कुछ सर्द रातों में खुशियां ढूंढने
नव वर्ष मनाने गर्म कपड़ों से लदे हुए
होटल में इकट्ठे हुए कुछ लोग
वे थिरक रहे थे डीजे की धुन पर
पर सड़क के दूसरी और कुछ लोग
ढूंढ रहे थे कुछ लकड़ियां
ठिठुर रहे थे सर्द हवाओं में
नहीं थे उनके पास तन ढकने को कपड़े
शायद कुछ आग जलाकर
वे राहत पा सके सर्दी से।
सोच रही थी मैं,
अलग-अलग अंदाज थे
उनके नव वर्ष मनाने के
काश दोनों मिलकर
साथ खुशियां लुटा पाते
एक को मदद मिल जाती
दूसरी दुआ बहुत पातें।