आग सूरज में होती है , तड़पना जमी को पड़ता हैं |
मौहब्बत निगाहें करती हैं ,तड़पना दिल को पड़ता हैं ||
सीने में लगी है , आग दुनियां में लगा दूँगा |
जिस दिन उठेगी तेरी डोली,
उस दिन पूरी दुनियाँ को जला दूँगा ||
23 मई 2017
आग सूरज में होती है , तड़पना जमी को पड़ता हैं |
मौहब्बत निगाहें करती हैं ,तड़पना दिल को पड़ता हैं ||
सीने में लगी है , आग दुनियां में लगा दूँगा |
जिस दिन उठेगी तेरी डोली,
उस दिन पूरी दुनियाँ को जला दूँगा ||
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दोस्तों मेरा नाम प्रदीप कुमार है, और में एक हिंदी ब्लॉगर हूँ. जिस पे आप हिंदी में internet टिप्स और ट्रिक्स के बारे में पढ़ सकते है तथा मेरा ब्लॉग पता है Gosahayata.com
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