shabd-logo

रहस्य

hindi articles, stories and books related to Rahasya


चैत्र कृष्ण की दशमी के दिन महिलाएं दशामाता का व्रत करती हैं। दशमाता व्रत मुख्यरूप से सुहागिन महिलायें घर की दशा ठीक होने के लिए किया जाता है।माना जाता है कि जब मनुष्य की दशा ठीक होती है तब उसके सभी क

जन्म से मृत्युपर्यन्त सोलह संस्कार या कोई शुभ धर्म कृत्य यज्ञ अग्निहोत्र के बिना अधूरा माना जाता है। वैज्ञानिक तथ्यानुसार जहाॅ हवन होता है, उस स्थान के आस-पास रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणु शीघ्र नष्ट ह

1.दारुण रात्रिचैत्र शुक्ल प्रतिपदा, चैत्र शुक्ल नवमी, कृष्ण पक्ष की अष्टमी, जेष्ठ शुक्ल तृतीया, आषाढ़ शुक्ल दशमी, भाद्रपदमास की शुद्ध द्वादशी, तृतीया,मार्गशीर्ष मास की द्वितीया&nbs

शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का विशेष पर्व है। हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव अत्यंत क्रोधित हो गए। उनके क्र

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पापमोचनी एकादशी व्रत रखा जाता है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है।एक साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं। लेकिन हर एकादशी का नाम और महत्व अलग-अलग होता है। हिंदू

मानव शरीर में शक्ति अर्थात प्राण के 7 केंद्र या 7 चक्र हैं। इनका अध्यात्म में बहुत अधिक महत्व है। इनकी स्थिति व गुणधर्म को आज हम समझेंगे.......1. मूलाधार चक्र – यह शरीर का पहला चक्र है। गुदा और लिंग क

 पवित्र पर्व के विषय में पता हो. मैं आपको बता देना चाहता हूँ की बाकी के भारतीय पर्वों की तरह गणगौर भी एक खूब पावन पर्व होता है. वैसे तो भारत को पर्वों का देश कहा जाता है क्योंकि भारत में अनेकों प

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि को भारतीय नववर्ष के रूप में मनाया जाता है. पौराणिक स्त्रोतों के अनुसार इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का सृजन किया था.वस्तुतः नवसंवत्सर

वर्ष के कुछ ही महीनों में दिखने वाली सब्जी परवल को सभी सब्जियों में सबसे अच्छा माना गया है। आयुर्वेद में एकमात्र परवल को ही बारह महीने में सदा पथ्य के रूप में स्वीकार किया गया है क्योंकि परवल गुण में

श्रीकृष्ण सच्चिदानन्दघन परब्रह्म परमात्मा हैं । यह सारा संसार उन्हीं की आनन्दमयी लीलाओं का विलास है । श्रीकृष्ण की लीलाओं में हमें उनके ऐश्वर्य के साथ-साथ माधुर्य के भी दर्शन होते हैं । ब्रज की लीलाओं

 शिवजी की भक्ति का दिन है सोमवार, शिवमहापुराण के अनुसार एकमात्र भगवान शिव ही ऐसे देवता हैं, जो निष्कल व सकल दोनों हैं, यही कारण है कि एकमात्र शिवजी का पूजन लिंग व मूर्ति दोनों रूपों में किया जाता

पूर्णिमा की रात मन ज्यादा बेचैन रहता है और नींद कम ही आती है। कमजोर दिमाग वाले लोगों के मन में आत्महत्या या हत्या करने के विचार बढ़ जाते हैं। चांद का धरती के जल से संबंध है। जब पूर्णिमा आती है तो समुद

इस जगह का नाम कन्‍याकुमारी पड़ने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने असुर बाणासुर को वरदान दिया था कि कुंवारी कन्या के अलावा किसी के हाथों उसका वध नहीं होगा। प्राचीन काल में

देवी सती दक्ष प्रजापति की पुत्री थी और भगवान शिव की पहली पत्नी। देवी सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में कूदकर अपने प्राणों का त्याग कर दिया था, ये बातें तो सभी जानते हैं लेकिन देवी पुराण में इ

बिल्व पत्रत्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्र च त्रियायुधम।त्रिजन्म पाप संहारम बिल्व पत्र शिवार्पणम।।भगवान शिव को जो पत्र-पुष्प प्रिय हैं उनमें बिल्वपत्र प्रमुख है। श्रावण मास में बिल्वपत्र को शिव पर अर्पि

सत्य तीर्थ है,क्षमा करना भी तीर्थ है,अपने इंद्रियोंपर नियंत्रण रखना भी तीर्थ है,समस्त प्राणीयों पर दया करना भी तीर्थ है और अपने स्वभावमें सरलता रखना भी तीर्थ के समान है।दान तीर्थ है,मनका संयम भी तीर्थ

हमने बहोत बार अपने जीवन में व्यवहारिक रूपसे “प्राण” शब्द का उपयोग किया है , परंतु हमे प्राण के वास्तविकता के बारमे शायद ही पता हो , अथवा तो हम भ्रांति से यह मानते है की प्राण का अर्थ जीव या जीवात्मा ह

वाल्मीकि रामायण भगवान राम के जीवन और आदर्शों पर आधारिक एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें 5 ऐसे काम बताए हैं जो कि तब तक फल नहीं देते, जब तक मनुष्य झूठ बोलना न छोड़ दे। कोई चाहे कितनी ही कोशिश कर ल

भगवान शिव अपने शरीर पर भस्म धारण करते हैं। यह भस्म कई प्रकार से बनती है, लेकिन कहते हैं कि खासकर मुर्दे की भस्म ही महाकाल में चढ़ाई जाती है। हालांकि वर्तमान में मुर्दे की भस्म का उपयोग नहीं होता है। आ

134एक घंटा आराम कर इकबाल ने पहले छोटू को दुकान से बाहर भेजा, “छोटू तू धीरे से दुकान का शटर उठा। बाहर झाँक कर देख सब ठीक-ठाक है। कहीं कुछ गड़बड़ दिखे तो तुरंत शटर बंद कर लेना।”छोटू ने बिना आवाज किए दुक

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए