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सलिल का एस. पी. विनय त्यागी से मिलना

11 सितम्बर 2022

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काफी मनो मंथन करने के बाद सलिल अपनी शीट से उठ खड़ा हुआ और कलाईं घड़ी पर नजर दौड़ाई। शाम के पांच बजने बाले थे और अब इस तरह से बैठे रहने पर काम नहीं चलने बाला था,.....इसलिये आँफिस से बाहर निकला। उसे बाहर निकलता देखकर रोमील ने उसका अनुसरण किया और उसके पीछे लगभग दौड़ पड़ा। जबकि सलिल,.....उसने इस पर ध्यान नहीं दिया। वह तो चलता हुआ गेस्ट रूम में पहुंचा और वहां पहुंचते ही बैठ गया और फिर रोमील को उस युवक को लाने के लिए आदेश सुना दिया। रोमील अभी गेस्ट रूम के अंदर पहुंचा भी नहीं था कि उलटे पांव लौट गया।
                                अप्रैल का लास्ट महीना होने के कारण वातावरण में उमस थी और ढलती हुई संध्या के कारण शायद और भी बढ गई थी। इसलिये सलिल ने ए. सी. को चालू कर दिया,....तब तक रोमील उस युवक को लेकर आ चुका था। उसे आते देखकर सलिल संभलकर बैठ गया और उस युवक को सामने बाली कुर्सी पर बैठाया और उसकी आँखों में देखने लगा। परन्तु आश्चर्य की बात थी कि "उस युवक ने भी समान प्रतिक्रिया दी"। वह भी सलिल की आँखों में उसी तरह से झांकने लगा। ऐसे में उसकी प्रतिक्रिया देखकर सलिल चौंके बिना नहीं रह सका था......क्योंकि एक तो पुलिस, दूसरे जब वो खुद हो सामने, अच्छे-अच्छे घबरा जाते थे।.....तो फिर उस युवक में इतनी निडरता कैसे?.....या फिर उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है?.....खैर जो भी हो, इतनी जल्दी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता था, इसलिये वो उस युवक को संबोधित करके बोला।
अच्छा!....तो तुम अपना नाम बतलाओ?
नाम से आपको क्या लेना है आँफिसर?....आप तो पुलिस बाले हो, खुद ही पता कर लो और फिर मुझे जरूरत ही क्या है कि अपना नाम तुम्हें बताऊँ?.....फिर ये अच्छा- अच्छा का संबोधन करके तुम क्या प्रदर्शित करना चाहते हो आँफिसर?.....सलिल की बातें सुनकर वह युवक तनिक ऊँचे स्वर में बोला। जबकि उसकी बातें सुनकर सलिल मुस्कराया भी और उसे गुस्सा भी आया। क्रोधित तो रोमील भी हो रहा था, उसकी तो इच्छा हो रही थी कि युवक के चेहरे पर दो-चार घूसे जमाए, जिससे कि उसकी बत्तीसी निकल आए। परन्तु सलिल ने उसे शांत रहने के लिए इशारा किया और युवक से बोला।
माना कि हम लोग पुलिस बाले है, परन्तु....जब तक तुम अपना नाम नहीं बताओगे, हमें तुम्हारे बारे में जानकारी कैसे मिलेगी?....अतः तुम अपना नाम बतला दो, तभी न तुम्हारे बारे में जान सकूंगा और फिर तुम्हें यहां से आजादी मिल पाएगी। सलिल ने जान बुझ कर अपने अंतिम शब्दों पर जोर दिया और युवक के चेहरे को देखने लगा। जबकि युवक ने जैसे ही उसकी बात सुनी, चीखने- चिल्लाने लगा और धमकीयां देने लगा।
तुम लोग अपने-आप को दादा समझते हो?....क्या तुम मुझे मार दोगे, जो मैं तुमसे डर जाऊँ और तुम्हें अपना नाम बतला दूं और क्यों मैं नाम बतला दूं?....मुझे यहां से निकल तो जाने दो, एक-एक कर तुम सभी को देख लूंगा और चुन-चुन कर मारूंगा।
                               और भी न जाने, जो भी उसके जी में आया,....युवक बोलता चला गया। जबकि उसकी बदतमीजी भरी बातों को सुनकर रोमील के तन-बदन में आग लग गई। वह तो उस युवक को पीटने ही बाला था कि सलिल ने उसे इशारे से मना किया और उस युवक को ले जाने को कहा। रोमील उस युवक को लेकर गया और उसे लाँकअप में बंद करके लौटा, तब तक सलिल वही पर बैठा रहा, उस युवक के बारे में ही सोचता हुआ।...आखिर उस युवक के इस प्रकार के हरकत का मतलब क्या हो सकता है?....इस तरह की हरकत मानसिक रुप से विक्षिप्त लोग ही करते है, तो क्या वह मानसिक रुप से अस्वस्थ है?....सलिल को गुस्सा भी आ रहा था अपने स्टाफ पर, जो कि किसी भी व्यक्ति को पुलिस स्टेशन में बिना जाँचे-परखे उठा लाते है। यह भी जानने की कोशिश नहीं करते कि वह कैसा है?....लेकिन अब उसे ऐसे तो छोड़ा भी नहीं जा सकता था, बिना उसके बारे में जाने- परखे हुए।
