सोनम..... सोनम.......सुनकर तुम्हारा नाम सोनम ही है ना? सुनकर अचानक वह चौंक पड़ी, पलट कर देखा लेकिन उसके पहले वह कुछ समझ पाती एक जोरदार झटके ने उसे अपनी ओर खींच लिया। &nb
आजादी का अनुपम उत्सव ,चहक रही हर तरफ कलियां। रंग-बिरंगे फूलों की रंगत न्यारी, महक रही खुशबू से बोगियां।।बलिदानों की वीर कहानी , गूंज रही हर गली-गली। वंदेमातरम् , जय भारत मां की,&nb
कौन कहता है कि आजाद हूं मैं!हकीकत तो यह है कि,पहले से अधिक बर्बाद हूं मैं।कैसी स्वतंत्रता! कैसी आज़ादी!जश्न किस बात का मनाते सब !कोई मुझसे आकर पूछे आखिर मैं आजाद हुई कब !!आंखों में हैं आंसू और&n
जो गूंज उठी थी आसमान में। सुभाष की वो आज़ादी की राह, जो जल उठी थी हर दिल में। रानी लक्ष्मीबाई की तलवार, जो अंग्रजों को हरा गई। वीरों का ये देश हमारा, जिसने हर जुल्म मिटा दिया। तुम भी उनके पदचिन
जो गूंज उठी थी आसमान में। सुभाष की वो आज़ादी की राह, जो जल उठी थी हर दिल में। रानी लक्ष्मीबाई की तलवार, जो अंग्रजों को हरा गई। वीरों का ये देश हमारा, जिसने हर जुल्म मिटा दिया। तुम भी उनके पदचिन