ज़माना बहुत तेज़ चलता है साहेबान...
एक दिन कुछ ना लिखूँ लोग भूलने लगते है...
27 फरवरी 2016
ज़माना बहुत तेज़ चलता है साहेबान...
एक दिन कुछ ना लिखूँ लोग भूलने लगते है...
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स्टेट बैंक से २०१४ में रिटायर किया हूँ।बिहार से हूँ और फिलहाल रांची में रहता हूँ।D