                    सलिल सोच ही रहा था, तभी रोमील लौट आया और फिर दोनों वहां से निकले और पुलिस स्टेशन से बाहर निकल कर अपनी कार की ओर बढे। कार में बैठे और रोमील ने कार श्टार्ट की और आगे बढा। कार बंदूक से निकले गोली की भांति प्रांगण से निकली और सड़क पर सरपट दौड़ने लगी। रोमील तो कार ड्राइव में ध्यान पिरोने लगा, जबकि सलिल तो विचारों में खो गया। वैसे तो बहुत दिनों बाद उसके सामने इस प्रकार का मामला आया था कि उसके दिमाग के नट-बोल्ट को कस दिया था। वैसे तो....पहली नजर में उसे यह मामला बहुत ही बेकार लग रहा था,.....उसे लग रहा था कि पुलिस बाले ने बैठे-बिठाए पंगा मोल ले लिया है।
                            बात सही भी था, उस युवक की हरकत ही ऐसी थी कि पहली नजर में ही मानसिक रुप से विक्षिप्त नजर आ रहा था। लेकिन कहीं....उसके मन के किसी कोने में से आवाज आ रही थी कि कुछ तो है,....... कुछ तो ऐसा है, जो उलझा हुआ है, लेकिन क्या?...बस प्रश्न ही था, जो उसके दिमाग में आकर बार-बार घंटी बजा रहा था। बात सही भी था, उस युवक को टोकने पर ही वो प्रतिक्रिया देता था और इस तरह से प्रतिक्रिया देता था, जैसे कि.....उसके हृदय में कहीं खौफ छिपा हुआ हो। वह सामने बाले पर हावी होने की कोशिश करता था और इस प्रकार की हरकत वही लोग करते है, जो अंदर से भयभीत होते है।
                    वैसे अभी कुछ अस्पष्ट कहना मुमकिन नहीं था,....क्योंकि अभी तो उस युवक की किसी प्रकार की जानकारी उसके पास नहीं थी। ऐसे में किसी प्रकार की धारणा बनाना अभी जल्दी होगा, उसका यही सोचना था, तभी तो उसने सिर को जुंबिस दी और विचारों को त्याग कर बाहर देखा। उसकी कार पुलिस मूख्यालय पहुंच चुकी थी और पार्किंग में खड़ी हो गई थी। इसके बाद वो रोमील के साथ बाहर निकला और आँफिस की ओर बढ गया। गलियारों से गुजरते हुए जैसे ही एस. पी. आँफिस में पहुंचा,  एस. पी. विनय त्यागी ने उसका स्वागत किया। एस. पी. विनय त्यागी, लंबा और हट्टा-कट्ठा शरीर, करक मूँछें और बिल्लौरी आँखें। गौर वर्ण और गोल चेहरा, उसपर उसके घूरमें हुए बाल उनके व्यक्तित्व को अधिक प्रभावशाली बना रहे थे।
                          सलिल एवं रोमील ने उनको सैल्यूट दिया और सामने बाली कुर्सी पर बैठ गए। एस. पी. साहब ने उन दोनों के चेहरे को इस तरह से देखा, मानो कि पुछ रहे हो कि कैसे आना हुआ। वैसे एस. पी. साहब दोनों से बचकर ही रहना चाहते थे और चाहते थे कि ऐसा मौका ही नहीं मिले कि दोनों यहां आए। विभाग ने पहले ही उन्हें चेतावनी दे-दी थी कि जहां तक संभव हो सके, उन दोनों से बचकर रहे और कभी नहीं उलझे। उन्हें मालूम हो चुका था कि एस. पी. मृदुल शाहा दोनों से उलझ कर अपनी नौकरी गंवा चुके थे। ऐसे में उन्होंने अपने शब्दों में शहद घोला और बोले।
कोई बात है क्या?.....जो अचानक ही तुम दोनों का यहां आना हुआ। एस. पी. साहब ने कहा और फिर नजर उन दोनों पर टिका दी। जबकि उसकी बातें सुनकर सलिल तुरंत ही बोला।
हां सर!....बात ही कुछ इस प्रकार की है।
                             इसके बाद सलिल उनको आज दोपहर में घटित घटना को बतलाने लगा। एस. पी. साहब ध्यान पूर्वक इस बात को सुन रहे थे,....परन्तु बीच में एक शब्द नहीं बोला। जानते थे कि इस मामले में अपना दिमाग चलाना, मतलब कि मुसीबत को निमंत्रण देना था। जबकि सलिल ने अपनी बात खतम की और उनके चेहरे की ओर देखने लगा। बस इसी इंतजार में कि एस. पी. साहब क्या बोलते है?....क्या आदेश देते है?...जबकि एस. पी. साहब जल्द ही किसी निर्णय पर पहुंचना नहीं चाहते थे। उन्हें अभी इस मामले को अच्छी तरह से समझना चाहते थे , तभी प्रतिक्रिया देना चाहते थे। ऐसे में वहां पर सन्नाटा पसर गया, इस प्रकार से कि सुई भी गिरे, तो धमाका हो।
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रचनाएँ
आथर्व खेमका
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नाम से यह उपन्यास है, तो स्वाभाविक ही है कि चरित्र विशेष होगा। कहते है न कि युवा अवस्था जीवन का वह पड़ाव है, जहां पहुंचने के बाद मन की इच्छा पंख लगा कर उड़ने की होती है।....वह भले-बुरे के भेद को न तो समझना चाहता है और न ही समझ पाता है। फिर तो उसका जो हश्र होता है, वह इतना भयावह होता है कि.... वह संभल ही नहीं पाता। अनियंत्रित इच्छाएँ जब उसपर हावी होती है, वह बस उलझ कर रह जाता है। मदन मोहन "मैत्रेय
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आथर्व खेमका

