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रहस्य

hindi articles, stories and books related to Rahasya


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*हमारे पुराणों में वर्णित व्याख्यानों के अनुसार सनातन हिन्दू धर्म में अनेक तिथियों को विशेष महत्व देते हुए विशेष पर्व मनाया जाता है | इस संसार को प्रकाशित करने वाले जिन दो प्रकाश पुञ्जों का विशेष योगदान है उनमें से एक है सूर्य और दूसरा है चन्द्रमा | चन्द्रमा की चाँदनी में रात्रि अपना श्रृंगार करती ह

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*सकल संसार में जितने भी प्राणी हुए हैं सब अपने-अपने गुण लेकर पैदा हो पैदा होते हैं | जड़ चेतन सबके अपने-अपने गुण हैं | सोना, चांदी, सर्प, गाय, गेहूं-चावल आदि सबके अपने एक विशेष गुण हैं | अपने अपने विशेष गुणों के कारण सबकी अलग-अलग पहचान है | उनके गुणों में कभी बदलाव नहीं होता | जैसे गाय कभी मांस नही

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*सनातन धर्म में मनाए जाने वाले प्रत्येक त्योहारों में एक रहस्य छुपा हुआ है | नौ दिन का दिव्य नवरात्र मनाने के बाद दशमी के दिन दशहरा एवं विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है | शक्ति की उपासना का पर्व शारीेय नवरात्रि प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल

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*सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च !* *दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे !!* *नवरात्र के चतुर्थ दिवस महामाया कूष्माण्डा का पूजन किया जाता है | "कूष्माण्डेति चतुर्थकम्" | सृष्टि के सबसे ज्वलनशील सूर्य ग्रह के अंतस्थल में निवास करने वाली महामाया का नाम कूष्माण्डा है , जिसका अर्थ है कि :- जि

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*सृष्टि के प्रारम्भ में विराट पुरुष से वेदों का प्रदुर्भाव हुआ | वेदों ने मानव के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है | जीवन के प्रत्येक अंगों का प्रतिपादन वेदों में किया गया है | मानव जीवन पर वेदों का इतना प्रभाव था कि एक युग को वैदिक युग कहा गया | परंतु वेदों में वर्णित श्लोकों का अर्थ न निकालकर क

*सनातन काल से हमारे विद्वानों ने संपूर्ण विश्व को एक नई दिशा प्रदान की | आज यदि हमारे पास अनेकानेक ग्रंथ , उपनिषद एवं शास्त्र उपलब्ध हैं तो उसका कारण है हमारे विद्वान ! जिन्होंने अपनी विद्वता का परिचय देते हुए इन शास्त्रों को लिखा | जिसका लाभ हम आज तक ले रहे हैं | जिस प्रकार एक धनी को धनवान कहा जात

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*सकल सृष्टि में ईश्वर ने मनुष्य को सभी अधिकार दे रखे हैंं | जैसी इच्छा हो वैसा कार्य करें यह मनुष्य के हाथ में है | इतना सब कुछ देने के बाद भी परमात्मा ने कुछ अधिकार अपने हाथ में ले रखे हैं | कर्मानुसार भोग करना मनुष्य की मजबूरी है | जिसने जैसा कर्म किया है , जिसके भाग्य में जैसा लिखा है वह उसको भोग

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*सनातन धर्म इतना वृहद है कि नित्य किसी न किसी पर्व का एक नया दिन होता है | आज भाद्रपद शुक्लपक्ष की अष्टमी को त्याग की प्रतिमूर्ति महर्षि दधीचि का अवतरण दिवस , प्रेम की प्रतिमूर्ति रासरासेश्वरी राधिका जू का अवतरण दिवस होने के साथ आज ही सृष्टि का सृजन एवं निर्माण करने वाले "भगवान विश्वकर्मा का पूजन" (

