चित्रित करते हैं विविध भावों को,
जीवन के ये अनोखे रंग,
कभी धूप तो कभी छांव संग,
आंख-मिचौली खेलें ये रंग।
श्वेत रंग है प्रतीक पावनता का
मन की शांति का है द्योतक,
लाल रंग से स्नेह और पराक्रम की
झलक होती है परिलक्षित,
हरे रंग से होती सुख-समृद्धि
सुललित प्रकृति अति मोहित,
नीला वर्ण अंबर का आंगन
वीर भाव को करता प्रदर्शित,
पीले रंग की सरसों का बिछौना
बौद्धिक उन्नति को करे पोषित,
काला रंग भी हर अवगुण को
करता स्वयं में ही अवशोषित।
इन रंगों की भांति ही
जीवन में भी होते कुछ अनोखे रंग,
स्नेह, शांति, पराक्रम, सद्भाव
और एकता के सौहार्द्र भाव से
जाति धर्म,भेद भाव, ईर्ष्या को
अपनी सात्विक ऊर्जा से
जो कर देते हैं धूमिल और
सच्चाई के पथ पर चल कर
जीवन जीना सिखलाते है ये रंग।
- सोनल पंवार ✍️
स्वरचित एवं मौलिक रचना