11 सितम्बर 2022
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नाम से यह उपन्यास है, तो स्वाभाविक ही है कि चरित्र विशेष होगा। कहते है न कि युवा अवस्था जीवन का वह पड़ाव है, जहां पहुंचने के बाद मन की इच्छा पंख लगा कर उड़ने की होती है।....वह भले-बुरे के भेद को न तो सम

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सलिल का एस. पी. विनय त्यागी से मिलना

11 सितम्बर 2022
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काफी मनो मंथन करने के बाद सलिल अपनी शीट से उठ खड़ा हुआ और कलाईं घड़ी पर नजर दौड़ाई। शाम के पांच बजने बाले थे और अब इस तरह से बैठे रहने पर काम नहीं चलने बाला था,.....इसलिये आँफिस से बाहर निकला। उसे बाहर न

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एल. जी. के हाँस्पिटल

11 सितम्बर 2022
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शाम के सात बज चुके थे।बाहर अभी अंधेरा नहीं घिरा था, परन्तु धुंधलका शुरु हो चुका था। परन्तु एस. पी. साहब अभी तक सलिल को आगे के बारे में निर्देशित नहीं कर सके थे। स्वाभाविक ही था कि उनके अंदर खौफ हो,...

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रजौती फार्म हाउस

11 सितम्बर 2022
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रात के आठ बज चुके थे।यमुना किनारे, घने जंगलों के बीच बना वह फार्म हाउस एक तरह से अभेद्य किला ही था। विशाल क्षेत्रफल में फैला हुआ फार्म हाउस, जिसके चारों तरफ ऊँची-ऊँची चारदीवारी थी। जिसके मध्य में बंगल

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सलिल का डाक्टर अमीत रंजन से बात करना......

30 सितम्बर 2022
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सलिल अचंभे में पड़ गया। डाक्टर साहब द्वारा कही गई बातें थी ही कुछ ऐसी कि सलिल तो क्या, किसी को भी अचंभे में डाल सकता था। मामला जितना उसने समझा था कि आसान है, उतना लग नहीं रहा था। अभी तो अमीत रंजन के मु

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विभूति बिला.......

1 अक्टूबर 2022
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रात के दस बच चुके थे। लेकिन विभूति बिला में तो जैसे रात का कोई प्रभाव ही नहीं हो। विशाल बंगला, अपने में वैभव और संपन्नता को समेटे हुए। आगे विशाल लाँन, जिसमें विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे लगे हुए थे, जिस

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रोमील को ड्रग्स पैडलर की तलाश.......

2 अक्टूबर 2022
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रात के करीब ग्यारह बजे सलिल पुलिस स्टेशन पहुंचा। वैसे तो उसे जमकर भूख लगी हुई थी, इसलिये रास्ते में ही उसने डिनर के लिए आँडर दे दिए थे। ऐसे में पुलिस स्टेशन पहुंच कर सलिल ने रोमील को गेट पर ही खड़ा कर

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पांचों द्वारा शिकार की तलाश......

