ग्रामीण अंचल में पली बढ़ी लड़की का ग्रामीण-शहरी माहौल में आकर उस माहौल की दिक्क़ते झेलते हुए ख्वाब बुनने और उन खाव्बो को कभी हकीकत बनते और कभी ढेर होते देखने की कहानी .
सर्दी के मौसम मे बेदर्दी हुई,रजाई, पिया नही आयेा रे किसके लिए घर सजाई! ़ शरद शितल हवा चले घना कोहरा छा जाई, रूत मिलन के जागे जीया मे् पिया मन मे भयो रे ! झुमर गाती आ रही कोहरा झम झमा झम बरस जायो रे, तन मन नश नश हमे सताये कडाके ठंढ से रूह तक काप जाय
नमस्ते दोस्तों 🙏🙏 ➡️ क्या कहूं दोस्तों .... ➡️ जो करना नहीं चाहती , ➡️वही किए जा रही हूँ , ➡️शायद अपनों के लिए ही , ➡️जिये जा रही हूँ... ! ➡️ ना जाने किस बात की ➡️झूठी तसल्ली दिए जा रही हूंँ, ➡️थम सी गई है जिंदगी , ➡️ यादों की सुनहरे पन्नों मे
जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती, स्त्री विशेष कहानियों का संग्रह है यह पुस्तक lइसमें नारी के संघर्ष, प्रेम ,तिरस्कार और साहस जैसे विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया हैl
इस कहानी में एक लड़की विधि को जिंदगी के बारे में बताया गया है।की जब वह चरित्रहीन नही थी तब उसे चरित्र हीन बोल कर बदनाम किया किया,लेकिन जब वो अपना मुकाम हासिल करने के लिए खुद चरित्रहीन बन जाती है तो समाज उसे उसे इज़्ज़त देने लगता है।वही दूसरी ओर मीरा की
कई बार जो हमे दिखता हैं वो सच नहीं होता..।
जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।
ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जो बहुत ही समझदार थी अपने परिवार की सब से प्यारी बेटी थी दुनिया दारी से कोई मतलब नहीं था लेकिन कभी सोचा नहीं था कि किसी से प्यार होगा और वो ऐसा निकलेगा लोग अक्सर प्यार में दिमाग नहीं लगाते हैं बोलते हैं प्यार में दिमाग और
इस कहानी और पात्र में किसी नारी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है ।अपितु उनके ऊपर हो रहे।अमानवीय व्यवहार (बाल विवाह ,दहेज प्रथा, लड़का- लड़की में अंतर आदि) का विरोध बे स्वयं नारी को सही निर्णय लेने का अधिकार इसके लिए स्वयं को आगे आना होगा। " कामयाबी
ये किताब एक ऐसी नारी की कहानी कहती है जो अपने मानस और सलाहियत की पतवार लेकर जीवन भंवर में उतर जाती है और फिर शुरू होता है आसमान में घूमते नक्षत्रों की चाल के साथ उसका केटवॉक। एक संपन्न परिवार में कई भाई बहनों के बीच जन्म लेकर भी उसे अपने साथ नक्षत्रो
एक गरीब लड़की का राजा से विवाह होना और उसकी जिंदगी में बदलाव आना
एक कहानी जो आज भी गांव की गलियों में दहशत के साथ सुनी जाती है
ये स्त्री की जागरूक के लिए कुछ कहानियाँ हैं जो आरतों के मान सम्मान के लिए लिखी गई हैं। इन किताबों को किसी प्रकार से किसी को ठेस नहीं पहुंचाई गई हैं।
पुराने पड़ते धर्मों में तमाम ऐसी कुरीतियां और परंपरायें मौजूद हैं जिन्हें बदले या सुधारे जाने की जरूरत है लेकिन धार्मिक जड़ता आड़े आ जाती है, खास कर औरतों से सम्बंधित मसलों पर। जहां मर्द का हाथ फंस रहा हो, वहां कोई न कोई गुंजाइश निकाल ही ली जाती है ल
मन के आवेगो को पंक्ति बद्ध करने की कोशिश...