एकाएक सम्राट ग्लास उठाया और श्रेया की होंठ से लगा दिया - पीयो नहीं तो मैं तुमसे नाराज हो जाऊंगा । और हां ! तुम्हें तो ऑरेंज जूस पसंद है ना तो फिर ! और मैंने इसमें विटामिंस की गोलियां भी डाली है । जो तुम्हें और तुम्हारे बच्चे के लिए बेहद जरूरी है । .
अब आगे ...
तो तुम्हें इसे पीना होगा । श्रेया की होंठ से लगा कर चलो मुह खोलो हा .... गुड ! यह हुई ना बात । फिर श्रेया हाथ में ग्लास पकड़ाते हुए कहा - पूरा का पूरा फिनिश करना है तुम्हें । ताकि तुम जल्दी से हॉस्पिटल से बाहर आ सको । घुंट - घुंट करके पूरा जूस पीने लगी ।
सम्राट की आंखों में बला की चमक और होठों पर एक जहरीली मुस्कान थीरक रही थी ।
श्रेया उसको ग्लास पकड़ाते हुए बोली - पूरा पी लीया अब खुश !
सम्राट - यस आई एम वेरी हैप्पी । और श्रेया को कंधे से पकड़ कर बेड पर लेटा दिया और कहा अब तुम रेस्ट करो ।
सम्राट - हाय मेरी जान ! वह श्रेया के सिरहाने खड़ा होकर व्यंग भरे लहजे में बोला - मैं तुमसे पहली बार अपनी कुछ सच्चाई बताने जा रहा हूं ।
श्रेया अपने भावों को सिकुड़ते हुए कहा - पहली बार । क्या मतलब है तुम्हारा ?
सम्राट - हाँ !पहली और शायद आखरी बार भी ।
फीर वो श्रेया से कहा - तुम्हें क्या लगता है ? तुम जो वो गालिया खाई वो विटमींस के थे ? नहीं - नहीं - नहीं ऊ .. हु .. वो कोई विटमिंस की गोलियां नहीं थी ।
श्रेया अटक - अटक कर घबराते कर पूछी - तो .. तो कि . किस चीज की गोलियां थी ?
सम्राट - रुको - रुको मैं बता रहा हूँ । इतनी जल्दी क्या तुम्हें । थोड़ा मजे लेकर सुनों की तुम्हारी मौत कैसे होगी । फीर जहली मुस्कान लिए बताना शुरू किया - पहले !तुम जो विटामिंस की गोलियाँ ली हो उससे मेरा बहुत फायदा होने वाला है । बहुत ज्यादा जितना की तुम सोच नहीं सकती हो । अब तुम्हारी मौत कैसे होगी ये सुनो । पहले तो तुम्हारे दिल कि धड़कने तेज होगी ।फिर जैसे-जैसे वो गोलियों का तुम पर असर होगा । तुम्हारे सिने का दर्द धीरे ..धीरे ... आहिस्ता .. आहिस्ता बढ़ता जायेगा । तुम दर्द से तड़पोगी हेप्ल माँगोगी । पर तुम्हारी हेल्प करने के लिए यहाँ कोई नहीं होगा । फीर अचानक तुम्हारे दिल की धड़कन बहुत तेज धड़केगा और शांत हो जायेगा । फीर तुम राम की प्यारी हो जाओगी । उसने एक राक्षसी हंसी हसी ।
श्रेया पसिने से भिंगी और रो-रो कर बोली - पर .. तु .. तुमने तो कहा था कि वो विटामिंटस की गोलिया है वो मुझे और मेरे बच्चे के लिए जरूरी है ।
सम्राट राक्षसी हंसी हसकर कहा - मैंने कहा और तुने मान भी लिया । .हा .. हा .. हा 😁😁 पता है तुम लड़कियो की प्रोब्लम क्या है ? तुम सब बहुत जल्द बुद्ध बन जाती हो । तुम लड़कियां बहुत जल्दी किसी पर यकिन कर लेती हो । जिसका नतिजा तुम देख रही हो अभी ।
