पूजन-अर्चन, मन्त्र जप सहस्रों वर्षों से हमारी आस्था एवं विश्वास से जुड़े रहे हैं I शुभ फलों की प्राप्ति हेतु मनुष्य हर संभव प्रयत्न करता है I कुछ तो कारण है कि मन्त्र के रूप में 'ॐ नमः शिवाय' हमारी जिह्व्या पर रहता है। इसी क्रम में विद्वानों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के अत्यंत सरल और अचूक मंत्र बतलाए हैं। पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके इन मंत्रों का प्रतिदिन रुद्राक्ष की माला से जप करने का विधान है। जप के पूर्व शिवजी को जलधारा एवं बिल्व पत्र अर्पित करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। भगवान शंकर का पंचाक्षर मन्त्र 'ॐ नमः शिवाय' अमोघ एवं मोक्षदायी है। किंतु विषम काल में यदि भक्त पर कोई कठिन व्याधि या समस्या आन पड़े तब श्रद्धापूर्वक 'ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ' के मंत्र का एक लाख जप बड़ी से बड़ी समस्या और विघ्न को टाल देता है।
आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D