दिलो में रखो श्याम करते रहो राम-राम
कोई बोले सलावलेकुम तो सलाम...
बीते दिन भूलो सभी तुम,
गाओ नया गान यही है
जो राम को चाहे, अल्लाह को माने
ज्ञान वही जो इंसान को माने
भ्रम में सभी हो,भ्रम अलंकृत
कैसे आओगे बाहर राम ही जाने
जिस दिन से तुमसे मिले हम
अल्ला ह को जाने न राम को माने
उसने किया राम - राम तो राम
उसने किया सलावलेकुम तो सलाम...
आओ चले दोनो मधुशाला
पियेंगे बढ़िया जाम पे जाम
होश में न आए तो भला है
मंदिर में जायेगे , पियेंगे जाम
कहेंगे भैया राम ही राम
मस्जिद मे जायेगे, पियेंगे जाम
कहेंगे भैया वालेकुम सलाम....
मंदिर में खुदा है मस्जिद में भगवान
जिस रूप में चाहत, उस रूप में मिल जात
उदाहरण बड़ा है बड़ा ही अलबेला है
खानों में देखो तो देखो रसखान
जियो और पीयो मस्त रहो मौज करो
हो सके तो कभी प्यार करो...
- रोहित कुमार "मधु"