3 अक्टूबर 2022
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जंगलों के बीच वे पांचों टाँर्च की रोशनी में तलाशी ले रहे थे। पांचों अलग- अलग दिशा में निकलते और एक जगह आकर मिल जाते। ऐसे ही उन लोगों की तलाशी चल रही थी और इस तरह से घंटा बीत चुका था, परन्तु उनके हाथ न

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रोमील से ड्रग्स पैडलर की मुलाकात.......

4 अक्टूबर 2022
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रोमील की नजर उस लाल टी-शर्ट बाले पर गई और वो उसे अपलक देखने लगा। बस सामने बाले युवक ने जैसे ही देखा कि सलिल उसकी ओर ही देख रहा है, अपनी जगह से उठा और उसके करीब आकर बैठ गया। एक तो वियर बार में ग्राहकों

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विभूति खेमका का पुलिस स्टेशन जाना........

5 अक्टूबर 2022
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हलांकि आथर्व को पुलिस स्टेशन ले जाता देखकर विभूति खेमका ने अपने वकील रसिक नंदानी को फोन कर दिया था। विभूति खेमका इस बात को भलीभाँति जानते थे कि अगर आथर्व के पुलिस कस्टडी में होने की बात मीडिया बालों क

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आथर्व से पुछताछ.......

6 अक्टूबर 2022
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टाँर्चर रूम में चेयर पर बैठा हुआ आथर्व बस सलिल को ही देखे जा रहा था। रूम की जलती नीली रोशनी में उसका मासूम चेहरा उदास-उदास सा दिख रहा था, लेकिन आँखें चमक रही थी। रात के अढाई बज चुके थे और अब तक विभूति

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विभूति खेमका का मंत्री से मिलना.......

8 अक्टूबर 2022
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पुलिस स्टेशन से निकलने के बाद विभूति खेमका जैसे हार गए हो। उनके कदम आगे बढाने की रफ्तार इतनी थी कि उनके साथ चल रहे वकील साहब, उनका पत्नी और सेक्रेटरी शालिनी, सभी के सभी हैरान-परेशान थे। उन्हें तो समझ

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सलिल का स्वप्न.........

9 अक्टूबर 2022
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सड़क पर पुलिस की गाड़ियां सरपट दौड़ती जा रही है। आगे बाली कार में सलिल एवं रोमील है, जबकि पुलिस जिप्सी में आथर्व को बिठाया गया है। जबकि जिप्सी के पीछे पुलिस की वान चल रही है। सलिल ने "आथर्व " के सुरक्षा

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रजौती फार्म हाउस में रिंकेश के द्वारा मंत्रणा........

10 अक्टूबर 2022
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सुबह के छ बजने के साथ ही वायुमंडल में सूर्य की सतरंगी किरण फैल गई और लगा कि जैसे प्रकृति ने अंगड़ाई ली हो। सुबह की प्रथम रश्मि के धरती पर प्रथम स्पर्श होते ही लगा कि जैसे सब कुछ खिल सा गया हो। साथ ही र

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सलिल का शांतनु देव से मिलना...........

11 अक्टूबर 2022
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शांतनु देव गहरी निंद में सोया हुआ था।वैसे ही वह रात को देर से पार्टी से लौटा था, तो एक तो नशा, दूसरे थकावट, गहरी निंद तो आनी ही थी। इसलिये शांतनु देव घोड़े बेच कर सो रहा था और सोता भी क्यों नहीं, अकेला

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मंत्री हर्ष वर्धन..........

12 अक्टूबर 2022
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विभूति खेमका ने कार को पोर्च में खड़ी की और वकील के साथ बाहर निकला। इस समय विभूति खेमका की चाल बता रही थी कि वो किस कदर परेशान है। वैसे तो उसने मंत्री साहब को फोन करके सारी बात की जानकारी दे दी थी, परन

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सलिल एवं शांतनु देव का पुलिस स्टेशन लौटना........

13 अक्टूबर 2022
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पुलिस स्टेशन में रोमील चहलकदमी कर रहा था। सुबह के आठ बजने बाले थे, ऐसे में पुलिस स्टेशन में हलचल तेज हो गई थी। फिर तो एक्स्ट्रा पुलिस फोर्स भी पुलिस स्टेशन पहुंच गए थे। परन्तु.....सलिल का अभी तक कोई प

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पुलिस से अपराधियों का मुठभेङ........

14 अक्टूबर 2022
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पुलिस से मुठभेड़ हो जाने के कारण उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई थी। एक जहां रमेश को दाएँ बांह में पुलिस की गोली लगी थी, वही अकील खान पुलिस के चंगुल में फंस गया था। हालात इतनी तेजी से बदले थे कि उनके हौसल

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कोर्ट में सलिल एवं शांतनु देव........

