पुस्तक में मैंने अपने जिन्दगी के गुजारे पलों के अनुभव को कविता में उतारने की कोशिश की है । अधिकतर कविता प्रेम और विरह पे लिखी गई है। इसमें मैंने अपने मन के उद्वेगों को लिपिबद्ध किया है। यह किसी पेशेवर लेखक की तरह नहीं बल्कि आपके बिच रहने वाले किसी इंसान की मन की बात को बस पक्तिंबद्ध कर दिया गया हैं। आगे विचार के लिए आप सभी पठकों और शब्द के समस्त सदस्यों पर छोड़ता हूँ।
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