ना कोई बाधा, ना ही उलझन, ना मुश्किल, परेशानी, बाकी मन में रहे न उसके दुविधा का कोई नाम, ग्रह, नक्षत्र, स्वयं काल भी नतमस्तक है उसके आगे, जिसने मन में बसा लिया है पुरुषोत्तम श्री राम, लाख जतन कर को
आदिकवि भगवान् वाल्मीकि जी ने अपने महाकाव्य रामायण में जिस राम का वर्णन किया है, वह सिर्फ एक महापुरुष है। उन्होंने राम के जीवन के माध्यम से समाज को मर्यादा,आदर्श और सदगुणों के पराकाष्ठा का दर्शन करवा
राम नाम जपे रे बंदे,सब सुख तू पायेगा।राम नाम है सत्य का,ज्ञान मार्ग प्रशस्त होगा।।राम नाम जपे तू बंदे,संसार क्या जान पायेगा।कोई नहीं किसी का बंदे,यह सच्चाई जान पायेगा।।राम नाम जपे तू बंदे,मोह माया जान