यह मन्दिर उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ महानगर में छावनी क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर सिद्ध क्षेत्र कहलाता है।
यह मान्यता है, कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग स्वयंभू है अर्थात यह शिवलिंग स्वयं पृथ्वी से बाहर निकला है। तभी यह सद्य फलदाता है। भक्तों की मनोकामनाएं औंघड़दानी शिव स्वरूप में पूरी करने के साथ साथ ही शांति संदेश देते हैं। चूंकि यहां भगवान, शिव स्वरूप में विद्यमान हैं, इस कारण इसे औंघडनाथ मंदिर कहा जाता है। यह काली पल्टन वाला मंदिर भी कहलाता है।
जनश्रुति के अनुसार यह मन्दिर प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से भी पहले से शहर और आसपास के लोगों के बीच वंदनीय श्रद्धास्थल के रूप में विद्यमान था। वीर मराठाओं के इतिहास में अनेकों पेशवाओं की विजय यात्राओं का उल्लेख मिलता है, जिन्होंने यहाँ भगवान शंकर की पूजा अर्चना की थी।
आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D