14 अक्टूबर 2022
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सलिल एवं शांतनु देव जब आँफिस में पहुंचे, देखा कि रोमील पहले से ही "आथर्व" को लेकर उनके आँफिस में बैठा हुआ था। वैसे आथर्व की चढती हुई आँखें बतला रही थी कि "उसके उपर ड्रग्स का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रही

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रमेश की हत्या........

16 अक्टूबर 2022
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साढे़ बारह बजे रिंकेश फार्म हाउस में लौटा। उसने कार को पोर्च में पार्क की और तेजी से हाँल की तरफ बढा। इस समय उसके हाथ में थैली थी, वह दवाईंया एवं इंजेक्शन जो खरीद कर लाया था रमेश के लिए। वह जब से यहां

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अकील खान से पूछताछ........

16 अक्टूबर 2022
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सलिल ने शांतनु देव को उसके आँफिस पर छोड़ दिया था। हलांकि शांतनु देव के द्वारा आग्रह किया गया था कि भोजन साथ में ही कर लेते है। परन्तु सलिल को इस बात की अनुभूति थी कि "शांतनु देव" अभी तक कुंआरा है और ऐस

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संवाद तक" न्यूज कार्यालय........

17 अक्टूबर 2022
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दोपहर दो बज चुके थे और इसके साथ ही वातावरण में उष्णता बढ गई थी। लेकिन उससे ज्यादा उष्णता उस बहुमंजिला इमारत के अंदर फैली हुई थी, जिसके होर्डिंग बोर्ड पर लिखा हुआ था, "संवाद तक न्यूज कार्यालय"। यह मीडि

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सलिल के द्वारा आथर्व को वियर बार ले जाना.......

18 अक्टूबर 2022
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शाम के छ बजते ही सलिल अपनी शीट से उठ खड़ा हुआ। वैसे उसने अपने सारे काम निपटा लिए थे, इसलिये किसी प्रकार की चिन्ता नहीं थी। साथ ही उसने रोमील को समझा दिया था कि "समय पर आथर्व को ड्रग्स के डोज" दे-दे, जि

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रिंकेश एवं मनोहर का वियर बार जाना.........

18 अक्टूबर 2022
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शाम होते ही रिंकेश एवं मनोहर फार्म हाउस से बाहर निकले। वैसे तो रमेश की स्थिति सही नहीं थी। उसकी वेदना बढती जा रही थी और चेहरा पीला जर्द पड़ चुका था। उसकी स्थिति इस तरह की हो गई थी कि लगता था कि "अब उसे

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आथर्व के द्वारा वियर बार में नृत्य करना........

18 अक्टूबर 2022
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रात के आठ बज चुके थे और इस दरमियान उन चारों ने हलक में तीन-तीन लार्ज पैक स्काँच के उतार लिए थे। तो स्वाभाविक ही था कि नशा उनपर हावी होने लगे। कुछ तो सलिल जानबूझ कर नशे में है, इस तरह से प्रदर्शित कर र

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रमेश की लाश को रिंकेश द्वारा दफन किया जाना........

19 अक्टूबर 2022
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रात के दस बज चुके थे।रमेश के प्राण पखेरू उड़े हुए आधा घंटे से ज्यादा का समय हो चुका था। परन्तु अभी तक उन तीनों के चेहरे पर फैली हुई घबराहट कम नहीं हुई थी। वैसे मनजीत एवं मनोहर के चेहरे पर घबराहट के साथ

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विप्लव एवं आशुतोष के द्वारा पुलिस की कार का पीछा किया जाना........

19 अक्टूबर 2022
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पुलिस की कार सरपट सड़क पर भागी जा रही थी। सलिल सावधानी के साथ कार को ड्राइव कर रहा था, लेकिन उसके दिमाग में तो तूफान सा चल रहा था। सोचने पर विवश हो गया था सलिल कि "आखिर मामला किस तरह का हो सकता है?"। व

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विभूति खेमका का" बंगले की ओर लौटना.......

20 अक्टूबर 2022
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रात के दस बजे विभूति खेमका अपने बंगले की ओर लौट रहे थे। वैसे उन्हें आज पूरा दिन लग गया था इस जानकारी को जुटाने में लग गए कि अंतिम बार आथर्व के साथ कौन-कौन थे?.....बस अपने प्रयासों में जुटे विभूति खेमक

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आथर्व का बीते दिनों की यादों में लौटना.......

20 अक्टूबर 2022
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रात के गहराते आलम ने जैसे शहर को अपने आगोश में समेट लिया था,....फिर भी जीता-जागता शहर होने के कारण चारों तरफ प्रकाश का साम्राज्य फैला हुआ था। जीवंतता फैले होने के कारण पूरा शहर अभी धड़कन की तरह धड़क रहा

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आथर्व एवं कुंजल की पार्टी........

