20 अक्टूबर 2022
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नाम - मदन मोहन "मैत्रेय", पिता - श्री अमरनाथ ठाकुर, निवास स्थान - तनपुर, बिहार, शिक्षा - बी. ए., आप का जन्म बिहार प्रांत के दरभंगा अनु मंडल स्थित रतनपुर गांव में साधारण परिवार में हुआ है। इनकी शिक्षा–दीक्षा भी कठिन आर्थिक परिस्थितियों में संभव हो सका है। लेकिन इनमें लिखने की ललक बचपन से थी, जिसे ये समय के साथ ही परिमार्जित करते चले गए और ईश्वर की कृपा से सन ई. २०२२ में इनकी चार रचना प्रकाशित हो गई, जिसमें से तीन उपन्यास एवं एक काव्य संग्रह है। इनकी सभी रचनाएँ अमेजन एवं फ़्लिपकार्ट पर उपलब्ध है। इनकी प्रमुख रचना-: फेसबुक ट्रैजडी (उपन्यास) - यह कहानी आँन लाइन चेटिंग के दुष्परिणाम पर आधारित है। साथ ही इसमें अपराध, छल, प्रेम, घृणा, कर्तव्य और अपराध का विस्तृत वर्णन किया गया है। ओडिनरी किलर (उपन्यास)- यह उपन्यास पुरुष वेश्या (जिगोलो) पर आधारित है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि प्रतिशोध की भावना कितनी भयावह होती है। साथ ही अपराधी जब अपराध करने पर उतारू हो जाता, सिस्टम के लिए किस प्रकार से सिरदर्द बन जाता है, उसको बताया गया है। तरूणा (उपन्यास) – यह कहानी लिंग परिवर्तन(जेंडर चेंज) पर आधारित है। इसमें प्रेम है, घृणा है, अपराध है, तो प्रतिशोध भी है। इस कहानी में समाज में छिपे हुए कुछेक अपराधी प्रवृति के सफेदपोश का चरित्र चित्रण किया गया है। अरुणोदय (काव्य संग्रह) - यह कविता की पुस्तक है और इसमें जितनी भी कविताएँ है, प्रेरणा देने वाली है। हतोत्साहित हृदय को फिर से नव ऊर्जा से संचारित कर दे, ऐसी कविताएँ हैं। साथ ही आप की कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं एवं एंथालाँजी में प्रकाशित होती रहती है। आप जो भी रचना करते है, वर्तमान परिस्थिति, सामाजिक विषय, रोचकता और युवा के जरूरत और महत्व को केंद्र में रखते है। इसलिये इनके कलम से समाज के अलग-अलग विषयों पर रचनाएँ की जाती है और आप अभी “रति संवाद” नाम के उपन्यास पर कार्यरत है। इनकी रचित रचित-रचनाएँ और भी है, एकल काव्य संग्रह “जीवन एक काव्य” धारा एवं “वैभव विलास-काव्य कुंज” जो पेंसिल पब्लिकेशन पर प्रकाशित हुई है। दूसरी कविताएँ “निम्न एन्थोलाँजी” डेस्टिनी आँफ द सोलेस्टिक एवं “अल्फाजों की उड़ान” के साथ ही “बाल रंजन” में प्रकाशित हुई है। साथ ही विभिन्न समाचार पत्रों में रचनाएँ प्रकाशित होती रहती है। हम आशा और विश्वास करते है कि आप पाठकों का प्यार एवं स्नेह इनसे जरूर जुड़ेगा। D