हा .. हा .. हा .. हा😁😁 बेचारी ! तुम तो भरी जवानी में ही मर जाओगी । जवानी की मजे नहीं ले पाओगी । उफ ... । क्या करू ? करना पड़ा मुझे ऐसा मजबूरी में । क्योंकि मुझे उस अमीरजादी माहिरा की प्रोपर्टी हासिल करनी है और तुम उस रास्ते की एक बड़ा रोड़ा बनकर खड़ी हो । चलो अब जल्दी से टाटा - बाय - बाय ! करो इस धोखेबाज दुनियाँ को । तुम मरोगी तभी तो मैं माहिरा से शादि रचाऊंगा और उसकी प्रोपर्टी का मालिक बनूगां ।
श्रेया के आखों से लगातार आंसू निकल रहा था ।
अचानक ही श्रेया के हाथ उसके सिने के लेफ्ट साइड पर चले गए ।वह बेड पर छटपटाने लगी उसके मुंह से दबी दबी और दर्द भरी आवाज निकलने लगी । अ ... अ ... ई ... . । सम्राट स्टूल से उठ गया । श्रेया सम्राट को इशारे से डॉक्टर को बुलाने को कह रही थी । श्रेया बेड से उठने की कोशिश कर रही थी । लेकिन वापस गिर गई । वह अपना दोनों एड़ियां बेड पर रगड़ने लगी । तड़प रही श्रेया का शरीर ऐठा और घुटने मुड़कर उसके पेट से जा लगा - फिर एक दम से उसका शरीर ढीला पड़ गया ।
दिल से चाहने की मुझे सजा देते हो ।
मैं रोती हूँ और तुम मज़ा लेते हो ॥
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सम्राट राक्षसी मुस्कान लिए बोला - प्लान इज सक्सेसफुल ।😁 और वो वहा से चला गया ।
उसके मौत पर रोने वाला उसका कोई अपना नही था । क्योंकि श्रेया एक अनाथ थी । उसकी लाश लावारिश की तरह हॉस्पीटल के बेड पर पड़ा था । कोई नहीं था उसका अपना जो उसे इंसाफ दिला सके ।
(साँग )
कोई तो हो मेरा अपना
कोई तो सहारा हो
गम मेरे ठेहर तो जाए
कोई तो किनारा हो
ठेस ऐसी दिल पे लगी
क्या गुनाह हमारा था
मांगते है ये खुदा से
प्यार ना दुबारा हो
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अब आगे ...
विडियो बंद हुई ।
👨🏻⚖️मिस्टर पाठक - माय लॉट क्या अब भी किसी सबुत की जरूरत है ।
👩🏻💼जज साहिबा - ऑडर ! ऑडर ! तममा सबुतों और गवाहों को मध्यनजर रखते हुए अदालत इस नतिजे पर पहुंचती है , कि मुजरिम सम्राट को धारा 302 के तहर उम्रकैद कि सजा सुनाई जाती है । द केस इज क्लोज्ड !!
फीर सारे लोग खड़े होकर एक साथ श्रेया के आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना किये ।
माहिरा - सम्राट के पास गयी और कहा
कहानी बूरी नहीं थी इश्क़ मेरी ।
बस ...
तेरे जैसे कुछ किरदार धोखेबाज निकले ॥
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ये कहकर माहिरा कोर्ट से बाहर चली गयी ।
इंस्पेक्टर रणविजय - वेलडन 👍🏻 अर्निता ! तुमने समय रहते माहिरा को बचा लिया । और एक कातिल को उसकी असली जगह पहुंचा दिया । अगर तुम ना होती तो एक कातिल खुलेआम घूमता । थैंक्यू तुम मेरी बहुत हेल्प की हो।
क्रमशः ....