इधर सम्राट माहिरा से छुप - छुप कर मिलता रहा । सम्राट ने अपने चाल चल दी थी । उसने माहि को बताया था कि अर्जिता नहीं चाहती है कि हमदोनों एक साथ रहे । उसने मुझसे कहा था कि वो मुझे पसंद करती है । शायद इसलिए नहीं चाहती कि मैं तुम्हारे साथ रहूं ।
माहिरा - नही ! ऐसा नहीं कर सकती है अरु । मेरी अरु ऐसी नहीं है !
अब आगे ..
सम्राट अपनी गंदी चाल चलते हुए बोला - माही !यह प्यार है । किसी को किसी से कभी भी हो सकता है । यही बात अर्जिता के साथ भी हुआ है । वह मुझे प्यार करने लगी है । वो हम दोनों एक साथ देख कर जेलस होती है ।बेचारी माहिरा उसके झांसे में जाती है । उसकी बात मान लेती है और उस दिन से माहिरा अर्जिता से थोड़ा दूर - दूर रहने लगती है । अर्जिता भी कुछ दिनों से नोट कर रही होती है कि माहि उससे कुछ दूर - दूर रह रही है ।
अर्जिता ने एक दिन पूछा - माही तुम्हें नहीं लग रहा क्या कि आज -कल हम एक - दूसरे से कुछ कम मिल रहे हैं ?
माही - यार अरु पापा बोल रहे थे कि इस बार मेरा उन्हें 1st रैंक चाहिए । तो वही पढ़ाई में ध्यान दे रही हूं ।
अर्जिता - ओ ...अच्छा ! ऐसा है । ठीक है फिर मैं भी आज पढ़ाई पे पूरा फोकस करूंगी । ये बताने के थैंक्यू सो माच .. मेरी जान😊 । माहिरा सिर्फ स्माईल😊 करके और वहां से क्लास रूम में चली गयी । माहि दो क्लालेज अटेंड करती है और फीर अपना बैग लेकर बाहर आ जाती है । ये देख कर अर्जिता भी उसके पीछे आते हुए बोली - माहि तुम 1 वीक से संस्कृत कि काल्स क्यों नहीं ले रही हो ?
माहि बाहाना बनाते हुए बोली - यार ! मुझे संस्कृत समझ में नहीं आता है । इसलिए मैं इस पिरियड में मैं
S. S .T की पढ़ाई करती हूँ । गार्डन एरिया में और रही बात संस्कृत कि पढ़ाई की तो वो पापा से मैं घर पर पढ़ लूंगी ।
अर्जिता - ओह ! अच्छा तब जाओ तुम और अर्जिता क्लास रूम में आकर बैठ कर सोचने लग जाती है कि पहले तो माहि ने कभी नही कहा कि मुसे संस्कृत समझ नही आती है । जरूर कुछ बात है , और वो क्लास रूम से निकलकर गार्डन एरिया में चलि गई । अर्जिता ने सामने जो देखा उसे देखकर वो दंग रह गई । अरे ! ये क्या ? ये तो बोली थी ये स्टडी करने आली है और यहा सम्राम के साथ ये - सब । ये देखकर अर्जिता को बहुत गुस्सा आता है और वो सिधा उन दोनों के पास जाकर खड़ी हो जाती है ।
माहि अर्जिता को वहां देख कर घबरा कर अटक - अटक कर बोली - अरु तुम यहां ! तुम्हें तो अभी क्लास में होना चाहिए था ।
अरु गुस्से में बोली - हाँ ! मैं यहां हूँ । तुम्हारे सामने तुम देख सकती हो । और माहि तुम तो यहां स्टडी करने आयी थी ना । हा ! फीर ये - सब क्या है ?
अरु को ऐसा करते देख कर माहि को पूरा यकिन हो गया कि सम्राट सच कह रहा था कि अरू सम्राट को चाहती है । इसलिए हम दोनों को एक साथ नहीं देखना चाहती है ।
( इधर सम्राट मन ही मन स्माईल कर रहा था । वो मन ही मन अपनी जीत का जश्न मना रहा था । उसने जो चाल चली थी उसे देखने के लिए वो एक्साइटेड था । )
माहिरा जो अब तक अपने अंदर जल रहे आग को दबाये बैठी थी। आज माहिरा टोंट करते हुए अर्जिता से - क्यूं ? जलन हो रही है । मुझे सम्राट के साथ देखकर और वो सम्राट को हग करते हुए बोली - सैमी जान हम दोनों को एक साथ देख कर लोग कितना जलस होते है ना ! और उनमें से ये भी है । जलकुकड़ी ! हि .. हि .. हसते हुए बोली - जलकुकड़ी अर्जिता ।माहिरा की बात सुनकर आज अर्जिता समझ चुकी थी कि सम्राट ने अपनी चाल चल दी है और तब अर्जिता सम्राट से मुखातिब होकर ताली बजाते हुए बोली - वाउ वेलडन सम्राट । जैसा मैंने सोचा था वैसा ही किया है तूने । आखिर किस हद तक गिरोगे तुम । वेल्डन👍🏻 क्या पुट्टी पढ़ाई है तूने , मेरे खिलाफ वाह !
सम्राट जहरीली स्माइल करते हुए बोला - मैंने कोई पट्टी वट्टी नहीं पढ़ाई है । जो सच है बस वही बताया है मैंने मेरी माही को । आखिर उसे भी तो जाना चाहिए कि जिस पर वो खुद से भी ज्यादा भरोसा करती है वही उसके पीछे धोखा दे रही है । वही उसके प्यार की दुश्मन बनी बैठी है । जिससे वह सबसे ज्यादा प्यार करती है । नहीं नहीं करती नहीं है । करती थी । वह क्या है ना अब माहि तुमसे प्यार नहीं करती है बल्की नफरत । वो भी करती है भी बहुत ज्यादा नफरत । जिसका तुम कभी सोची भी नहीं होगी ।
अर्जिता -अच्छा यह तो अभी पता चल जाएगा माही का नफरत किसके हिस्से में जाएगा और अर्जिता अपने बैग से फोन और कुछ पेपर्स निकाल कर दिखाते हुए बोली - क्या अब भी तुम्हें लग रहा है कि माहि तुमसे प्यार करेगी ? अर्जिता के हाथ में पेपर्स और फोन देख कर सम्राट का तो चेहरा एक -दम से सफेद पड़ गया ।
उसका सफेद चेहरा देखकर माहिरा बोली - सम्राट इन पेपर्स में ऐसा क्या है । जो तुम एक - दम से तुम्हारा चेहरा सफेद पड़ गया । जरा मैं भी तो देखूं इन पेपर्स को और जैसे ही वो अर्जिता से पेपर्स लेने गई ।
तो सम्राट माही का हाथ पकड़ कर बोला - यह झूठ है तुम इसके बहकावे में मत आना । यह हम दोनों को अलग करना चाहती है ।
क्रमशः .....