अच्छा तो तुझे कुछ समझ में आया कि कल वह क्या या कौन था ....
नीरा - कुछ नहीं आया समझ मे...
युवी बोला- क्या था सड़क पर ...
नीरा - पता नहीं एक विशालकाय जीव सड़क पर उत्पात मचा रहा था जब मैं उसके सामने गई तो वह मुझे देखकर ओझल हो गया मुझे तो समझ में नहीं आ रहा वह कौन था ....
युवी - तो मुझे जगा लिया होता मैं उसका पता लगा लेता.... आकाक्षी हंसकर - तुम तो रहने दो तुम जगते भी तो हो नहीं....
नीरा -अच्छा- अच्छा तुम लोग फिर चालू मत हो जाओ अच्छा नाश्ता हो गया ....
युवी - हां हो गया ....
नीरा - तो चले आकांक्षी...
आकाक्षी- चलो ...इसके बाद तीनों एना के घर जाते हैं एना के घर पर जाने के बाद वह उसे साथ लेकर कॉलेज के लिए निकल जाते हैं कॉलेज पहुंचकर वहां पर नीरा अपना रिजल्ट देखती है वह बहुत खुश होती है क्योंकि वह फस्ट आई होती है एना भी अपना रिजल्ट देखकर खुश हो जाती है क्योंकि वह भी सेकंड आती है और इसके बाद एना नीरा के पास आती है और कहती है अब तो मिठाई बनती है....
नीरा हां और तुम्हारी भी तो बनती है तुम भी सेकंड आई हो इसके बाद मीरा कहती है अच्छा अब तुम दोनों प्रिंसिपल के पास चलते हैं वहां तुम लोग अपने एडमिशन के बारे में बात कर लेना ....
युवी और आकाक्षी ठीक है इसके बाद सभी लोग प्रिसिपल के रूम की तरफ चले जाते हैं।