20 अक्टूबर 2022
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विभूति बिला से फार्चुनर निकली और सड़क पर फूल गति से भागने लगी। वैसे तो कार में इस समय आथर्व अकेला बैठा हुआ था और कार ड्राइव कर रहा था। शाम का समय, धीरे-धीरे चारों तरफ अंधेरे का साम्राज्य छाने लगा था, प

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होटल "लियार्ड".........

21 अक्टूबर 2022
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होटल "लियार्ड"।यहां ज्यादातर पार्टियां ही अटैंड की जाती थी, क्योंकि होटल फाइव स्टार था। यहां हर एक सुविधा मौजूद थी, जो अमीरों को अपनी ओर आकर्षित करें। होटल का विशाल कंपाऊंड, जिसमें स्वीमिंग पुल, विदेश

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आथर्व एवं कुंजल की अय्याशी........

21 अक्टूबर 2022
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होटल के हाल में आथर्व खेमका एवं कुंजल जोशी ने इधर -उधर देखा। तब तक उनके पास होटल का मैनेजर दौड़ कर आ गया और दोनों को उधर ले गया, जिधर उनके लिए टेबुल लगाई गई थी। खास उनके लिए ही, बेहतरीन अंदाज में, सभी

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आथर्व के द्वारा "पंकिल" को देख लिया जाना.......

21 अक्टूबर 2022
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रात के नौ बज चुके थे, ऐसे में अंधेरे ने पूरी तरह साम्राज्य जमा लिया था। लेकिन शहर का अंधेरा क्या बिगाड़ लेगी, जब पूरा शहर रोशनी में नहाया हुआ हो।....तभी तो सड़क पर जैसे जिंदगी तैरती हुई नजर आ रही थी। आत

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पंकिल पर आथर्व का दानत बिगङना और पिकनीक की योजना बनाना......

22 अक्टूबर 2022
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सुबह के प्रभात किरणों के आने के साथ ही विभूति बिला चमक उठा। जैसे सूर्य की किरणों ने आकर उसके सौंदर्य को निखार दिया हो।....तभी तो विभूति बिला में नौकरों का हलचल बढ गया।.....फूलों के क्यारियों को जल देन

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आथर्व एंड टीम का पिकनीक पर निकलना.....

23 अक्टूबर 2022
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दोपहर का समय, अप्रैल महीने की शुरुआत होने के कारण धूप में उतनी तीव्रता नहीं थी। तभी तो आथर्व ने दोपहर को ही पिकनीक स्पाँट पर चलने का फैसला किया था।.....वैसे भी रात के आठ-नौ बजे लौट कर आ जाने का इरादा

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रजौती फार्म हाउस में बर्थडे पार्टी.......

23 अक्टूबर 2022
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शाम के चार बज रहे थे, परन्तु रजौती फार्म हाउस के हाँल में तो अभी से रोशनी जला दी गई थी। कारण भी तो था अभी से रोशनी जलाने का, क्योंकि वहां पर अभी पार्टी आयोजित करने का प्लान था और पार्टी होता भी क्यों

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आथर्व एवं कुंजल की रासलीला और रिंकेश के द्वारा पकङ लिया जाना......

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उनका पूरा गुट नशे के गिरफ्त में आ चुका था। क्योंकि आथर्व ने बहुत चालाकी के साथ उन लड़कियों के वियर में स्काँच मिला दी थी। आथर्व तो बस यही चाहता था कि वे लड़कियां नशे में पूरी तरह चूर हो जाए, खासकर पंकिल

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आथर्व एंड टीम का रजौती फार्म हाउस में फंसना......

24 अक्टूबर 2022
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रात के आठ बज चुके थे और इसके साथ ही चारों तरफ अंधेरे का साम्राज्य फैल चुका था। परन्तु इस अंधेरे का प्रभाव रजौती फार्म हाउस पर नहीं हो रहा था,....क्योंकि वह पूरी तरह रोशनी से नहाया हुआ था। चारों तरफ उज

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विभूति खेमका के द्वारा आथर्व की तलाश........

26 अक्टूबर 2022
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रात के बारह बज चुके थे,....परन्तु विभूति बिला में अभी भी हलचल था और हलचल हो भी क्यों नहीं?...आथर्व जो अभी तक नहीं लौटा था। हाँल में इस समय विभूति खेमका एवं संयुक्ता खेमका बैठे हुए थे। हाँल में जल रहे

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आथर्व का" बीते दिनों की यादों से वापस लौटना.......

