ठहर के एक रोज़ बीती राहों को निहारा, कोई किस्सा मोड़ पर ठहरा नजर आया।
0.0(0)
1 फ़ॉलोअर्स
2 किताबें
<p>Tittle- खातिर<br> कशिश अजीब है उनकी आंखों में,<br> ना जाने क्यूं दिखी है फ़िरदौस उनकी आखों में,<b