ऐसी मान्यता है कि सृष्टि में जब सात्विक तत्व का पूरी तरह अंत हो जाएगा और मात्र तामसिक शक्तियां ही रह जाएंगी तब महाशिवरात्रि के दिन ही प्रदोष काल में अर्थात संध्या के समय ताण्डव नृत्य करते हुए रूद्र प्रलय लाकर पूरी सृष्टि का अंत कर देंगे। इस प्रकार शास्त्र एवं पुराणों में महाशिवरात्रि का महात्म्य वर्णित है I शिवरात्रि का विशेष महत्व होने के कारण शिवालयों में रात्रि के समय शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना होती है।
शिव जी का रात्रि से विशेष स्नेह होने का कारण यह भी माना जाता है कि भगवान शंकर संहारकर्ता होने के कारण तमोगुण के अधिष्ठाता अर्थात स्वामी हैं। रात्रि जीवों की चेतना को छीन लेती है और जीव निद्रा देवी की गोद में सोने चला जा जाता है इसलिए रात्रि को तमोगुणमयी कहा गया है। यही कारण है कि तमोगुण के स्वामी देवता भगवान शंकर की पूजा रात्रि में विशेष फलदायी मानी जाती है।
आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D