26 अक्टूबर 2022
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इसके बाद उन्होंने पंकिल के डेड बाँडी को वही फार्म हाउस के अंदर कहीं दफना दिया। बोलने के बाद आथर्व ने चुप्पी साध ली। इस समय उसके आँखों से आँसू की धारा बह रही थी। हां, आथर्व वर्तमान में लौट चुका था,....

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पुलिस टीम के द्वारा रजौती फार्म हाउस पर छापा........

26 अक्टूबर 2022
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सुबह के पांच बजने के साथ ही चारों तरफ हलचल मच गया।.....कारण कि "संवाद तक न्यूज" जो दिखला रहा था, वो शहर के उष्णता को बढाने के लिए काफी था। एक तो लोगों ने अभी-अभी बिस्तर को त्यागा था, दूसरे उनके सामने

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रजौती फार्म हाउस से लाशों की बरामदगी एवं कुंजल का जिंदा बचना........

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सुबह के पांच बजे।विभूति खेमका की जैसे ही आँख खुली, वे बेडरूम से निकल कर हाँल में आए और आदतन टीवी चालू की और जैसे ही उनकी नजर टीवी पर गई, न्यूज देखकर एक पल के लिए उनके होश उड़ गए।.....उन्होंने तो कल्पना

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सलिल का शांतनु देव से मिलना......

27 अक्टूबर 2022
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सलिल जब से रजौती फार्म हाउस से लौटा था, फाइलों में खोया हुआ था। उसे करीब एक घंटा हो चुका था, रजौती फार्म हाउस से आए हुए। मनोहर एवं मनजीत को हवालात में डाल दिया गया था। काम करते हुए सलिल को थकावट सी मह

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विभूति खेमका एवं माधव जोशी का मंत्री हर्ष वर्धन से सामना होना.......

27 अक्टूबर 2022
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विभूति खेमका अब तक आँफिस के कामों को निपटाने में लगे हुए थे। हलांकि उसने माधव जोशी से फोन पर बात की थी। जिसका परिणाम हुआ था कि माधव जोशी ने पहले तो उसे काफी खरी-खोटी सुनाई थी। फिर उन्होंने जब जोशी को

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शांतनु देव के द्वारा सलिल को नसीहत........

28 अक्टूबर 2022
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दिन के करीब एक बजे सलिल एवं शांतनु देव अपने काम से फ्री हुए। उन्होंने जज साहब से मिलकर इस केस के बारे में जानकारी दे-दी थी। अब शांतनु देव को यही करना था कि" इस केस के सुनवाई के लिए केस की फाइल तैयार क

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विभूति खेमका का मंत्री संदीप भेकला को आँफर देना.........

28 अक्टूबर 2022
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हाँस्पिटल से निकल कर विभूति खेमका एवं माधव जोशी कार में बैठे। फिर तो उनकी कार हाँस्पिटल गेट से निकलते ही सरपट दौड़ने लगी।....परन्तु ड्राइव कर रहे खेमका का चित बिल्कुल शांत नहीं था। उनके दिमाग में तो बस

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एस. पी. साहब के द्वारा सलिल पर दबाव बनाया जाना.........

28 अक्टूबर 2022
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हाँस्पिटल से निकलते ही सलिल की नजर एस. पी. साहब पर गई , जो कि हाँस्पिटल के बाहर किनारे कार के सहारे ड़े थे। सिगरेट का कश खींचते हुए एस. पी. साहब, जिनकी नजर हाँस्पिटल गेट पर ही टिकी हुई थी। सलिल तो पहले

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विभूति खेमका का क्रिमिनल सत्येंद्र त्यागी से मिलना.........

28 अक्टूबर 2022
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फिर तो विभूति खेमका ने मंत्री हर्ष वर्धन से मुलाकात किया था और अब मंत्री के आवास से निकल रहे थे। उनका सोचना सही ही था, माधव जोशी अंदर मंत्री के बातों पर कितनी ही बार व्याकुल हुआ था। कितनी ही बार अंदर

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सलिल के पिता शरत पांडे का आना........

28 अक्टूबर 2022
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एस. पी. साहब से विदा लेने के बाद सलिल जाना तो पुलिस स्टेशन चाहता था, परन्तु पिता के फोन काँल आ जाने के बाद उसको अपने विचार बदलने पड़े थे। वैसे भी, सलिल अपने पिता से घबराता था और इस कारण से ही नर्वस हो

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शांतनु देव का विभूति खेमका से मिलना......

29 अक्टूबर 2022
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सलिल के चले जाने के बाद शांतनु देव हाँस्पिटल से निकला था। वैसे तो उसका इस तरह से चले जाना, शांतनु देव को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था, परन्तु करता भी तो क्या?....परिस्थिति विचलित थी और विपरीत समय में

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कोर्ट में रजौती फार्म हाउस केस की सुनवाई.......

