अर्जिता गुस्से से अपना आँख बंद करते हुए बोली - देखो सेजल हम कुछ और बाते करते हैं पर इस टॉपिक पर नहीं ।
सेजल - क्यू नहीं कर सकते ?
अर्जिता - क्यूंकि मुझे पसंद नहीं और मैंने तुम्हें सुबह में बताया भी था कि मुझे इन सब बातों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है बस ।
सेजल - पर मुझे तो इसी टॉपिक पे बात करनी है चाहे कुछ भी हो जाये । आज मैं सब जान कर ही रहूँगी ।
अब आगे .............
गुस्सा कंट्रोल करने के वजह से अर्जिता के आँखों से लगातार आँसू गिर रहे थे । अब तक अपने गुस्से को कंट्रोल में किए अर्जिता सेजल की बातों को सुन रही थी । अब अर्जिता सेजल पर लगभग चिखते हुए उसकी बाजु को पकड़ कर बोली । नफरत है मुझे प्यार शब्द से नफरत ..... । नफरत करती हूँ मैं उन लोगों से जो प्यार में एक -दूसरे को धोखा देते हैं । प्यार के नाम पर सौदेबाजी करते हैं और तुम जानना चाहती हो ना कि मैं अपने मन की बात क्यों नहीं बताती हूं तो सुनो क्योंकि ,मुझे लोगों पर विश्वास नहीं है और उसने ( अर्जिता ) एक दर्द भरी शेर बोला
काश भीतर झांकता आईना ...
आज ये दुर्दशा ना होती ...
प्यार के नाम पर ...
सौदेबाजी ना होती ...
और इतना कहकर अर्जिता सेजल को लगभग पीछे धक्का देते हुए कोर्ट में अकेले छोड़कर वापस अपने रूम में चली गई । सेजल वही कोर्ट में अपने सर पर हाथ रखकर🙆🏻♀️ बैठ गई और अपने सर पर हाथ रखते हुए बोली बाप रे इतना गुस्सा🤷🏻♀️ मैं तो पूछने से रही । अब तो उसका सामना करने का भी हिम्मत नहीं हो रहा मुझ में ।सेजल कुछ देर बाद सीधा मेस चली जाती है क्योंकि खाने का टाइम हो चुका था । अर्जिता नोट कर रही थी कि कोर्ट में हुए हादसे के बाद से सेजल उससे दूर दूर रह रही है अर्जिता जब भी सेजल की ओर देखती सेजल झट से अपनी नजर दूसरे और कर ले रही थी या किसी और से बातें करने लग जा रही थी ।वह आज अर्जिता के पास ना बैठ कर दूसरी लड़कियों के पास बैठी थी । अर्जिता को बहुत बुरा लग रहा था ।उसे अपने किए पर पछतावा हो रहा था ।आज ना हीं अर्जिता ने खाना खाया और ना ही सेजल ने ।दोनों बिना खाए ही वापस हॉस्टल चली गई । अपने बेड पर लेट कर सेजल कुछ पढ़ने की कोशिश कर रही थी । लेकिन बार-बार उसका ध्यान भटक जा रहा था । वो सोच रही थी । काश ! मैं अरु से ये बात की ही ना होती । आज मेरी वजह से उसने खाना नहीं खाया । अर्जिता भी उदास होकर यही सोच रही थी । आज मेरी वजह से सेजू खाना नहीं खायी । मैंने बेवजह उस पर गुस्सा कर दिया ।वह तो बस मेरे बारे में कुछ जानना चाहती थी । मैं जाकर उससे सॉरी बोल देती हूं । यही सही रहेगा ।मै सेजू जैसी प्यारी दोस्त को नहीं खो सकती और उसे वो बात भी बता दूंगी ।यह सोचते हुए अर्जिता उठी और सेजल के पास जाने लगी । सेजल जब देखी कि अर्जिता उसके पास आ रही है तो वो अपने हाथ में लिए बुक को अपने चेहरे के पास लाकर पढ़ने की एक्टिंग करने लगी ।क्योंकि उसे पता था कि अर्जिता उसके पास ही आ रही है । उसकी एक्टिंग अर्जिता भी समझ रही थी ।
अर्जिता ( सेजल )उसके पास जाकर बोली - क्या मैं तुम्हारे पास बैठ सकती हूं ?
