इंस्पेक्टर रणविजय - वेलडन 👍🏻 अर्जिता ! तुमने समय रहते माहिरा को बचा लिया । और एक कातिल को उसकी असली जगह पहुंचा दिया । अगर तुम ना होती तो एक कातिल खुलेआम घूमता । थैंक्यू तुमने मेरी हेल्प कर दी एक कातिल को पकड़वाकर ।
अब आगे ...
अर्जिता - सर इसमे थैंक्यू की क्या बात है । मैंने तो बस मेरी दोस्त को बचाया है । बाकि का काम तो आप ही ने किया है ।
इंस्पेकटर रणविजय - ये तो तुम्हारी बड़प्पन है अर्जिता कि तुम इस काम का श्रेय मुझे दे रही हो ।
अच्छा अब मैं चलता हूं ।
घर जाकर माहि अर्जिता को what's app की।
अर्जिता अपने फोन पर माहि का M S G देख वो तुरन्त अपना ? app ओपन कि और देखी उसने एक शेर और सांग सेंड की थी ।
शेर
" मै कहती नहीं की तुम इश्क़ मत करना ।
मगर किसी मुसाफिर का जल्दी ऐतबार मत करना ॥
साँग
तस्वीर मन में
बस यार की
तस्वी पढ़ी
तेरे प्यार की ...
दिल ये मेरा तेरे
दिल से जा मिला है
रब से जिसको मंगा
तू वो सिला है
तकदीर जबसे
तुझसे जुड़ी है
जाम - ए -
मोहब्बत ज़ह - ए- आशिकी है
पुछो ना पुछो ना
पुछो ना
हम सताए हुए हैं
सताए
हुए हैं
ये इश्क तुम ना करना
ये रोग ही लगाये
दफ़न खुद करे हैं
फिर सोख भी मनाये
फिर सोख भी मनाये
ये इश्क़ तुम ना करना
ये रोग ही लगाये
दफ़न खुद करे हैं
फिर सोख भी मनाए
फिर सोख भी मनाये
आशिकों के दिल में
ये आस भी लगाये
फिर आस को बुझाके
ये आग भी लगाये
फिर आस को बुझके
ये आग भी लगाये
कोई तो हो मेरा अपना
कोई तो सहारा हो
गम मेरे ठेहर तो
जाए कोई तो किनारा हो
ठेस ऐसी दिल पे लगी
क्या गुनाह हमारा था
मांगते है ये खुदा से
प्यार ना दुबारा हो
प्यार ना दुबारा हो
तकदीर जबसे
तुझसे जुडी है
जाम - ए -
मोहब्बत ज़ह - ए - आशिकी है
पुछो ना पुछो ना
पुछो ना
हम सताए हुए हैं
सताए
हुए हैं
ये इश्क़ तुम ना करना
ये रोग ही लगाये
दफ़न खुद करे हैं
फिर सोख भी मनाये
फिर सोख भी मनाये
अर्जिता वो शेर और सांग सुन कर उदास हो जाती है माहि के लिए ।
ये कहते हुए अजिता बोली तब से मुझे प्यार शब्द से नफरत हो गया । मेरा प्यार शब्द से विश्वास उठ गया ।
सेजल को अर्जिता से श्रेया और माहि की दुख भरी कहानी सुनकर उसे बहुत दुख होता है । सेजल अपना दोनों हाथ जोड़ कर उपर देखते हुए बोली - हे ! भगवान ! श्रेया की अत्मा को शान्ति मिले । अगर श्रेया का दूसरा जन्म हुआ हो तो मेरी आपसे एक विनती है । इस समय वो जहां कहीं भी हो आप उसके डेस्टेनि में बेहिसाब प्यार लिख देना । जो उसे उसके पिछले जन्म नहीं मिल सका ।
सेजल - अर्जिता इस समय तुम्हारी दोस्त माहिरा कहां हैं ?
अर्जिता - उस हादसे के बाद माहि एक दम चुप - चुप सी रहने लगी । माहि की ये हालत उसके मम्मी पापा से नहीं देखा जा रहा था । उन्हें नहीं पता था कि उनकी बेटी जो हमेशा उछलती रहती थी वो अब क्यू उदास शांत और खोई - खोई सी क्यूं रही है ।
एक दिन आंटी मुझे बुला कर माहि की उदासी के बारे में पूछा की माहि कुछ दिनों से क्यूं उदास और चुप - चुप सी रही है । तो मैं उस आंटी को सारी बात बता दि की माहि के साथ क्या हुआ है । और वो इसी वजह से उदास है ।
तब आंटी और अंकल ने माहि कि शादि करने की फैसला ली । क्यूंकि उन्हें डर था की कही माहि अपने साथ कुछ गलत ना कर ले और उसकी शादी एक अच्छे विजनेस मैन लड़के से हो गई । और अब वो एक खुशहाल जिंदगी जी रही है ।
क्रमशः ....