सुगंध साथ सुमन के महकती ख़ुशी से रहती है, ये ज़ंजीर न बंधन के चहकती ख़ुशी से रहती है। फूल खिलते हैं हसीं रुख़ देने नज़ारों को, तितलियाँ आ जाती हैं बनाने ख़ुशनुमा बहारों को। कभी ढलकता है कजरारी आँख से उदास काजल, कहीं रुख़ से सरक जाता है भीगा आँचल। परिंदे भी आते हैं ख़ामोश चमन में पयाम-ए-अम्न लेकर, न लौटा
जन्म : १९१६ ~ 5 अगस्त शिवमंगल सिंह ' सुमन हिन्दी के शीर्ष कवियों में थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा भी वहीं हुई। ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से बी॰ए॰ और काशीहिन्दू विश्वविद्यालय से एम॰ए॰, डी॰लिट् की उपाधियाँ प्राप्त कर ग्वालियर, इन्दौर और उज्जैन में उन्होंन