सेजल बुक में मुंह घुसाए ही बोली -अगर तुम्हारा ये फॉर्मेलिटी पूरी हो गई हो तो तुम बैठ सकती हो । वैसे आज से पहले ऐसे नहीं पूछा था ।फिर आज क्यूं ?
सेजल अर्जिता का मजा लेते हुए बोली - लग रहा है कोई बात है ।
अर्जिता -क्योंकि आज से पहले कभी इतनी घटिया हरकत जो मैंने नहीं की थी तुम्हारे साथ ।
अर्जिता की बात सुनकर सेजल अपना बुक बंद करते हुए बोली - नहीं अरु गलती मेरी है तुम्हारे मना करने के बावजूद भी मैंने तुमसे वही पूछा जो तुम बताना नहीं चाहती थी । तब अर्जिता सेजल के हाथ को अपने हाथ में लेते हुए बोली - पर अब मैं तुम्हें बताना चाहती हूं ।
सेजल - नहीं अरु अगर तुम्हें ये बात बताने से दुख होगा या गुस्सा आयेगा ।तो मुझे ये बात नहीं जाननी । रहने दो ।
अर्जिता - नहीं कोई गुस्सा कोई दुख नहीं होगा ।फिर अर्जिता दोनों हाथों से अपना कान पकड़कर भोली सूरत बनाकर बोली - I'm really very sorry सेजू । मुझे माफ कर दो । मुझे तुमपर चिखना नहीं चाहिए था । ये बात मैं तुमसे नॉर्मली भी बोल सकती थी । पता है सेजू जब भी मैं उस बात के बारे में सोचती हूँ तो मुझे बहुत गुस्सा आ जाता है । प्यार शब्द सुनकर मेरे अंदर नफरत सा होने लगता है । नफरत होने लगता है मुझे हर उस इंसान से जो प्यार के नाम पर सिर्फ धोखा देते हैं । मेरा मन करता है उनका गला घोंट दूँ । ये बात कहते कहते अर्जिता के आँखें अंगारे की तरह लाल हो गया था । अर्जिता का ये रूप देखकर सेजल डर रही थी । फिर सेजल थोड़ा हिम्मत करके पूछी - क्या ऐसा तुम्हारे साथ हुआ है ?
अर्जिता शून्य में देखते हुए बोली - नहीं !मेरे साथ नहीं हुआ था ।
सेजल - तो फिर किसके साथ हुआ था ।
अर्जिता वैसे ही बूत सी बनी बैठी आंखों में अंगारे लिए हुए बोली - मेरी दोस्त माहिरा के साथ ।
सेजल - और वो लड़का ?वह कौन था ?
अर्जिता एक गहरी सांस छोड़ते हुए उसी मुद्रा में बैठे हुए बताना शुरू की - मेरे ही स्कूल से था । हमारा सीनियर । दिखने में हैंडसम और एट्रेक्टीव । उसके बात करने से लगता था । उसके अंदर संस्कार कूट-कूट कर भरे हैं । चाहे जूनियर हो या सीनियर सबसे एकदम नॉर्मल विहेव करता था । ऐसा लगता था । वाऊ ... इसके जैसा लड़का तो ढूंढने से भी नहीं मिल सकता ।उसकी इसी नेचर की वजह से मेरे स्कूल की बहुत सी लड़कियों का उस पर क्रश था । उसमें से माहिरा भी थी । एक दिन माहिरा स्कूल के कैंपस में झूले पर बैठी थी । तभी वहां सम्राट आया और माहिरा को हेलो ! बोल कर उसके पास वाली झूले पर बैठ गया ।
क्रमशः .....