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*सनातन धर्म एवं उसकी मान्यतायें इतनी वृहद एवं विस्तृत हैं कि इनका जोड़ सम्पूर्ण विश्व में कहीं नहीं मिलेगा | सम्पूर्ण विश्व ने कभी न कभी , किसी न किसी रूप में हमारे देश की संस्कृति से कुछ न कुछ शिक्षा अवश्य ग्रहण की है | बस अंतर यह है कि उन्होंने उन मान्यताओं को स्वीक

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*हर्षोल्लास एवं आस्था व आध्यात्मिकता का पर्व "गणेशोत्सव" आज से प्रारम्भ हो चुका है | देश भर में जगह जगह पांडाल लगाकर भगवान गणेश की स्थापना प्रारम्भ हो चुकी है | सिद्धि - बुद्धि के दाता विघ्नहरण गणेश भगवान का जन्मोत्सव एक तरफ तो प्रसन्नता से झूमने को विवश कर देता है वहीं दूसरी ओर कुछ सावधानियाँ भी बन

राम राम क्यों कहा जाता है? क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही *“राम राम"* क्यों बोलते हैं ? *एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ?* दो बार *“राम राम"* बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है... हिन्दी की शब्दावली मे

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*सनातन वैदिक धर्म में त्रिदेवों (ब्रह्मा , विष्णु एवं महेश) की सर्वोच्चता प्रत्येक देश , काल , परिस्थिति में व्याप्त है | ब्रह्मा जी सृजन करते हैं , श्री हरि विष्णु जी पालनकर्ता हैं तो भगवान रुद्र को संहारक कहा गया है | क्या भगवान शिव संहारक मात्र हैं ?? जी नहीं ! भगवान शिव का चरित्र रहस्स्यों से भर

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दुनिया बहुत सारेरहस्यों से भरीपड़ी है। यदिआप एक एकको पढ़ने बैठजाएंगे तो सचमुचआप चौंक हीजाएंगे ।आपने बालू रेततो बहुत देखीहोगी लेकिन क्याआपने किसी रहस्यमयऐसी बालू केबारे मे सुनाहै। जिसमे सेसंगीत निकलता हो। ‌‌‌शायद आपने ऐसी किसी बालू के बारेमे ना सुना हो तो हम आपको बताते हैंकहां पर है यह रहस्यमय बालू य

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पिछले भाग में एक साधारण सा व्यक्ति नरेंद्र अपने घर जाने के लिए ट्रैन पकड़ता है लेकिन जब वो उठता है तब वह अतीत के नरसंहार को सामने पाता है जो अंग्रेज कर रहे थे| वो चार अंग्रेजों को मार कर नरसंहार को रोक देता है लेकिन बेहोश होते-होते बागियों के हाथ लग ज

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शुक्रवार की वो सुनसान रात जहाँ लोग रात के ९ बजे से ही घर में दुबक जाते हैं, वहाँ रात ९ बजे से ही कब्रिस्तान जैसा सन्नाटा छा जाता है। कड़ाके की इस ठंड में हड्डियाँ तक काँपने लगती हैं, बाहर इंसान तो क्या कुत्ते का बच्चा भी नजर नहीं आता फिर भी कुत्तों के रोने की आवाज़ क

नमस्कार दोस्तों, मुंबई मेरे लिए किसी चाय की ग्लास की भांति है | एक मिश्रित संस्कृति एक मिश्रित जीवनशैली | यह मेरा सौभाग्य ही है कि मेरा जन्म इस नगरी में हुआ जिसे सपनो का शहर कहते है | लेखन का कौशल या लेखन मे रूची तो सदैव से ही थी पर इसे कभी जीवनयापन  का साधन भी बनाऊंगा यह सोचा नहीं था | वैसे भी हमने

नागमणि को भगवान शेषनाग धारण करते हैं। भारतीय पौराणिक और लोक कथाओं में नागमणि के किस्से आम लोगों के बीच प्रचलित हैं। नागमणि सिर्फ नागों के पास ही होती है। नाग इसे अपने पास इसलिए रखते हैं ताकि उसकी रोशनी के आसपास इकट्ठे हो गए कीड़े-मकोड़ों को वह खाता रहे। हालांकि इसके अलावा भी नागों द्वारा मणि को रखने

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