कुरंग :
1- हिरण
2- मृग
3- सुलोचन
प्रयोग :
“जे पद जनकसुताँ उर लाए I
कपट कुरंग संग धर धाए II
हर उर सर सरोज पद जेई I
अहोभाग्य मैं देखिहऊँ तेई II”
(श्रीरामचरितमानस)
3 दिसम्बर 2015
कुरंग :
1- हिरण
2- मृग
3- सुलोचन
प्रयोग :
“जे पद जनकसुताँ उर लाए I
कपट कुरंग संग धर धाए II
हर उर सर सरोज पद जेई I
अहोभाग्य मैं देखिहऊँ तेई II”
(श्रीरामचरितमानस)
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D