29 अक्टूबर 2022
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अगले दिन सुबह-सुबह ही शहर में चर्चा का बाजार गर्म था। चारों तरफ बस इसी के चर्चे थे कि" आज कोर्ट में क्या होगा?....बात भी सही था, क्योंकि इस केस ने तो शहर के मन मस्तिष्क को हलकान कर रखा था। स्वाभाविक ह

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सलिल की मुलाकात श्रुति से होना......

29 अक्टूबर 2022
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कोर्ट की कार्रवाई खतम हो चुकी थी और अपराधियों के साथ ही आथर्व को राम माधवन पुलिस स्टेशन ले गया था। जबकि सलिल रोमील के साथ अपने अपार्ट मेंट की ओर लौट रहा था। जानता था कि" खाने के समय तक अपार्ट मेंट पर

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सलिल की परेशानी......

29 अक्टूबर 2022
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बीतते दिनों के साथ ही सलिल की टेंशन बढती जा रही थी। हलांकि" कोर्ट में इस केस की सुनवाई फर्स्ट ट्रेक पर हो रहा था। रोज ही वादी-प्रतिवादी पक्षों की दलील, विभिन्न माध्यमों से जुटाए गए सबूत और कोर्ट के ती

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शांतनु देव का दुवारा विभूति खेमका से मिलना........

30 अक्टूबर 2022
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कोर्ट से निकलने के बाद शांतनु देव सीधे अपने आँफिस पर पहुंचा था, क्योंकि उसे अगले दिन की कार्रवाई के लिए तैयारी जो करनी थी और जब से लौटा था, बस काम में ही उलझा हुआ था।.....परन्तु उसका मन काम में लग नही

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सलिल पर अपराधियों के द्वारा हमला........

30 अक्टूबर 2022
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सलिल के करीब आकर बैठ जाने के बाद शांतनु देव ने उसे भरपूर नजर देखा और मुस्करा कर उसकी ओर मुखातिब हुआ।सलिल!.....लगता है कि" तुम मेरे पीछे ही लगे हुए थे, तभी तो यहां पर वियर बार में मेरे साथ-साथ ही आए हो

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वियर बार से पुलिस स्टेशन के लिए सलिल का लौटना........

31 अक्टूबर 2022
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अपराधियों के भाग जाने के बाद रोमील एवं राम माधवन लौट कर सलिल के पास आ गए। तब तक शांतनु देव भी उसके करीब पहुंच चुका था और करीब पहुंचने के बाद शांतनु देव ने उससे सीधे प्रश्न ही किया था।क्या हुआ सलिल?...

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कोर्ट की सुनवाई........

31 अक्टूबर 2022
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सुबह को सलिल की निंद खुली और वो फटाफट तैयार होने के लिए वाथरुम की ओर बढा। लेकिन इससे पहले उसने रोमील को भी जगा दिया, जो कि" लंबी-लंबी खर्राटे खींच रहा था। अचानक से निंद से जगा दिए जाने के कारण रोमील ए

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रिंकेश को होश में लाना......

1 नवम्बर 2022
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अपार्ट मेंट पर दो-दो घूंट शराब के लगाने के बाद सलिल रोमील के साथ वापिस पुलिस स्टेशन आ गया। श्रुति एवं पापा के चले जाने के बाद उसके दिमाग से टेंशन का बोझ कम हो चुका था। तभी तो वो आँफिस के काम निपटाने म

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शहर में आक्रोश एवं मंत्री हर्ष वर्धन की मौत........

2 नवम्बर 2022
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सुबह के चार बजे से ही पुलिस स्टेशन में हलचल बढ गया था। हलांकि" सलिल ने उसको रजौती फार्म हाउस ले जाकर शिनाख्त करवा लिया था और उसके बयान रिकार्ड करवा लिए थे। इस पूरी कार्रवाई को निपटाने में उसे पूरी रात

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कोर्ट में कुंजल की पेशी और सुनवाई.......

3 नवम्बर 2022
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कोर्ट का आदेश मिलते ही देर रात गए कुंजल को सलिल ने देर रात गए गिरफ्तार कर लिया। हलांकि कुंजल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसके अजीवो-गरीब पागलों जैसे हरकत ने तो सलिल को विह्वल ही कर दिया था। किन्तु"

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अंतिम भाग.......कोर्ट" का फैसला......

4 नवम्बर 2022
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सलिल को अचानक ही अपने पापा के आने के कारण आश्चर्य की अनुभूति हो रही थी। फिर भी, यह उसके लिए सुखद अनुभव था कि" इस रजौती फार्म हाउस केस का फैसला आने बाला था और उसके पापा उसके पास आ चुके थे। हलांकि" वे न

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